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पलामू: उत्तर कोयल मुख्य नहर में छोड़ा गया पानी, खेत में पानी मिलने से किसान में खुशी की लहर - नहर में पानी छोड़ने से खुश किसान

पलामू जिले में मंगलवार को उत्तर कोयल मुख्य नहर में पानी छोड़ दिया गया है. बता दें कि इस नहर से बिहार के औरंगाबाद और गया के अलावा जिले के हुसैनाबाद के किसानों की भूमि सिंचाई होती है. नहर में पानी छोड़ने से किसान काफी खुश हुए है. क्योंकि अब उनके खेतों को पानी मिलने लगा है.

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उत्तर कोयल मुख्य नहर
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Published : Jul 15, 2020, 9:57 PM IST

पलामू: जिले में मंगलवार की शाम 6.30 बजे भीम बराज मोहम्मदगंज से उत्तर कोयल मुख्य नहर में पानी छोड़ दिया गया. मुख्य नहर का जीर्णोद्धार कार्य चलने की वजह से इस वर्ष निर्धारित समय से 20 दिन बाद पानी छोड़ा गया है. पानी नहीं छोड़े जाने से हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र अलावा बिहार के औरंगाबाद के किसान काफी चिंतित थे. किसानों ने कई बार विभागीय अभियंताओं से मिलकर दबाव बनाया था. क्योंकि इस नहर से बिहार के औरंगाबाद और गया के अलावा पलामू के हुसैनाबाद के किसानों की भूमि की सिंचाई होती है.

300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया
सिंचाई विभाग बराज डिवीजन के सहायक अभियंता नरसिंह प्रसाद ने बताया कि फिलहाल नहर में 300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जरूरत पड़ने और बराज में पानी का जलस्तर बढ़ने के बाद पानी अधिक भी छोड़ा जायेगा. उन्होंने बताया कि बराज और इसके फाटक संचालन के लिये दैनिक मजदूर भी लगा दिए गए है. नहर के जीर्णोद्धार का कार्य अब खरीफ फसल के पहले शुरू किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-भाजपा नेता जयवर्द्धन सिंह हत्याकांड में नक्सली संगठन JJMP का इनकार, कहा- रची जा रही फंसाने की साजिश

पानी छोड़े जाने से किसान खुश
धान का बिचड़ा डालने के बाद इस नहर का पानी खेतों के लिए जरूरी था. बिचड़ा तैयार कर किसान रोपनी की तैयारी में लगे थे. किसानों ने बताया कि अब रोपनी का कार्य नहर में पानी छोड़े जाने के बाद शुरू हो जायेगा. उत्तर कोयल मुख्य नहर से बिहार की करीब 72 हजार हेक्टेयर और हुसैनाबाद की 12 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती हैं. पानी छोड़े जाने से किसान काफी खुश हैं.

पलामू: जिले में मंगलवार की शाम 6.30 बजे भीम बराज मोहम्मदगंज से उत्तर कोयल मुख्य नहर में पानी छोड़ दिया गया. मुख्य नहर का जीर्णोद्धार कार्य चलने की वजह से इस वर्ष निर्धारित समय से 20 दिन बाद पानी छोड़ा गया है. पानी नहीं छोड़े जाने से हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र अलावा बिहार के औरंगाबाद के किसान काफी चिंतित थे. किसानों ने कई बार विभागीय अभियंताओं से मिलकर दबाव बनाया था. क्योंकि इस नहर से बिहार के औरंगाबाद और गया के अलावा पलामू के हुसैनाबाद के किसानों की भूमि की सिंचाई होती है.

300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया
सिंचाई विभाग बराज डिवीजन के सहायक अभियंता नरसिंह प्रसाद ने बताया कि फिलहाल नहर में 300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जरूरत पड़ने और बराज में पानी का जलस्तर बढ़ने के बाद पानी अधिक भी छोड़ा जायेगा. उन्होंने बताया कि बराज और इसके फाटक संचालन के लिये दैनिक मजदूर भी लगा दिए गए है. नहर के जीर्णोद्धार का कार्य अब खरीफ फसल के पहले शुरू किया जाएगा.

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पानी छोड़े जाने से किसान खुश
धान का बिचड़ा डालने के बाद इस नहर का पानी खेतों के लिए जरूरी था. बिचड़ा तैयार कर किसान रोपनी की तैयारी में लगे थे. किसानों ने बताया कि अब रोपनी का कार्य नहर में पानी छोड़े जाने के बाद शुरू हो जायेगा. उत्तर कोयल मुख्य नहर से बिहार की करीब 72 हजार हेक्टेयर और हुसैनाबाद की 12 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती हैं. पानी छोड़े जाने से किसान काफी खुश हैं.

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