रामगढ़: अरगड्डा कोलियरी क्षेत्र के गिद्दी परियोजना को स्थानीय रैयत विस्थापित मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर बंद कर दिया है. दरअसल, स्थानीय लोगों का कहना है कि सीसीएल कंपनी रैयत और विस्थापितों की जमीन पर कोयला खनन का कार्य कर रही है लेकिन आज तक इन्हें केवल आस्वासन मिला है. विस्थापित रैयतों को न ही मुआवजा मिला है और न ही नौकरी.
बीच सड़क पर बैठे ग्रामीण
बता दें कि गिद्दी बस्ती के मूल रैयत विस्थापित ग्रामीणों दो दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. इन्होंने उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग के काम को पूरी तरह से ठप कर रखा है. मूल रैयत विस्थापित महिला पुरुष बच्चे गिद्दी कोलियरी में बीच सड़क पर ही मुआवजे की मांग लेकर बैठ गए हैं.
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विस्थापितों की मांगें
मूल रैयत विस्थापितों की मांग है कि सीसीएल विस्थापितों को नौकरी दें, उन्हें उनके जमीन का उचित मुआवजा दें और पुनर्वास की व्यवस्था करें. उसके बाद ही वह लोग अपना आंदोलन खत्म करेंगे. विस्थापितों का यह भी आरोप है कि उनकी 4 पीढ़ी गुजर गई है तब से सीसीएल प्रबंधन ने उनकी 5 एकड़ से अधिक भूमि पर कोयला उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग का काम कर रहा है लेकिन आज तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला. सीसीएल हर बार उन्हें आश्वासन ही देता आ रहा है, जिसके विरोध में विस्थापितों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है. बता दें कि गिद्दी कोलियरी में उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग का कार्य पूरी तरह से ठप हो जाने से सीसीएल को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
27 सितंबर से अघोषित आंदोलन कर रहे थे ग्रामीण
गिद्दी बस्ती के विस्थापित लोग अपनी मांगों को लेकर पिछले 27 सितंबर से लगातार अघोषित आंदोलन कर रहे थे. उन्होंने अपनी जमीन पर टेंट लगाकर वहां दो-तीन कमरे का निर्माण कर लिया था. उसके बाद भी सीसीएल प्रबंधक की नींद नहीं खुली, जिसे देखते हुए विस्थापितों ने सीसीएल गिद्दी कोलियरी में उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग का काम पूरी तरह से ठप कर दिया.
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विस्थापितों का क्या है आरोप
पूरे मामले को लेकर विस्थापित गिद्दी बस्ती के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में लिखित शिकायत भी की है. विस्थापित ग्रामीणों का आरोप है कि सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक जीएम और सीसीएल गिद्दी परियोजना के प्रबंधन जबरन उनकी करीब 5 एकड़ जमीनों पर खनन का कार्य कर रही है. विरोध करने पर झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज देने की धमकी सीसीएल के अधिकारी देते हैं. उनका कहना है कि सीसीएल ग्रामीणों की जमीनों का बिना अधिग्रहण किए ही उनकी जमीनों पर कब्जा कर खनन करना चाहता है. अपने इन आरोपों को लेकर विस्थापितों ने मुख्यमंत्री जनसंवाद में एक पत्र भी भेजा है. अपने लिखे इस पत्र में उन्होंने अपने-अपने परिवारों की जान-माल की रक्षा की भी गुहार लगाई है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने सीसीएल अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से ही इंकार कर दिया.