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स्कूल से उर्दू के बोर्ड मिटाने के बाद कई इलाकों में बवाल, शुक्रवार को स्कूल बंद रखने पर ग्रामीण अड़े

कथित उर्दू स्कूल के बोर्ड से नाम हटाने को लेकर लोगों का विरोध शुरू हो गया है. शुक्रवार को स्कूल खुलने के बावजूद लोगों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा.

Urdu School Controversy, People angry due to change of Friday holiday
Urdu School Controversy, People angry due to change of Friday holiday
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Published : Jul 30, 2022, 7:30 PM IST

Updated : Jul 30, 2022, 7:46 PM IST

पलामू: कथित उर्दू स्कूल के बोर्ड से नाम हटाने के बाद कई इलाकों में बवाल शुरू हो गया है. कई इलाके के ग्रामीणों ने स्कूल का नाम बदलने का विरोध किया है. पलामू शिक्षा विभाग ने जांच के दौरान यह पाया था कि पलामू में 49 स्कूलों ने गलत तरीके से खुद को उर्दू स्कूल घोषित कर दिया. जिला प्रशासन ने एक पत्र जारी करते हुए सभी के स्कूलों के बोर्ड से उर्दू शब्द को हटाने को कहा था, और स्कूलों में शुक्रवार की जगह रविवार को छुट्टी करने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें- वाह रे सिस्टम! जारी हुआ उर्दू शिक्षक भर्ती के लिए नोटिफिकेशन तो 49 स्कूलों में कर दी 'मदरसे' वाली व्यवस्था


पलामू के नावाबाजार प्रखंड के बाना में शुक्रवार को स्कूल खोलने को लेकर विरोध हुआ था. ग्रामीणों ने स्कूल खोलने के बाद पढ़ाई के लिए बच्चों को नहीं भेजा था. शनिवार को स्कूल के नाम से उर्दू शब्द को हटा दिए गए. स्कूल के प्रिंसिपल बसंत सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा आदेश मिलने के बाद नाम को हटाया गया है, शुक्रवार को ग्रामीणों ने स्कूल खोलने का विरोध किया था, स्कूल खोलने के बाद ग्रामीणों ने किसी भी बच्चे को पढ़ाई के लिए नहीं भेजा था. बाना के सदर मोहम्मद मुमताज आलम ने बताया कि उनके बच्चे कई दशकों से इस स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, बच्चों के सर्टिफिकेट में भी उर्दू लिखा हुआ है.

देखें पूरी खबर
पूरे मामले में वे जिला प्रशासन के समक्ष कागजात को प्रस्तुत करेंगे. नावाबाजार प्रखंड में एकलौता बाना स्कूल ही उर्दू स्कूल है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले को लेकर अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और हाई कोर्ट भी जांएगे. पलामू के हरिहरगंज में भी जनता दरबार के दौरान लोगों ने उर्दू स्कूल का मामला उठाया था जबकि तरहसी, बिश्रामपुर के इलाके में नाम बदलने का विरोध हुआ है.

पलामू: कथित उर्दू स्कूल के बोर्ड से नाम हटाने के बाद कई इलाकों में बवाल शुरू हो गया है. कई इलाके के ग्रामीणों ने स्कूल का नाम बदलने का विरोध किया है. पलामू शिक्षा विभाग ने जांच के दौरान यह पाया था कि पलामू में 49 स्कूलों ने गलत तरीके से खुद को उर्दू स्कूल घोषित कर दिया. जिला प्रशासन ने एक पत्र जारी करते हुए सभी के स्कूलों के बोर्ड से उर्दू शब्द को हटाने को कहा था, और स्कूलों में शुक्रवार की जगह रविवार को छुट्टी करने का आदेश दिया था.

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पलामू के नावाबाजार प्रखंड के बाना में शुक्रवार को स्कूल खोलने को लेकर विरोध हुआ था. ग्रामीणों ने स्कूल खोलने के बाद पढ़ाई के लिए बच्चों को नहीं भेजा था. शनिवार को स्कूल के नाम से उर्दू शब्द को हटा दिए गए. स्कूल के प्रिंसिपल बसंत सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा आदेश मिलने के बाद नाम को हटाया गया है, शुक्रवार को ग्रामीणों ने स्कूल खोलने का विरोध किया था, स्कूल खोलने के बाद ग्रामीणों ने किसी भी बच्चे को पढ़ाई के लिए नहीं भेजा था. बाना के सदर मोहम्मद मुमताज आलम ने बताया कि उनके बच्चे कई दशकों से इस स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, बच्चों के सर्टिफिकेट में भी उर्दू लिखा हुआ है.

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पूरे मामले में वे जिला प्रशासन के समक्ष कागजात को प्रस्तुत करेंगे. नावाबाजार प्रखंड में एकलौता बाना स्कूल ही उर्दू स्कूल है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले को लेकर अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और हाई कोर्ट भी जांएगे. पलामू के हरिहरगंज में भी जनता दरबार के दौरान लोगों ने उर्दू स्कूल का मामला उठाया था जबकि तरहसी, बिश्रामपुर के इलाके में नाम बदलने का विरोध हुआ है.
Last Updated : Jul 30, 2022, 7:46 PM IST
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