रामगढ़: मुख्यालय डीएसपी संजीव कुमार मिश्र द्वारा अधिवक्ता भैरव ठाकुर के साथ रामगढ़ सिविल कोर्ट मुख्य द्वार के पास दुर्व्यवहार किये जाने के बाद अधिवक्ता आक्रोशित हो गये और देखते ही देखते अधिवक्ताओं की भीड़ सड़क पर उतर गयी. अधिवक्ताओं ने कोर्ट गेट के सामने सड़क पर खड़े होकर उसे पूरी तरह जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की. अधिवक्ता मुख्यालय डीएसपी से माफी मांगने और उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे. सड़क जाम की सूचना पर पहुंची रामगढ़ पुलिस तमाशबीन बनी रही. सड़क जाम हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया. जिसके कारण डीसी ऑफिस जाने वाले लोग जाम के कारण सड़क पर ही फंसे रहे.
अधिवक्ताओं ने दो बजे से शाम पांच बजे तक सड़क को पूरी तरह से जाम कर दिया. सड़क पर उतरे अधिवक्ताओं ने मुख्यालय डीएसपी से माफी मांगने, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, डीएसपी को निलंबित करने आदि की मांग की है. अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक मुख्यालय डीएसपी लिखित रूप से माफी नहीं मांगते. हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
डीएसपी पर प्रताड़ना का आरोप: इधर पीड़ित अधिवक्ता भैरव ठाकुर ने कहा कि मुख्यालय डीएसपी ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है. मैंने उनसे माफी भी मांगी. लेकिन वह नहीं माने. उन्होंने मुझे लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. भैरव ठाकुर ने बताया कि हर दिन की तरह वह कोर्ट के बाहर सड़क पर अपनी जगह से उतर रहे थे. इसी बीच डीएसपी मिश्रा सर आये और अपनी गाड़ी से उतर कर मेरे साथ दुर्व्यवहार करने लगे, मेरा कॉलर पकड़ लिया और अपने अंगरक्षकों को गाड़ी में बैठने को कहा, लेकिन जब दूसरे वकील ने कहा कि हम इसे आपके कार्यालय में लाएंगे, तो उन्होंने मुझे छोड़ा और जाते हुए मेरे गाड़ी की फोटो खीच ली. उन्होंने किसी भी मामले में फंसाने की धमकी भी दी है.
बड़े आंदोलन की चेतावनी: जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल ने कहा कि हमारे सम्मानित अधिवक्ता के साथ मुख्यालय डीएसपी द्वारा दुर्व्यवहार किया गया है. उन्होंने टीम बनाकर मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर जांच में मुख्यालय डीएसपी दोषी पाये जाते हैं तो उन्हें निलंबित किया जाये. अगर अधिवक्ता दोषी पाया गया तो हम जरूर कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक आंदोलन है. अगर मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे.
डीएसपी ने आरोप को बताया निराधार: मुख्यालय डीएसपी संजीव मिश्रा ने फोन पर बताया कि मैंने कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है. आरोप गलत है. उन्होंने बताया कि अधिवक्ता सिविल ड्रेस में थे. जब मेरे बॉडीगार्ड ने उन्हें सड़क पर गाड़ी पार्क करने से मना किया तो उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. जब मैंने उन्हें समझाया तो वे उलझने लगे. जिसके बाद मैंने उनसे उनका ड्राइविंग लाइसेंस मांगा. इसी बीच एक शख्स ने मुझसे कहा कि वह एक वकील हैं तो मैं अपने ऑफिस चला गया. बाद में मुझे पता चला कि वे मुझ पर दुर्व्यवहार का आरोप लगा रहे हैं. जो बिल्कुल गलत और निराधार है.
क्या है पूरा मामला: करीब 11 बजे सिविल कोर्ट के सामने सड़क किनारे अधिवक्ता भैरव ठाकुर अपनी गाड़ी से उतर रहे थे, जबकि मुख्यालय डीएसपी संजीव कुमार मिश्रा अपने कार्यालय जा रहे थे. तभी वहां से निकल रहे वकील भैरव ठाकुर कार के पीछे रुके और सड़क पर कार पार्क नहीं करने को लेकर दोनों के बीच मामला बढ़ गया और दोनों के बीच तीखी बहस होने लगी और देखते ही देखते मामला बढ़ गया.
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