रामगढ़: मांडू थाना क्षेत्र अंतर्गत 16 मई 2022 को हुई दुष्कर्म की वारदात में कोर्ट ने पिता को दोषी करार दिया है और 10 साल सश्रम कारावास के साथ 80 हजार का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जाएगी. एडीजे प्रथम शेषनाथ सिंह की कोर्ट ने तथ्य के आधार पर फिरोज को यह यजा सुनाई है.
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केस अनुसंधानकर्ता राजेश राय ने पूरे मामले की जांच पड़ताल कर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. जिसके बाद कोर्ट में पूरे मामले की बहस हुई थी. इस केस में कुल सात लोगों ने गवाही दी. जिसमें खुद पीड़िता के साथ मामले के अनुसंधान कर्ता राजेश कुमार राय, चिकित्सक निशात अहमद, स्कूल के हेड मास्टर, मजिस्ट्रेट, पीड़िता की मां और मौसी की गवाही को कलमबद्ध किया गया. इस दौरान पीड़िता की तरफ से प्रभारी लोक अभियोजक आलोक कुमार ने बारिकी और तथ्य के आधार पर कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को 10 साल की सजा के साथ 80 हजार का जुर्मना भी लगाया.
कोर्ट ने दोषी को 4/18 पोक्सो एक्ट में 10 साल सश्रम कारावास की सजा और 20 हजार रुपया का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा 10 पोक्सो एक्ट में 7 साल सश्रम कारावास और 20 हजार रुपया का जुर्माना लगाया है. वहीं 12 पोक्सो एक्ट में 3 साल सश्रम कारावास और 20 हजार का जुर्माना और 354 आईपीसी में 5 साल सश्रम कारावास और 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है. दोषी अगर जुर्माने की राशी को जमा नहीं करता है तो उसे अतिरिक्त सजा का भुगतना पड़ेगा.
क्या था मामला: 16 मई 2022 को फिरोज की 13 वर्षीय बेटी ने अपने पिता के खिलाफ ओपी में आवेदन देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. जो 15 मई 2022 को घटी थी. अगले ही दिन बेटी ने थाने में जाकर पिता पर उसके साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया. जिसके बाद पुलिस ने मांडू थाना कांड संख्या 88/2022 मामला दर्ज कर के जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. इसके साथ ही आरोपी फीरोज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.