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रजरप्पाः दामोदर नदी में क्यों आया उफान, क्या हैं पौराणिक मान्यताएं. जानिए पूरी खबर

बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण झारखंड में भारी बारिश से दामोदर, भैरवी समेत कई नदियों में उफान देखा गया. रामगढ़ में भी रजरप्पा मंदिर के पास नदी की तेज बहाव में कई दुकान बह गए. हालांकि जिले में नदी में उफान को पौराणिक मान्यताओं से जोड़कर देखा जा रहा है.

Damodar river in spate
दामोदर नदी में उफान
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Published : Aug 1, 2021, 12:17 PM IST

रामगढ़: बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण झारखंड में भारी बारिश से दामोदर, भैरवी समेत कई नदियां उफान पर रही. जिसको लेकर कई जिलों में अलर्ट भी जारी किया गया था. लेकिन जिले में दामोदर नदी में उफान को पौराणिक मान्यताओं से जोड़कर देखा जा रहा है. जिसके मुताबिक हरेक 3 से 4 साल में इस तरह की घटना की पुनरावृति होना किसी दैवीय शक्ति के उपस्थित होने का प्रमाण है.

ये भी पढ़ें- रामगढ़ में भैरवी नदी का रौद्र रूप, छिन्नमस्तिका मंदिर की सीढ़ियां डूबीं, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

क्या है पौराणिक मान्यता

कहानी किवदंतियों और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रामगढ़ के रजरप्पा में प्रसिद्ध छिन्नमस्तिके मंदिर के कारण हरेक 3 से 4 साल बाद दामोदर नदी में इस तरह का उफान देखा जाता है. कहानी के अनुसार दामोदर नदी मां के चरण स्पर्श करने रजरप्पा मंदिर पहुंचती है. इस दौरान जो भी बाधाएं आती हैं, उसे नदी तहस नहस कर देती है. सबसे बड़ी बात है कि इन तेज धाराओं में सबकुछ नष्ट हो जाता है लेकिन मंदिर को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है. मां का चरण स्पर्श कर दामोदर और भैरवी नदी शांत पड़ जाती है और फिर नदी का जलस्तर घट जाता है.

देखें वीडियो

झारखंड की गंगा है दामोदर नदी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दामोदर नदी को झारखंड की गंगा भी कहा जाता है. कथाओं के अनुसार दामोदर एक अत्याचारी राक्षस था, जिसका मां दुर्गा ने संहार किया था. दामोदर को मोक्ष प्राप्त होने के बाद मां दुर्गा ने उसे आशीर्वाद दिया था कि धरती के जिस क्षेत्र में गंगा प्रवाहित नहीं होगी उस क्षेत्र में तुम नदी के रूप में प्रवाहित होगे. लोग गंगा के समान तुम्हारी अराधना करेंगे और बाकी लोगों के मोक्ष का साधन तुम बनोगे और जिस जगह से तुम्हारी धारा गुजरेगी वो क्षेत्र खनिज और संपदा से परिपूर्ण हो जाएगा.

जिले के लिए वरदान है दामोदर

पौराणिक मान्याताएं जो भी हो, कहानी और कथाओं में कुछ भी कहा जाए इतना तो अवश्य है कि दामोदर नदी इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है. नदी किनारे स्थित कई परियोजनाओं से न केवल देश का विकास हो रहा है, बल्कि रोजगार और पानी का भी महत्पूर्ण स्त्रोत बना हुआ है. शुक्रवार (30 जुलाई 2021) को नदी में आए तेज उफान से भी मंदिर क्षेत्र को फायदा हुआ है. स्थानीय लोगों के मुताबिक नदी की तेज धार अपने साथ कई तरह की गंदगी को भी बहाकर ले जाती है जिससे पूरा मंदिर परिसर स्वच्छ हो जाता है. ये भी कारण है कि इस नदी को इस क्षेत्र में वरदान माना जाता है.

रामगढ़: बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण झारखंड में भारी बारिश से दामोदर, भैरवी समेत कई नदियां उफान पर रही. जिसको लेकर कई जिलों में अलर्ट भी जारी किया गया था. लेकिन जिले में दामोदर नदी में उफान को पौराणिक मान्यताओं से जोड़कर देखा जा रहा है. जिसके मुताबिक हरेक 3 से 4 साल में इस तरह की घटना की पुनरावृति होना किसी दैवीय शक्ति के उपस्थित होने का प्रमाण है.

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क्या है पौराणिक मान्यता

कहानी किवदंतियों और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रामगढ़ के रजरप्पा में प्रसिद्ध छिन्नमस्तिके मंदिर के कारण हरेक 3 से 4 साल बाद दामोदर नदी में इस तरह का उफान देखा जाता है. कहानी के अनुसार दामोदर नदी मां के चरण स्पर्श करने रजरप्पा मंदिर पहुंचती है. इस दौरान जो भी बाधाएं आती हैं, उसे नदी तहस नहस कर देती है. सबसे बड़ी बात है कि इन तेज धाराओं में सबकुछ नष्ट हो जाता है लेकिन मंदिर को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है. मां का चरण स्पर्श कर दामोदर और भैरवी नदी शांत पड़ जाती है और फिर नदी का जलस्तर घट जाता है.

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झारखंड की गंगा है दामोदर नदी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दामोदर नदी को झारखंड की गंगा भी कहा जाता है. कथाओं के अनुसार दामोदर एक अत्याचारी राक्षस था, जिसका मां दुर्गा ने संहार किया था. दामोदर को मोक्ष प्राप्त होने के बाद मां दुर्गा ने उसे आशीर्वाद दिया था कि धरती के जिस क्षेत्र में गंगा प्रवाहित नहीं होगी उस क्षेत्र में तुम नदी के रूप में प्रवाहित होगे. लोग गंगा के समान तुम्हारी अराधना करेंगे और बाकी लोगों के मोक्ष का साधन तुम बनोगे और जिस जगह से तुम्हारी धारा गुजरेगी वो क्षेत्र खनिज और संपदा से परिपूर्ण हो जाएगा.

जिले के लिए वरदान है दामोदर

पौराणिक मान्याताएं जो भी हो, कहानी और कथाओं में कुछ भी कहा जाए इतना तो अवश्य है कि दामोदर नदी इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है. नदी किनारे स्थित कई परियोजनाओं से न केवल देश का विकास हो रहा है, बल्कि रोजगार और पानी का भी महत्पूर्ण स्त्रोत बना हुआ है. शुक्रवार (30 जुलाई 2021) को नदी में आए तेज उफान से भी मंदिर क्षेत्र को फायदा हुआ है. स्थानीय लोगों के मुताबिक नदी की तेज धार अपने साथ कई तरह की गंदगी को भी बहाकर ले जाती है जिससे पूरा मंदिर परिसर स्वच्छ हो जाता है. ये भी कारण है कि इस नदी को इस क्षेत्र में वरदान माना जाता है.

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