रामगढ़: केदारनाथ त्रासदी के सात साल बाद दोबारा उत्तराखंड में तबाही का मंजर देखने को मिला है. रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन के पास रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने के कारण तबाही मच गई. रविवार सुबह उत्तराखंड में हुए बड़े हादसे में रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के चार मजदूर लापता हैं. उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी लिस्ट में चारों मजदूर के नाम आने के बाद परिजनों का बुरा हाल है.
एक महीना पहले गए थे टनल में काम करने
उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी लिस्ट में लापता लोगों में गोला प्रखंड क्षेत्र के ग्राम चोकाद के बिरसाय महतो, मिथिलेश महतो, कुलदीप महतो और ग्राम संग्रामपुर के मदन महतो नाम बताए गए हैं. इन मजदूरों के लापता होने की सूचना से गांव में अफरा-तफरी मच गई है और पूरे गांव में मातम छा गया है. सभी लापता मजदूर एक महीना पहले ही टनल में काम करने गए थे. उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे के बाद इन मजदूरों से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है. दूसरी ओर सरकार की ओर से इनके लापता होने की सूचना सूची जारी कर दी गई है.
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चारों मजदूरों की आर्थिक स्थिति खराब
चोकाद के बिरशे महतो की शादी 7 वर्ष पूर्व हुई थी. बिरशे महतो के परिवार में पत्नी और पिता हैं. मिथिलेश महतो के घर पर पत्नी समेत एक बच्ची और माता-पिता मौजूद हैं. कुलदीप महतो की पत्नी समेत दो बच्चे और पिता हैं. इन मजदूरों की माली हालत खराब है.इन लोगों की मजदूरी से ही परिवार के सदस्यों का भरण पोषण होता था. मजदूरों के लापता होने की सूचना पर परिवार के सदस्य काफी परेशान हैं, सभी का बुरा हाल है.