पलामू: चैनपुर थाना क्षेत्र के चांदो में बिना लाइसेंस का अस्पताल का संचालन करने वाले दो झोलाछाप डॉक्टरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जबकि अस्पताल को सील कर दिया गया है. अस्पताल का संचालन मेदिनीनगर मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर चांदो के तेतरियाडीह में हो रहा था.
फर्जी अस्पताल
पांच कमरों के एक भवन में अस्पताल का संचालन होता था, जिसमें एक ऑपरेशन थिएटर भी बनाया गया था. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके से कई आपत्तिजनक दवा और सामान भी बरामद किया है. झोलाछाप डॉक्टर कई महिलाओं के बच्चेदानी और पथरी का भी ऑपरेशन कर देते थे. इतना ही नहीं अस्पताल में बिना लाइसेंस का दवा दुकान भी संचालन किया जाता था. झोलाछाप एलटीएम मेमोरियल के नाम से अस्पताल का संचालन करते थे.
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मरीजों को देख सीएस रह गए दंग
पलामू सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी को सूचना मिली थी की चांदो के इलाके में फर्जी अस्पताल का संचालन झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं. इसी सूचना पर उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर गांव में छापेमारी की. उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को देख कर वह दंग रह गए.
मरीजों की जान से खिलवाड़
सिविल सर्जन ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे. अस्पताल में करीब आधा दर्जन मरीज भर्ती थे, जिनका ऑपरेशन किया गया था. जबकि अस्पताल में स्पाइनल बेहोशी की दवा पाई गई जो सिर्फ एक एक्सपर्ट डॉक्टर ही किसी मरीज को दे सकता है. गलत तरीके से देने पर मरीज की मौत भी हो सकती है. सिविल सर्जन ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों ने एक कम उम्र की महिला को बीमारी का डर बता कर बच्चेदानी का ऑपरेशन कर दिया, जबकि एक बुजुर्ग की पथरी का ऑपरेशन किया गया था.
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उत्तर प्रदेश गया के डाक्टरों से ऑपरेशन करवाने का दावा
फर्जी अस्पताल का संचालन करने वाले फर्जी डॉक्टर जितेन्द्र मेहता ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश और गया से डाक्टरों को बुलाता था. वह बताता है कि वह अब तक 15 के करीब मरीजों का ऑपरेशन कर चुका है. एक-एक मरीज से 15 से 20 हजार रुपए तक वसूले जाते थे.