पलामू: गढ़वा और पलामू जिले के विभिन्न प्रखंडों से कृषक मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. पहले इन मजदूरों को ट्रेन से ले जाया जाता रहा है, मगर इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से ट्रेन बंद हैं. इस वर्ष मालवाहक वाहनों से उन्हें भेड़ बकरियों की तरह ले जाया जा रहा है. जपला- मोहम्मदगंज मुख्य पथ पर मालवाहक वाहनों में भेड़ बकरियों की तरह सवार होकर जाने वाले मजदूरों को देखा जा सकता है. इस तरह जाने वाले मजदूरों ने बताया कि वह बिहार के नबीनगर सोहनी और रोपनी करने जा रहे हैं. इसी प्रकार शुक्रवार की शाम एक कंटेनर में बंद करीब 100 मजदूर बिहार के रोहतास जिला जा रहे थे. शनिवार को मालवाहक वाहन में भेड़ बकरियों की तरह जाने वाले मजदूरों ने बताया कि वह गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड के रहने वाले हैं.
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गांव में काम नहीं रहने की वजह से बिहार के नबीनगर धान की सोहनी और रोपनी के लिए जा रहे हैं. उनमें महिलाएं भी शामिल हैं. मजदूर प्रमोद कुमार ने बताया कि नबीनगर से एक व्यक्ति गांव में आए थे. वह गाड़ी ठीककर सभी को ले जा रहे हैं. देखने वाली बात यह है कि कांडी, मोहम्मदगंज और हैदरनगर थाना क्षेत्र से वह निकल गए. पुलिस की नजर उनपर नहीं पड़ती है या जानबूझ कर उन्हें छोड़ दिया जाता है. वाहन पर सवार करीब पचास लोग थे. न तो किसी ने मास्क लगाया है, न ही सोशल डिसटेंसिंग का पालन है. वाहन चालक ने बताया कि कांडी से नबीनगर वह चार हजार में मजदूरों को छोड़ने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि रास्ते में कई जगह उन्हें खर्च करना पड़ता है. ऐसे में क्या पलामू का प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने में कामयाब हो पाएगा.