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रामगढ़ः भौम भारत संस्था ऐसी मनाती है दशहरा, अलग है इनका अंदाज - भ्रष्टाचार रूपी रावण के पुतले के सामने हवन

रामगढ़ की भौम भारत संस्था अपने अलग अंदाज से दशहरे का त्योहार मनाती है. यह संस्था रावण का दहन नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार रूपी रावण के पुतले के सामने हवन कर देश से भ्रष्टाचार खत्म करने की कामना करती है.

भ्रष्टाचार रूपी रावण के पुतले के सामने हवन
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Published : Oct 8, 2019, 6:13 PM IST

रामगढ़ः ऐसी मान्यता है कि दशहरे के दिन रावण दहन करने से असत्य पर सत्य की जीत होती है और बुराई पर अच्छाई की जीत होती है. बरसों से रावण के पुतले को ही दहन किया जाता है, लेकिन रामगढ़ के भौम भारत संस्था विजयजशमी के दिन कुछ अलग अंदाज से दशहरा मनाती है.

देखें पूरी खबर

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भौम भारत संस्था विजयदशमी के दिन भ्रष्टाचार रूपी रावण के पुतले के सामने हवन करते हैं और देश से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए प्रार्थना करते हैं. दूसरी तरफ संस्था के लोग भष्टाचार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी करते हैं. वहीं, इस कार्यक्रम के आयोजक का कहना है कि यह कार्यक्रम का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि देश में फैले भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके.

रावण की पूजा जरूरी नहीं है, बल्कि मजबूरी है. अपने अंदर से अहंकार और स्वार्थ को खत्म करना ही वास्तव में विजयादशमी उत्सव है. सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की जड़ काफी बढ़ चुकी है, इसे समाप्त करने के लिए हवन करना बहुत ही आवश्यक है. एक दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए दशहरा नहीं मनाना चाहिए. बल्कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और समस्या को दूर करने के लिए लड़ना चाहिए. तभी हमारे अंदर का रावण खत्म हो. जिस दिन देश के हर व्यक्ति के अंदर का रावण जल गया उसी दिन असली दशहरा मनाया जाएगा.

रामगढ़ः ऐसी मान्यता है कि दशहरे के दिन रावण दहन करने से असत्य पर सत्य की जीत होती है और बुराई पर अच्छाई की जीत होती है. बरसों से रावण के पुतले को ही दहन किया जाता है, लेकिन रामगढ़ के भौम भारत संस्था विजयजशमी के दिन कुछ अलग अंदाज से दशहरा मनाती है.

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भौम भारत संस्था विजयदशमी के दिन भ्रष्टाचार रूपी रावण के पुतले के सामने हवन करते हैं और देश से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए प्रार्थना करते हैं. दूसरी तरफ संस्था के लोग भष्टाचार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी करते हैं. वहीं, इस कार्यक्रम के आयोजक का कहना है कि यह कार्यक्रम का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि देश में फैले भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके.

रावण की पूजा जरूरी नहीं है, बल्कि मजबूरी है. अपने अंदर से अहंकार और स्वार्थ को खत्म करना ही वास्तव में विजयादशमी उत्सव है. सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की जड़ काफी बढ़ चुकी है, इसे समाप्त करने के लिए हवन करना बहुत ही आवश्यक है. एक दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए दशहरा नहीं मनाना चाहिए. बल्कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और समस्या को दूर करने के लिए लड़ना चाहिए. तभी हमारे अंदर का रावण खत्म हो. जिस दिन देश के हर व्यक्ति के अंदर का रावण जल गया उसी दिन असली दशहरा मनाया जाएगा.

Intro:देशभर में दशहरा के दिन असत्य पर सत्य की जीत बुराई पर अच्छाई की जीत को लेकर रावण के पुतले का दहन किया जाता है लेकिन रामगढ़ में सर्व भौम भारत संस्था विजया दशमी उत्सव अलग ही तरीके से मनाई। जहां लोग रावण के पुतले का दहन नही करते है बल्कि भ्रष्टाचार रूपी रावण के पुतले के आगे हवन किया .


Body:भ्रष्टातार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. आयोजकों ने कहा कि यह कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया गया था ताकि समाज देश में जो भ्रष्टाचार फैला है उसका खात्मा किया जा सके. रावण की पूजा जरूरी नहीं, बल्कि मजबूरी है। हमें अपने अंदर से अहंकार और स्वार्थ को खत्म करना ही वास्तव में विजयादशमी उत्सव है। इसलिए रावण हवन के माध्यम से यह काम किया जा सकता है। सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की जड़ काफी बढ़ चुकी है इसे समाप्त करने के लिए हवन करना बहुत ही आवश्यक है एक दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए दशहरा नहीं मनाना चाहिए बल्कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और समस्या को दूर करने के लिए लड़ना चाहिए तभी हमारे अंदर का रावण खत्म होगा वही असली दशहरा होगा ।


बाइट टी सी बॉबी (संस्था सदस्य)Conclusion:
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