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कार्तिक पूर्णिमा पर मां छिन्नमस्तिका मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता, दामोदर और भैरवी नदी में लगाई डुबकी

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिका मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. दामोदर और भैरवी नदी में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और दान-पुण्य किए.

devotees gathered at chinnamastika temple ramgarh
छिन्नमस्तिका मंदिर
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Published : Nov 30, 2020, 11:40 AM IST

रामगढ़: कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर आज रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अहले सुबह से ही देखने को मिला. सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र दामोदर-भैरवी नदी के संगम स्थल पर पावन डुबकी लगाकर स्नान ध्यान किया. इसके साथ ही मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त कर परिवार की सुख-शांति की कामना कर दान-पुण्य किए.

देखें पूरी खबर

कार्तिक पूर्णिमा में मनोकामनाएं होती है पूरी

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा को ही ‘कार्तिक पूर्णिमा’ कहते हैं. हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. पुराणों के अनुसार इस दिन जो मनुष्य विधि-विधान से पूजा करने के बाद दान-पुण्य करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

पावन स्नान को लेकर व्यापक इंतेज़ाम
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. यहां श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर मां भगवती के दर्शन किए. कोविड-19 के दौरान जिला प्रशासन और मंदिर न्यास समिति ने इसको लेकर व्यापक इंतेज़ाम किए हैं. सभी श्रद्धालुओं को नियमों का पालन कराते हुए मंदिर में प्रवेश कराया गया. इससे पहले दामोदर-भैरवी संगम में पावन स्नान किए.

ये भी पढ़े- चतराः परिजन करा रहे थे बाल विवाह, चाइल्ड लाइन ने रुकवाया

क्या है मान्यता

मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर शक्तिपीठ में पावन डुबकी लगाने और मां के दर्शन से फल की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही दान करने से मन को शांति मिलती है. इस संबंध में रजरप्पा मंदिर के पुजारी पप्पू पंडा ने कहा कि इस रोज स्नान ध्यान करने से लोग पुण्य के भागी बनते हैं. मंदिर न्यास समिति ने पंचवटी आश्रम में भंडारा का आयोजन किया है.

रामगढ़: कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर आज रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अहले सुबह से ही देखने को मिला. सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र दामोदर-भैरवी नदी के संगम स्थल पर पावन डुबकी लगाकर स्नान ध्यान किया. इसके साथ ही मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त कर परिवार की सुख-शांति की कामना कर दान-पुण्य किए.

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कार्तिक पूर्णिमा में मनोकामनाएं होती है पूरी

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा को ही ‘कार्तिक पूर्णिमा’ कहते हैं. हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. पुराणों के अनुसार इस दिन जो मनुष्य विधि-विधान से पूजा करने के बाद दान-पुण्य करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

पावन स्नान को लेकर व्यापक इंतेज़ाम
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. यहां श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर मां भगवती के दर्शन किए. कोविड-19 के दौरान जिला प्रशासन और मंदिर न्यास समिति ने इसको लेकर व्यापक इंतेज़ाम किए हैं. सभी श्रद्धालुओं को नियमों का पालन कराते हुए मंदिर में प्रवेश कराया गया. इससे पहले दामोदर-भैरवी संगम में पावन स्नान किए.

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क्या है मान्यता

मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर शक्तिपीठ में पावन डुबकी लगाने और मां के दर्शन से फल की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही दान करने से मन को शांति मिलती है. इस संबंध में रजरप्पा मंदिर के पुजारी पप्पू पंडा ने कहा कि इस रोज स्नान ध्यान करने से लोग पुण्य के भागी बनते हैं. मंदिर न्यास समिति ने पंचवटी आश्रम में भंडारा का आयोजन किया है.

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