पलामू: जिले में आए दिन मानव तस्करी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. एक ऐसे ही मामले की शिकार लड़की 5 वर्ष बाद घर लौटी है, वह गर्भवती हो गई. लड़की का शोषण करने का आरोप तस्करी में शामिल एक स्थानीय युवक पर लगा है, जबकि उसके साथ तस्करी का शिकार हुई एक और लड़की अभी भी लापता है.
पलामू में बाल मजदूरी और मानव तस्करी जिला प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. बीते दिन मनातू थाना क्षेत्र में बाल मजदूरी के मामले उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए है. अब फिर से इसी क्षेत्र में मानव तस्करी का एक और मामला सामने आया है. मामले में मनातू थाना में एफआईआर दर्ज किया गया है. दोनों लड़कियों के लापता होने के बाद परिजनों ने पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर किसी को जानकारी नहीं दी थी. लड़की के वापस लौटने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है. एसडीपीओ अनूप कुमार बड़ाइक ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर पुलिस मामले में अनुसंधान और कारवाई कर रही है.
तस्करी की शिकार लड़की मनातू के अति नक्सल प्रभावित इलाके की है. 2015 में मनातू के ही मनोज यादव नामक व्यक्ति दो लड़कियों को लेकर राज्य से बाहर गया था. दोनों को करीब 8 दिनों तक डालटनगंज में रखने के बाद उसे दिल्ली लेकर चला गया था. दिल्ली में मनोज यादव का करीबी रिश्तेदार किशन यादव एक कार्यालय चलाता है और मानव तस्करी का काम करता है. पीड़िता ने प्रशासनिक टीम को बताया कि उसकी सहेली दिल्ली के बाद कहां गई उसे इसकी जानकारी नहीं है. उन्हें कभी एक वर्ष से अधिक किसी के घर मे नौकर के रूप में नहीं रखा जाता है. मनोज का एक और साथी जो कि मनातू का ही है, वही उसका परिचित था. दोनों सहेली बहकावे में आकर उनके साथ चली गई थीं, उसी परिचित के साथ अब वह वापस लौटी है.
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JSLPS की उड़ान परियोजना से जुड़ी कुमारी नम्रता ने लड़की के रेस्क्यू को लेकर पहल की है. वो बताती हैं कि तस्करी की शिकार हुई लड़की के परिवार वालों को पिछले 5 सालों तक उनकी बेटी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लड़की के वापस लौटने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है. मामले में प्रशासनिक स्तर से कई कदम उठाए जा रहे हैं.