पलामूः बरसात से पहले बूढ़ापहाड़ इलाके के सभी गांव को सड़कों से जोड़ दिया जाएगा. पहले चरण में सभी गांवों को कच्ची सड़क से जोड़ा जाएगा, उसके बाद सड़कों का पक्कीकरण किया जाएगा. इसको लेकर क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक सड़कों का एक साथ निर्माण कार्य शुरू किया गया है. पूरा इलाका पलामू टाइगर रिजर्व और वन विभाग के अंतर्गत आता है. जैसे-जैसे वन विभाग द्वारा सड़क बनाने की मंजूरी दी जाएगी, वैसे-वैसे सभी का पक्कीकरण किया जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री ने बस्तर दौरे में बूढ़ापहाड़ का किया जिक्रः दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर दौरे के दौरान बूढ़ापहाड़ का जिक्र किया है. बूढ़ापहाड़ पर कई दशकों के बाद सुरक्षा बलों का कब्जा हुआ है. सुरक्षाबलों के कब्जे के बाद इलाके की तस्वीर बदल रही है.
ग्रामीण और सुरक्षा बल मिलकर कर रहे कामः बूढ़ापहाड़ के टॉप तक ग्रामीणों और सुरक्षा बलों ने मिलकर कच्ची सड़क को तैयार किया है. बूढ़ापहाड़ के टॉप पर अब बाइक और ट्रैक्टर जैसे वाहन आसानी से पहुंच सकते हैं. बूढ़ापहाड़ के टॉप के बाद सुरक्षाबल तुबेग, तुरेर, तिसिया, थलिया आदि गांवों को जोड़ने के लिए सड़क बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
बरसात से पहले इलाके के कई गांवों को सड़कों से जोड़ने की योजनाः बूढ़ापहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों ने अब तक ग्रामीणों के सहयोग से दो सड़क और तीन कच्चा पुल का निर्माण किया है. इस संबंध में पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि बरसात से पहले कई इलाकों को सड़क से जोड़ दिया जाएगा. सड़क के बन जाने से ग्रामीणों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को भी काफी फायदा होगा.
सीएम के दौरे के बाद इलाके की बदलने लगी तस्वीरः राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फरवरी के पहले सप्ताह में बूढ़ापहाड़ के इलाके का दौरा किया था. मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दौरान बूढ़ापहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी. करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से इलाके में कई विकास योजनाओं की शुरुआत की गई थी. बूढ़ापहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से इलाके की तस्वीर बदलनी शुरू हो गई है.
बूढ़ापहाड़ क्षेत्र में बिछाया जा रहा सड़कों का जालः बूढ़ापहाड़ इलाके में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. एक महीने पहले इलाके के हेसातु में पहली बार बिजली पहुंची थी. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इलाके में पहली संगाली से हेसातु तक पक्की सड़क का निर्माण किया जा रहा है.
2022 से बूढ़ापहाड़ में चल रहा है ऑक्टोपस अभियानः बताते चलें कि सितंबर 2022 से बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों खिलाफ अभियान ऑक्टोपस चलाया जा रहा है. 2022 के अंतिम महीनों में सुरक्षा बलों ने बूढ़ापहाड़ पर अपना कब्जा जमा लिया था. कई दशकों के बाद इलाकों को नक्सल मुक्त किया गया है. नक्सल मुक्त होने के बाद अब ग्रामीण विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सुरक्षाबलों की मदद कर रहे हैं.