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रैयत विस्थापित बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर, मुख्यमंत्री जनसंवाद को पत्र भेज सीसीएल प्रबंधन से जान-माल के रक्षा की लगाई गुहार - रैयत विस्थापित बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर

रामगढ़ के अरगड्डा कोलियरी क्षेत्र के गिद्दी परियोजना को स्थानीय रैयत विस्थापित मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर बंद कर दिया है. विस्थापितों का आरोप है कि सीसीएल प्रबंधन ने आज तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया है. वे केवल आश्वासन ही दे रही है. ऐसे में अपनी मांगों को लेकर विस्थापित आंदोलन पर हैं.

प्रदर्शन करते विस्थापित
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Published : Oct 17, 2019, 7:56 PM IST

रामगढ़: अरगड्डा कोलियरी क्षेत्र के गिद्दी परियोजना को स्थानीय रैयत विस्थापित मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर बंद कर दिया है. दरअसल, स्थानीय लोगों का कहना है कि सीसीएल कंपनी रैयत और विस्थापितों की जमीन पर कोयला खनन का कार्य कर रही है लेकिन आज तक इन्हें केवल आस्वासन मिला है. विस्थापित रैयतों को न ही मुआवजा मिला है और न ही नौकरी.

देखें पूरी खबर

बीच सड़क पर बैठे ग्रामीण
बता दें कि गिद्दी बस्ती के मूल रैयत विस्थापित ग्रामीणों दो दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. इन्होंने उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग के काम को पूरी तरह से ठप कर रखा है. मूल रैयत विस्थापित महिला पुरुष बच्चे गिद्दी कोलियरी में बीच सड़क पर ही मुआवजे की मांग लेकर बैठ गए हैं.

ये भी पढ़ें: पति पत्नी के साथ करता था अप्राकृतिक यौनाचार, भेजा गया जेल

विस्थापितों की मांगें
मूल रैयत विस्थापितों की मांग है कि सीसीएल विस्थापितों को नौकरी दें, उन्हें उनके जमीन का उचित मुआवजा दें और पुनर्वास की व्यवस्था करें. उसके बाद ही वह लोग अपना आंदोलन खत्म करेंगे. विस्थापितों का यह भी आरोप है कि उनकी 4 पीढ़ी गुजर गई है तब से सीसीएल प्रबंधन ने उनकी 5 एकड़ से अधिक भूमि पर कोयला उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग का काम कर रहा है लेकिन आज तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला. सीसीएल हर बार उन्हें आश्वासन ही देता आ रहा है, जिसके विरोध में विस्थापितों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है. बता दें कि गिद्दी कोलियरी में उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग का कार्य पूरी तरह से ठप हो जाने से सीसीएल को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

27 सितंबर से अघोषित आंदोलन कर रहे थे ग्रामीण
गिद्दी बस्ती के विस्थापित लोग अपनी मांगों को लेकर पिछले 27 सितंबर से लगातार अघोषित आंदोलन कर रहे थे. उन्होंने अपनी जमीन पर टेंट लगाकर वहां दो-तीन कमरे का निर्माण कर लिया था. उसके बाद भी सीसीएल प्रबंधक की नींद नहीं खुली, जिसे देखते हुए विस्थापितों ने सीसीएल गिद्दी कोलियरी में उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग का काम पूरी तरह से ठप कर दिया.

ये भी पढ़ें: तीन साल बाद भी नहीं मिली फसल बीमा योजना की राशि, 2016 से किसान लगा रहे दफ्तरों के चक्कर

विस्थापितों का क्या है आरोप
पूरे मामले को लेकर विस्थापित गिद्दी बस्ती के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में लिखित शिकायत भी की है. विस्थापित ग्रामीणों का आरोप है कि सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक जीएम और सीसीएल गिद्दी परियोजना के प्रबंधन जबरन उनकी करीब 5 एकड़ जमीनों पर खनन का कार्य कर रही है. विरोध करने पर झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज देने की धमकी सीसीएल के अधिकारी देते हैं. उनका कहना है कि सीसीएल ग्रामीणों की जमीनों का बिना अधिग्रहण किए ही उनकी जमीनों पर कब्जा कर खनन करना चाहता है. अपने इन आरोपों को लेकर विस्थापितों ने मुख्यमंत्री जनसंवाद में एक पत्र भी भेजा है. अपने लिखे इस पत्र में उन्होंने अपने-अपने परिवारों की जान-माल की रक्षा की भी गुहार लगाई है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने सीसीएल अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से ही इंकार कर दिया.

रामगढ़: अरगड्डा कोलियरी क्षेत्र के गिद्दी परियोजना को स्थानीय रैयत विस्थापित मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर बंद कर दिया है. दरअसल, स्थानीय लोगों का कहना है कि सीसीएल कंपनी रैयत और विस्थापितों की जमीन पर कोयला खनन का कार्य कर रही है लेकिन आज तक इन्हें केवल आस्वासन मिला है. विस्थापित रैयतों को न ही मुआवजा मिला है और न ही नौकरी.

देखें पूरी खबर

बीच सड़क पर बैठे ग्रामीण
बता दें कि गिद्दी बस्ती के मूल रैयत विस्थापित ग्रामीणों दो दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. इन्होंने उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग के काम को पूरी तरह से ठप कर रखा है. मूल रैयत विस्थापित महिला पुरुष बच्चे गिद्दी कोलियरी में बीच सड़क पर ही मुआवजे की मांग लेकर बैठ गए हैं.

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विस्थापितों की मांगें
मूल रैयत विस्थापितों की मांग है कि सीसीएल विस्थापितों को नौकरी दें, उन्हें उनके जमीन का उचित मुआवजा दें और पुनर्वास की व्यवस्था करें. उसके बाद ही वह लोग अपना आंदोलन खत्म करेंगे. विस्थापितों का यह भी आरोप है कि उनकी 4 पीढ़ी गुजर गई है तब से सीसीएल प्रबंधन ने उनकी 5 एकड़ से अधिक भूमि पर कोयला उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग का काम कर रहा है लेकिन आज तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला. सीसीएल हर बार उन्हें आश्वासन ही देता आ रहा है, जिसके विरोध में विस्थापितों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है. बता दें कि गिद्दी कोलियरी में उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग का कार्य पूरी तरह से ठप हो जाने से सीसीएल को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

27 सितंबर से अघोषित आंदोलन कर रहे थे ग्रामीण
गिद्दी बस्ती के विस्थापित लोग अपनी मांगों को लेकर पिछले 27 सितंबर से लगातार अघोषित आंदोलन कर रहे थे. उन्होंने अपनी जमीन पर टेंट लगाकर वहां दो-तीन कमरे का निर्माण कर लिया था. उसके बाद भी सीसीएल प्रबंधक की नींद नहीं खुली, जिसे देखते हुए विस्थापितों ने सीसीएल गिद्दी कोलियरी में उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग का काम पूरी तरह से ठप कर दिया.

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विस्थापितों का क्या है आरोप
पूरे मामले को लेकर विस्थापित गिद्दी बस्ती के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में लिखित शिकायत भी की है. विस्थापित ग्रामीणों का आरोप है कि सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक जीएम और सीसीएल गिद्दी परियोजना के प्रबंधन जबरन उनकी करीब 5 एकड़ जमीनों पर खनन का कार्य कर रही है. विरोध करने पर झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज देने की धमकी सीसीएल के अधिकारी देते हैं. उनका कहना है कि सीसीएल ग्रामीणों की जमीनों का बिना अधिग्रहण किए ही उनकी जमीनों पर कब्जा कर खनन करना चाहता है. अपने इन आरोपों को लेकर विस्थापितों ने मुख्यमंत्री जनसंवाद में एक पत्र भी भेजा है. अपने लिखे इस पत्र में उन्होंने अपने-अपने परिवारों की जान-माल की रक्षा की भी गुहार लगाई है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने सीसीएल अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से ही इंकार कर दिया.

Intro:अरगड्डा कोलवरी क्षेत्र के गिद्दी परियोजना को स्थानीय रैयत विस्थापित मोर्चा आपने मांगों को लेकर गिद्दी कोलावरी को अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर
बंद कर दिया है सीसीएल कंपनी रैयत व विस्थापितों की जमीन पर कोयला खनन का कार्य कर रही है लेकिन आज तक इन्हें केवल आस्वासन मिला है आज तक विस्थापित रैयतों न ही मुआबजा मिला और न ही नौकरी । विस्थापित रैयत गिद्दी ए परियोजना को बंद करा दिया है जिससे सीसीएल को अब तक लाखों के नुकसान हो चुका है ।




Body:गिद्दी बस्ती के मूल रैयत विस्थापित ग्रामीणों ने सीसीएल गिद्दी कोलियरी में लगातार दूसरे दिन भी उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग का काम को पूरी तरह से ठप करा रखा है मूल रैयत विस्थापित महिला पुरुष बच्चे गिद्दी कोलियरी में बीच सड़क पर ही बैठकर अपने हक ,अधिकार और मुआवजा के लिए कल 16 अक्टूबर से आंदोलन शुरू किया है मूल रैयत विस्थापितों की मांग है कि सीसीएल पहले विस्थापितों को नौकरी दे मुआवजा दे पुनर्वास की व्यवस्था करें उसके बाद ही वह लोग अपना आंदोलन खत्म करेंगे विस्थापितों का यह भी आरोप है कि उनकी 4 पीढ़ी गुजर गई सीसीएल प्रबंधन उनकी 5 एकड़ से अधिक भूमि पर कोयला उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग का काम कर रहा है लेकिन आज तक उन्हें हक मुआवजा नहीं मिला सीसीएल हर बार उन्हें आश्वासन ही देता आ रहा है जिसके विरोध में विस्थापितों ने आंदोलन का रूप लिया है गिद्दी कोलियरी में उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग का कार्य पूरी तरह से ठप हो जाने से सीसीएल को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है

गिद्दी बस्ती के विस्थापित लोग अपने हक सम्मान और मुआवजा को लेकर 27 सितंबर से लगातार अपनी जमीन पर टेंट लगाकर रह रहे थे और उसी जमीन पर दो-तीन कमरे का निर्माण भी कर लिया है उसके बाद भी सीसीएल प्रबंधक की नींद नहीं खुली जिसके कारण मजबूर होकर विस्थापितों ने सीसीएल गिद्दी कोलियरी मैं उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग का काम पूरी तरह से ठप कर दिया है। विस्थापित सीसीएल गिद्दी परियोजना प्रबंधन और सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं पूरे मामले को लेकर विस्थापित गिद्दी बस्ती के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में लिखित शिकायत भी की है विस्थापित ग्रामीणों का आरोप है कि सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक जीएम और सीसीएल गिद्दी परियोजना के प्रबंधन जबरन उनकी करीब 5 एकड़ जमीनों पर खनन का कार्य कर रही है विरोध करने पर झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज देने की धमकी सीसीएल के अधिकारी देते हैं विस्थापित ग्रामीणों की मांग है कि सीसीएल पहले उनकी जमीनों को अधिग्रहण कर नौकरी मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था करें उसके बाद ही जमीन पर खनन का कार्य शुरू करें ग्रामीण अपनी जमीन देने के लिए तैयार हैं लेकिन सीसीएल ग्रामीणों की जमीनों को बिना अधिग्रहण किए ही उनकी जमीनों पर कब्जा कर खनन करना चाहता है और विस्थापितों को उनके हक अधिकार और मुआवजे से वंचित करने का प्रयास कर रहा है विस्थापित ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जनसंवाद ने लिखे अपने पत्र में अपने-अपने परिवारों की जान माल की रक्षा की भी गुहार लगाई है ।

पूरे मामले में जब सीसीएल के अधिकारियों से पूछा गया तो गेट बंद कर बिना कुछ कहे भाग निकले।


बाईट :- विस्थापित महिला 1

बाईट :-विस्थापित पुरुष 2

बाईट :-ccl अधिकारीConclusion:
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