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नक्सली संगठन TSPC तक पहुंची लैंड माइंस की तकनीक, एमपी से टेस्टिंग के बुलाया था एक्सपर्ट - झारखंड में माओवादी

झारखंड में माओवादी लंबे समय से लैंड माइन का इस्तेमाल करते रहे हैं. लेकिन अब नक्सली संगठन TSPC तक लैंड माइन बिछाने की तकनीक पहुंच चुकी है. ऐसा पहली बार हुआ है कि TSPC नक्सली लैंड माइन का इस्तेमाल कर रहे हैं.

Naxalites Have Learned To Use Land Mines
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Published : Oct 1, 2021, 3:39 PM IST

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) तक लैंड माइंस तकनीक पंहुच गई है. इसका खुलासा पुलिस के जांच में हुआ है. TSPC लैंड मंच के माध्यम से सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. लैंडमाइंस की तकनीक अभी तक सिर्फ माओवादियो तक ही सीमित थी. TSPC ने लैंड माइंस को तैयार करने के लिए मध्यप्रदेश से एक्सपर्ट को बुलाया था. टॉप कमांडर ने उसे 10 हजार रुपये दिए थे और लैंड माइंस तैयार करने को कहा था. ये रकम सिर्फ टेस्टिंग के लिए दिए गए थे. लेकिन विस्फोटक की खरीद से पहले ही पुलिस ने लैंड माइंस एक्सपर्ट को पकड़ लिया.

29 सितंबर को पलामू के तरहसी थाना क्षेत्र में पुलिस ने टीएसपीसी के हथियार सप्लाई करने वाले 2 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार विनय सिंह और गुड़िया पारधी को पुलिस ने तरहसी के दुन्दु गांव से गिरफ्तार किया था दोनों के पास से ऐके 47 की गोली बरामद हुई थी. दोनों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष कई बड़े खुलासे किए हैं. गिरफ्तार गुड़िया पारधी मध्य प्रदेश का रहने वाला है. टीएसपीसी के टॉप कमांडर शशिकांत के निर्देश पर गुड़िया को 10 हजार उपलब्ध करवाए गए थे और लैंडमाइंस में इस्तेमाल होने वाले सामग्री को खरीदने को कहा गया था. तैयार लैंडमाइंस का पहला टेस्ट जंगली जानवरों पर किया जा रहा था.

ये भी पढ़ें: TSPC हथियार तैयार कर समर्थकों और आपराधिक गिरोहों को करता था सप्लाई, कारखाने की सुरक्षा में तैनात रहता था दस्ता

पलामू पुलिस अधिकारी के एक अधिकारी ने बताया कि गुड़िया सारा सामान खरीद चुका था. वह विस्फोटक खरीदने वाला ही था कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार संज्ञान में आया है कि टीएसपीसी सुरक्षाबल और पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए लैंडमाइंस तैयार कर रहा है. गुड़िया ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है जिसके बाद पुलिस अभियान चला रही है. माओवादी सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लैंड माइंस का इस्तेमाल करते रहे हैं. माओवादियो का यह बड़ा हथियार है. लेकिन ये पहली बार है कि यह तकनीक TSPC तक पंहुची है.

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) तक लैंड माइंस तकनीक पंहुच गई है. इसका खुलासा पुलिस के जांच में हुआ है. TSPC लैंड मंच के माध्यम से सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. लैंडमाइंस की तकनीक अभी तक सिर्फ माओवादियो तक ही सीमित थी. TSPC ने लैंड माइंस को तैयार करने के लिए मध्यप्रदेश से एक्सपर्ट को बुलाया था. टॉप कमांडर ने उसे 10 हजार रुपये दिए थे और लैंड माइंस तैयार करने को कहा था. ये रकम सिर्फ टेस्टिंग के लिए दिए गए थे. लेकिन विस्फोटक की खरीद से पहले ही पुलिस ने लैंड माइंस एक्सपर्ट को पकड़ लिया.

29 सितंबर को पलामू के तरहसी थाना क्षेत्र में पुलिस ने टीएसपीसी के हथियार सप्लाई करने वाले 2 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार विनय सिंह और गुड़िया पारधी को पुलिस ने तरहसी के दुन्दु गांव से गिरफ्तार किया था दोनों के पास से ऐके 47 की गोली बरामद हुई थी. दोनों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष कई बड़े खुलासे किए हैं. गिरफ्तार गुड़िया पारधी मध्य प्रदेश का रहने वाला है. टीएसपीसी के टॉप कमांडर शशिकांत के निर्देश पर गुड़िया को 10 हजार उपलब्ध करवाए गए थे और लैंडमाइंस में इस्तेमाल होने वाले सामग्री को खरीदने को कहा गया था. तैयार लैंडमाइंस का पहला टेस्ट जंगली जानवरों पर किया जा रहा था.

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पलामू पुलिस अधिकारी के एक अधिकारी ने बताया कि गुड़िया सारा सामान खरीद चुका था. वह विस्फोटक खरीदने वाला ही था कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार संज्ञान में आया है कि टीएसपीसी सुरक्षाबल और पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए लैंडमाइंस तैयार कर रहा है. गुड़िया ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है जिसके बाद पुलिस अभियान चला रही है. माओवादी सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लैंड माइंस का इस्तेमाल करते रहे हैं. माओवादियो का यह बड़ा हथियार है. लेकिन ये पहली बार है कि यह तकनीक TSPC तक पंहुची है.

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