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आदिवासी महाकुंभ मेले की शुरुआत, स्टॉल लगाकर सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी

पलामू में ऐतिहासिक आदिवासी महाकुंभ मेला की शुरुआत हो चुकी है. मेले में हजारों की संख्या में लोग देखने को मिले. मेले में प्रशासन की ओर से कई स्टॉल भी लगाए गए जिनमें सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई.

Tribal Mahakumbh Mela started in Palamu
मेले में लगाए गए स्टॉल
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Published : Feb 11, 2020, 6:36 PM IST

पलामू: जिले के दुबियाखाड़ में लगने वाले ऐतिहासिक आदिवासी महाकुंभ मेला की शुरुआत मंगलवार को हुई. आदिवासी महाकुंभ मेला हर साल 11 फरवरी को आयोजित होती है. मेला का उद्घाटन डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया, मनिका विधायक रामचंद्र सिंह, डीसी डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि, मेयर अरुणा शंकर, जिला परिषद अध्यक्ष प्रभा देवी ने किया. इस मेले में हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी थी.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-रांचीः डोरंडा हत्याकांड का खुलासा, दोनों आरोपी भेजे गए जेल, साल 2013 में हुई थी मासूम बच्ची की हत्या

यह आदिवासी महाकुंभ मेला राजा मेदिनीराय की याद में पिछले ढाई दशक से लगाया जा रहा है. मेले की शुरुआत बिहार सरकार के तत्कालीन भूराजस्व मंत्री इंदर सिंह नामधारी के पहल पर हुई थी. मेले में बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव ने भाग लिया था.

आदिवासी महाकुंभ मेला में कई विभाग के स्टॉल लगाए गये थे जिसमें सरकारी योजना की जानकारी दी गई. आदिवासी महाकुंभ मेला में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, आवास योजना के लाभुकों के बीच प्रमाण पत्र का वितरण किया गया. स्वरोजगार से जोड़ने के लिए ग्रामीणों के बीच ऋण का वितरण किया गया. इस दौरान लोगों ने बताया कि आदिवासी महाकुंभ मेला का ऐतिहासिक महत्व है. यह मेला आदिवासी सभ्यता-संस्कृति को संरक्षित करने के लिए है.

पलामू: जिले के दुबियाखाड़ में लगने वाले ऐतिहासिक आदिवासी महाकुंभ मेला की शुरुआत मंगलवार को हुई. आदिवासी महाकुंभ मेला हर साल 11 फरवरी को आयोजित होती है. मेला का उद्घाटन डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया, मनिका विधायक रामचंद्र सिंह, डीसी डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि, मेयर अरुणा शंकर, जिला परिषद अध्यक्ष प्रभा देवी ने किया. इस मेले में हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी थी.

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यह आदिवासी महाकुंभ मेला राजा मेदिनीराय की याद में पिछले ढाई दशक से लगाया जा रहा है. मेले की शुरुआत बिहार सरकार के तत्कालीन भूराजस्व मंत्री इंदर सिंह नामधारी के पहल पर हुई थी. मेले में बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव ने भाग लिया था.

आदिवासी महाकुंभ मेला में कई विभाग के स्टॉल लगाए गये थे जिसमें सरकारी योजना की जानकारी दी गई. आदिवासी महाकुंभ मेला में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, आवास योजना के लाभुकों के बीच प्रमाण पत्र का वितरण किया गया. स्वरोजगार से जोड़ने के लिए ग्रामीणों के बीच ऋण का वितरण किया गया. इस दौरान लोगों ने बताया कि आदिवासी महाकुंभ मेला का ऐतिहासिक महत्व है. यह मेला आदिवासी सभ्यता-संस्कृति को संरक्षित करने के लिए है.

Intro: के दुबियाखाड़ में शुरू हुआ आदिवासी महाकुंभ मेला, करोड़ो की परिसंपत्ति का हुआ वितरण

नीरज कुमार। पलामू

पलामू के दुबियाखाड़ मे लगने वाले ऐतिहासिक आदिवासी महाकुंभ मेला की शुरुआत मंगलवार को हुई। आदिवासी महाकुंभ मेला प्रत्येक वर्ष 11 और फरवरी को आयोजित होता है। मेला का उदघाटन डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया, मनिका विधायक रामचंद्र सिंह, डीसी डॉ शान्तनु कुमार अग्रहरि, मेयर अरुणा शंकर, जिला परिषद अध्यक्ष प्रभा देवी ने किया। आदिवासी महाकुंभ मेला राजा मेदिनीराय की याद में पिछले ढाई दशक से लग रहा है। मेला की शुरुआत बिहार सरकार के तत्कालीन भूराजस्व मंत्री इंदर सिंह नामधारी के पहल पर हुई थी, मेला में बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव ने भाग लिया था।


Body:दुबियाखाड़ आदिवासी महाकुंभ मेला में कई विभागों के स्टॉल लगाया गया था। जिसमे सरकारी योजना की जानकारी की जानकारी दी जाएगी। आदिवासी महाकुंभ मेला में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, आवास योजना के लाभुकों के बीच प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। स्वरोजगार से जोड़ने के लिए ग्रामीणों के बीच ऋण का वितरण किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी महाकुंभ मेला का ऐतिहासिक महत्व है। यह मेला आदिवासी सभ्य2ता संस्कृति को संरक्षित करने के लिए है। आदिवासी महाकुंभ मेला में हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी थी।


Conclusion:पलामू के दुबियाखाड़ में शुरू हुआ आदिवासी महाकुंभ मेला, करोड़ो की परिसंपत्ति का हुआ वितरण
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