ETV Bharat / state

कौमी एकता की मिसालः वसीम खान हरिश्चन्द्र घाट पर कर रहे कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार

पलामू के वसीम खान ने कौमी एकता की मिसाल पेश की है. उन्होंने जिला के हरिश्चन्द्र घाट पर कोविड-19 से मरने वाले मरीजों का शवों का अंतिम संस्कार कर रहे. अब तक उन्होंने 50 से अधिक शवों का दाह संस्कार पूरे हिंदु रीति-रिवाज के साथ किया है.

wasim-khan-of-palamu-presented-example-of-communal-unity
हरिश्चन्द्र घाट
author img

By

Published : Apr 30, 2021, 9:44 PM IST

Updated : Apr 30, 2021, 10:06 PM IST

पलामूः ये जिला शुरू से आपसी भाई-चारगी, सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जाना जाता रहा है. प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर की खूबसूरती है कि हिंदुओं का अंतिम संस्कार का घाट मुस्लिम मोहल्ले में है, जबकि मुस्लिमों का कब्रिस्तान हिंदुओं के मोहल्ले में है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- पलामू: दुकानदारों ने सब्जी बाजार में लगे दुकान हटाने से किया इनकार, पुलिस ने सभी को खदेड़ा

आज कोविड 19 से मरने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार को लेकर कई नकारात्मक खबरें निकल कर सामने आ रही हैं. इन सबके बीच मेदिनीनगर के कोयल नदी हरिश्चंद्र घाट पर तैनात वसीम खान ने आपसी भाई-चारगी की मिसाल पेश की है. हरिश्चंद्र घाट पर हिन्दू समुदाय के लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है.
हरिश्चन्द्र घाट पर शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी वसीम खान पर है. वसीम खान मेदिनीनगर के पहाड़ी के रहने वाले हैं और घाट के इंचार्ज है. कोविड-19 से मरने वाले लोगों के शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी भी वसीम पर है.

अब तक कई शवों का कर चुके है अंतिम संस्कार
वसीम खान पिछले कई महीनों से हरिश्चंद्र घाट पर तैनात हैं. 1 महीने के अंदर वसीम ने 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया है. जिनमें से अधिकतर मरने वाले कोरोना से संक्रमित थे. रमजान के इस महीने में वसीम घाट पर तैनात हैं, शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

वसीम बताते हैं कि शवों के अंतिम संस्कार का वो व्यवस्था करते हैं. उनका प्रयास होता है कि परिजनों को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े. वो बताते हैं कि उन्हें अच्छा लगता है कि उन्हें सेवा का मौका मिल रहा है. कोविड 19 संक्रमित लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के बारे में वो बताते हैं कि लोगों को प्रोटोकॉल का पालन करने को बोलते हैं, साथ ही साफ-सफाई के लिए घाटों पर व्यवस्था की जाती है.

पलामूः ये जिला शुरू से आपसी भाई-चारगी, सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जाना जाता रहा है. प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर की खूबसूरती है कि हिंदुओं का अंतिम संस्कार का घाट मुस्लिम मोहल्ले में है, जबकि मुस्लिमों का कब्रिस्तान हिंदुओं के मोहल्ले में है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- पलामू: दुकानदारों ने सब्जी बाजार में लगे दुकान हटाने से किया इनकार, पुलिस ने सभी को खदेड़ा

आज कोविड 19 से मरने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार को लेकर कई नकारात्मक खबरें निकल कर सामने आ रही हैं. इन सबके बीच मेदिनीनगर के कोयल नदी हरिश्चंद्र घाट पर तैनात वसीम खान ने आपसी भाई-चारगी की मिसाल पेश की है. हरिश्चंद्र घाट पर हिन्दू समुदाय के लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है.
हरिश्चन्द्र घाट पर शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी वसीम खान पर है. वसीम खान मेदिनीनगर के पहाड़ी के रहने वाले हैं और घाट के इंचार्ज है. कोविड-19 से मरने वाले लोगों के शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी भी वसीम पर है.

अब तक कई शवों का कर चुके है अंतिम संस्कार
वसीम खान पिछले कई महीनों से हरिश्चंद्र घाट पर तैनात हैं. 1 महीने के अंदर वसीम ने 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया है. जिनमें से अधिकतर मरने वाले कोरोना से संक्रमित थे. रमजान के इस महीने में वसीम घाट पर तैनात हैं, शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

वसीम बताते हैं कि शवों के अंतिम संस्कार का वो व्यवस्था करते हैं. उनका प्रयास होता है कि परिजनों को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े. वो बताते हैं कि उन्हें अच्छा लगता है कि उन्हें सेवा का मौका मिल रहा है. कोविड 19 संक्रमित लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के बारे में वो बताते हैं कि लोगों को प्रोटोकॉल का पालन करने को बोलते हैं, साथ ही साफ-सफाई के लिए घाटों पर व्यवस्था की जाती है.

Last Updated : Apr 30, 2021, 10:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.