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रामगढ़ में 25 गांव के लोग अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर, पीवीयूएनएल और पुलिस के खिलाफ कर रहे नारेबाजी

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Published : Sep 17, 2020, 6:06 PM IST

रामगढ़ में 25 गांव के ग्रामीणों ने पीवीयूएनएल और पुलिस के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले गए हैं. ये लोग सैकड़ों की संख्या में पीवीयूएनएल और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं. इस दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है.

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अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर ग्रामीण

रामगढ़: जिले में 25 गांव के ग्रामीणों ने पीवीयूएनएल और पुलिस के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. इस दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पीवीयूएनएल और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे है. ग्रामीण नौकरी, पुर्नवास और मुआवजे के मांग को लेकर पीवीयूएनएल के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. कुछ लोग अपने-अपने गांवों और घरों में भी भूख हड़ताल पर हैं.

देखें पूरी वीडियो

पीवीयूएनएल के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर विस्थापितों ने 2 सितंबर से ही पीवीयूएनएल गेट के पास अनिश्चितकालीन धरना दे रहे थे, जिसके बाद टीवीयूएनएन ओनर ने उन्हें बताया कि जिनकी भी जमीनी गई हैं उन्हें पीटीपीएस से मुआवजा और नौकरी दे दी गई है, जिन लोगों को नौकरी या मुआवजा नहीं मिला था, उन्हें एनटीपीसी की ओर से सही कागजात दिखाने पर नौकरी दे दी गई है, लेकिन 6 सूत्री मांगों को लेकर विस्थापितों के नेता और पीवीयूएनएल के बीच बातचीत नहीं बनी, जिसके बाद रामगढ़ अनुमंडल पदाधिकारी ने कोविड-19 को देखते हुए पूरे क्षेत्र में 144 लागू कर दिया गया था, बावजूद इसके वे लोग धरनास्थल से हटने को तैयार नहीं थे, वार्ता के बाद 3 सितम्बर की रात को धरना खत्म करवाने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों के धरना को बल पूर्वक हटाया था. इस मामले में वहां तैनात मजिस्ट्रेट ने कोरोना काल में अत्यधिक भीड़ इकट्ठा करने और सोशल डिस्टेंस मेंटेन ना करने, साथ ही सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर 6 ग्रामीणों को नामजद करते हुए 200 अज्ञात ग्रामीणों पर पतरातू थाना में मामला दर्ज किया है.



वहीं दूसरी ओर ग्रामीण पुलिस के बलपूर्वक से धरना खत्म कराने के मामले में दोषी पुलिसवालों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, साथ ही ग्रामीणों पर हुए झूठे केस हटाने की भी मांग कर रहे है. इस मामले को लेकर ये ग्रामीण उस दिन से लगातार अपने अपने गांव में धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं. प्रदर्शन से कोई हल न निकलता देख ग्रामीणों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है.


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पतरातू एसडीपीओ चंद्र प्रकाश महतो ने बताया कि कोविड-19 में सरकार के गाइडलाइन के तहत भीड़ इकट्ठा नहीं करना है, ग्रामीणों से वार्ता कर बहुत समझाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन मानने को तैयार नहीं हैं, लेकिन जल्द ही इस मामले का निपटारा कर लिया जाएगा. ग्रामीणों को कहना है कि जमीन के बदले कई लोगों को आज तक न मुयावजा मिला, न नौकरी मिली और न पुर्नवास की व्यवस्था की गई है.

रामगढ़: जिले में 25 गांव के ग्रामीणों ने पीवीयूएनएल और पुलिस के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. इस दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पीवीयूएनएल और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे है. ग्रामीण नौकरी, पुर्नवास और मुआवजे के मांग को लेकर पीवीयूएनएल के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. कुछ लोग अपने-अपने गांवों और घरों में भी भूख हड़ताल पर हैं.

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पीवीयूएनएल के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर विस्थापितों ने 2 सितंबर से ही पीवीयूएनएल गेट के पास अनिश्चितकालीन धरना दे रहे थे, जिसके बाद टीवीयूएनएन ओनर ने उन्हें बताया कि जिनकी भी जमीनी गई हैं उन्हें पीटीपीएस से मुआवजा और नौकरी दे दी गई है, जिन लोगों को नौकरी या मुआवजा नहीं मिला था, उन्हें एनटीपीसी की ओर से सही कागजात दिखाने पर नौकरी दे दी गई है, लेकिन 6 सूत्री मांगों को लेकर विस्थापितों के नेता और पीवीयूएनएल के बीच बातचीत नहीं बनी, जिसके बाद रामगढ़ अनुमंडल पदाधिकारी ने कोविड-19 को देखते हुए पूरे क्षेत्र में 144 लागू कर दिया गया था, बावजूद इसके वे लोग धरनास्थल से हटने को तैयार नहीं थे, वार्ता के बाद 3 सितम्बर की रात को धरना खत्म करवाने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों के धरना को बल पूर्वक हटाया था. इस मामले में वहां तैनात मजिस्ट्रेट ने कोरोना काल में अत्यधिक भीड़ इकट्ठा करने और सोशल डिस्टेंस मेंटेन ना करने, साथ ही सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर 6 ग्रामीणों को नामजद करते हुए 200 अज्ञात ग्रामीणों पर पतरातू थाना में मामला दर्ज किया है.



वहीं दूसरी ओर ग्रामीण पुलिस के बलपूर्वक से धरना खत्म कराने के मामले में दोषी पुलिसवालों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, साथ ही ग्रामीणों पर हुए झूठे केस हटाने की भी मांग कर रहे है. इस मामले को लेकर ये ग्रामीण उस दिन से लगातार अपने अपने गांव में धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं. प्रदर्शन से कोई हल न निकलता देख ग्रामीणों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है.


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पतरातू एसडीपीओ चंद्र प्रकाश महतो ने बताया कि कोविड-19 में सरकार के गाइडलाइन के तहत भीड़ इकट्ठा नहीं करना है, ग्रामीणों से वार्ता कर बहुत समझाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन मानने को तैयार नहीं हैं, लेकिन जल्द ही इस मामले का निपटारा कर लिया जाएगा. ग्रामीणों को कहना है कि जमीन के बदले कई लोगों को आज तक न मुयावजा मिला, न नौकरी मिली और न पुर्नवास की व्यवस्था की गई है.

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