पलामू: तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का जोनल कमांडर शशिकांत गंझू पुलिस और सुरक्षाबलों के हाथ नहीं लगा है. शशिकांत गंझू पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के कैथल गांव का रहने वाला है. शशिकांत गंझू नक्सल संगठन में आरिफ, सुदेश, सुरेश के नाम से भी जाना जाता है. झारखंड की सरकार ने शशिकांत पर 10 लाख का इनाम रखा है. शशिकांत गंझू के घर को झारखंड पुलिस विभिन्न मामलों में आधा दर्जन से अधिक बार कुर्क कर चुकी है. शशिकांत पलामू, चतरा, लातेहार के साथ साथ बिहार के गया पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है.
शशिकांत पर 50 से अधिक मामले हैं दर्जः शशिकांत के खिलाफ झारखंड और बिहार में 50 से भी अधिक नक्सल हमले के आरोप में एफआईआर दर्ज है. प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी के कमांडर शशिकांत पर पलामू, चतरा और बिहार से सटे सीमावर्ती इलाके में संगठन की जिम्मेदारी है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार शशिकांत अपने साथ एके-47 लेकर चलता है. उसके दस्ते में एक दर्जन के करीब नक्सली भी शामिल हैं.
शशिकांत के खिलाफ 70 से अधिक बार चलाया गया सर्च अभियान: शशिकांत गंजू के खिलाफ पलामू पुलिस ने पिछले एक वर्ष में 70 से भी अधिक बार सर्च अभियान चलाया है. तीन बार सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ भी हुई थी, लेकिन शशिकांत का दस्ता बच निकला है. दो बार मुठभेड़ मनातू थाना क्षेत्र में हुई थी. जबकि एक मुठभेड़ तरहसी थाना क्षेत्र में हुई थी. पिछले तीन वर्षों में शशिकांत के दस्ते के साथ सुरक्षाबलों का एक दर्जन से अधिक बार मुठभेड़ हुई है. इस मुठभेड़ में पुलिस को नक्सलियों के हथियार और सामग्री तो मिली है, लेकिन शशिकांत बच निकला है. पुलिस पिछले एक वर्ष के दौरान शशिकांत से जुड़े हुए एक दर्जन के करीब नक्सलियों को गिरफ्तार किया है.
माओवादियों का करीबी है शशिकांत, इलाके में है मजबूत पकड़ः कुछ महीने पहले सुरक्षाबलों के सर्च अभियान में शशिकांत के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ के बाद पुलिस को कई दस्तावेज हाथ लगे थे. जिसमें इस बात का जिक्र था कि तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी और भाकपा माओवादी में आपसी समन्वय स्थापित हुआ है. आपसी समन्वय के लिए शशिकांत गंझू ही बीच की कड़ी है. एक वरीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि शशिकांत की अपने इलाके में मजबूत पकड़ है. उसका अधिकतर मूवमेंट अपने गांव और उससे जुड़े हुए इलाके में रहता है. वह अधिकतर पलामू-चतरा सीमा को अपना ठिकाना बनाए हुए है.