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लॉकर घोटाला: लॉकर से पैसे गायब होने पर बैंक की नहीं होती जिम्मेदारी, जानिए मुआवजे का क्या है प्रावधान

डालटनगंज का यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया शाखा के लॉकर से कई ग्राहकों के गहने गायब हो गए. इस मामले में बैंक का डिप्टी मैनेजर संदेह के घेरे में है. पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. जिन लोगों के गहने लॉकर से गायब हुए हैं वे उन्हें मिलेंगे या नहीं इस पर कुछ भी साफ नहीं है. हालांकि नियम के मुताबिक लॉकर से कुछ गायब होने पर बैंक उसका जिम्मेदार नहीं होता है.

United Bank Of India locker scam
United Bank Of India locker scam
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Published : Sep 21, 2021, 9:12 PM IST

पलामू: यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया डालटनगंज शाखा के लॉकर घोटाला को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. पलामू पुलिस का पूरे मामले में जांच के लिए मैराथन अभियान जारी है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा खुद पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. इस अभियान में तीन दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल हैं. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के डालटनगंज शाखा के लॉकर से छेड़छाड़ कर लाखों के जेवरात गायब कर दिए गए हैं. बैंक का मास्टर माइंड डिप्टी मैनेजेर प्रशांत कुमार पुलिस की हिरासत में है. बुधवार को पूरे मामले में पलामू पुलिस बड़ा खुलासा करने वाली है.

डिप्टी मैनेजेर से जेवरात लेकर दुकानदार ब्याज पर कमा रहे थे रुपये
डिप्टी मैनेजर पर आरोप है कि उसने बैंक के लॉकर से लाखों के जेवरात गायब किए हैं. सभी जेवरात को उसने जेवर दुकानदारों को दिया है. करीब आधा दर्जन से अधिक दुकानदार पुलिस की हिरासत में हैं. इन दुकानदारों ने जेवर गिरवी रखकर पैसे लिए और उसे ब्याज पर लगा दिया. कई जेवर दुकानदारों के पास से गायब जेवरात बरामद किया गया है. पलामू पुलिस का अभियान लगातार जारी है और जेवरातों को बरामद करने की कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़ें: बैंक के लॉकर में सेंध, डिप्टी मैनेजर ने ही लाखों के जेवरात किए गायब, डायरी से खुलेंगे कई राज

बैंक के लॉकर में रखी संपत्ति का जिम्मेदार होता है ग्राहक

बैंक लॉकर से गायब हुई लाखों की संपत्ति के मामले में ग्राहकों को संपत्ति वापस दिलाना बड़ी चुनौती है. एक बैंक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बैंकों के लॉकर की जिम्मेदारी पूरी तरह से ग्राहक पर होती है. बैंकों के लॉकर से गायब हुई संपत्ति के मामले में किसी भी तरह के मुआवजे का प्रावधान नहीं है. बैंक इस तरह के मामले में क्या फैसला लेता है उनके अधिकारियों पर निर्भर करता है. बैंकों के लॉकर अलग-अलग साइज के होते हैं और उनका अलग-अलग किराया वसूला जाता है.



अब तक 07 लॉकर से जेवरात गायब होने की मिली जानकारी
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के डालटनगंज शाखा से अब तक सात लॉकर से जेवर गायब होने का मामला सामने आया. मंगलवार को पुलिस ने पूरे मामले में अनुसंधान किया और कई जेवरात बरामद भी किए हैं. अपनी संपत्ति और जीवन भर की कमाई को लेकर ग्राहक दिनभर थानों में जमे रहे. सभी ने लिखित रूप से पुलिस को अपनी अपनी संपत्ति के गायब होने का आवेदन दिया है. पुलिस अधिकारी पूरे मामले में संवेदनशील होकर जांच कर रहे हैं.


सीसीटीवी में छुट्टी और रात में डिप्टी मैनेजर बैंक में जाते दिखे
बैंक लॉकर से संपत्ति गायब होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सबसे पहले सीसीटीवी की जांच शुरू की थी. सीसीटीवी में यह बात निकलकर सामने आई थी कि बैंक के डिप्टी मैनेजर छुट्टी के दिन भी बैंक पहुंचे थे. जबकि वह कई बार रात सात बजे के बाद भी बैंक पहुंचे हैं. इस दौरान उनके साथ कई बार दो अनजान लोग भी बैंक के अंदर जाते हुए देखे गए. जो जानकारी मिली है उसके अनुसार जूता चप्पल सिलने वाले ने बैंक अधिकारी को लॉकर तोड़ने में मदद की है. पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है.

पलामू: यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया डालटनगंज शाखा के लॉकर घोटाला को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. पलामू पुलिस का पूरे मामले में जांच के लिए मैराथन अभियान जारी है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा खुद पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. इस अभियान में तीन दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल हैं. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के डालटनगंज शाखा के लॉकर से छेड़छाड़ कर लाखों के जेवरात गायब कर दिए गए हैं. बैंक का मास्टर माइंड डिप्टी मैनेजेर प्रशांत कुमार पुलिस की हिरासत में है. बुधवार को पूरे मामले में पलामू पुलिस बड़ा खुलासा करने वाली है.

डिप्टी मैनेजेर से जेवरात लेकर दुकानदार ब्याज पर कमा रहे थे रुपये
डिप्टी मैनेजर पर आरोप है कि उसने बैंक के लॉकर से लाखों के जेवरात गायब किए हैं. सभी जेवरात को उसने जेवर दुकानदारों को दिया है. करीब आधा दर्जन से अधिक दुकानदार पुलिस की हिरासत में हैं. इन दुकानदारों ने जेवर गिरवी रखकर पैसे लिए और उसे ब्याज पर लगा दिया. कई जेवर दुकानदारों के पास से गायब जेवरात बरामद किया गया है. पलामू पुलिस का अभियान लगातार जारी है और जेवरातों को बरामद करने की कोशिश की जा रही है.

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बैंक के लॉकर में रखी संपत्ति का जिम्मेदार होता है ग्राहक

बैंक लॉकर से गायब हुई लाखों की संपत्ति के मामले में ग्राहकों को संपत्ति वापस दिलाना बड़ी चुनौती है. एक बैंक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बैंकों के लॉकर की जिम्मेदारी पूरी तरह से ग्राहक पर होती है. बैंकों के लॉकर से गायब हुई संपत्ति के मामले में किसी भी तरह के मुआवजे का प्रावधान नहीं है. बैंक इस तरह के मामले में क्या फैसला लेता है उनके अधिकारियों पर निर्भर करता है. बैंकों के लॉकर अलग-अलग साइज के होते हैं और उनका अलग-अलग किराया वसूला जाता है.



अब तक 07 लॉकर से जेवरात गायब होने की मिली जानकारी
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के डालटनगंज शाखा से अब तक सात लॉकर से जेवर गायब होने का मामला सामने आया. मंगलवार को पुलिस ने पूरे मामले में अनुसंधान किया और कई जेवरात बरामद भी किए हैं. अपनी संपत्ति और जीवन भर की कमाई को लेकर ग्राहक दिनभर थानों में जमे रहे. सभी ने लिखित रूप से पुलिस को अपनी अपनी संपत्ति के गायब होने का आवेदन दिया है. पुलिस अधिकारी पूरे मामले में संवेदनशील होकर जांच कर रहे हैं.


सीसीटीवी में छुट्टी और रात में डिप्टी मैनेजर बैंक में जाते दिखे
बैंक लॉकर से संपत्ति गायब होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सबसे पहले सीसीटीवी की जांच शुरू की थी. सीसीटीवी में यह बात निकलकर सामने आई थी कि बैंक के डिप्टी मैनेजर छुट्टी के दिन भी बैंक पहुंचे थे. जबकि वह कई बार रात सात बजे के बाद भी बैंक पहुंचे हैं. इस दौरान उनके साथ कई बार दो अनजान लोग भी बैंक के अंदर जाते हुए देखे गए. जो जानकारी मिली है उसके अनुसार जूता चप्पल सिलने वाले ने बैंक अधिकारी को लॉकर तोड़ने में मदद की है. पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है.

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