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पलामू के नावाजयपुर में मवेशी चरा रहे लोगों पर वज्रपात, बच्ची समेत दो की मौत - नावाजयपुर में मवेशी चरा रहे लोगों पर वज्रपात

पलामू में मवेशी चरा रहे लोगों पर वज्रपात की घटना हो गई. इस वज्रपात में 16 वर्षीय बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि इस घटना में करीब छह लोग झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह घटना पलामू के नावाजयपुर थाना क्षेत्र के मंझौली गांव की है. इसी के साथ इस साल झारखंड में वज्रपात में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 से अधिक हो गई है.

Thunderstorm on people grazing cattle in Navajaipur Palamu death of two including girl child
पलामू के नावाजयपुर में मवेशी चरा रहे लोगों पर वज्रपात
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Published : Sep 3, 2022, 11:08 PM IST

Updated : Sep 4, 2022, 3:16 PM IST

पलामूः पलामू में मवेशी चरा रहे लोगों पर वज्रपात की घटना हो गई. इस वज्रपात में 16 वर्षीय बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि इस घटना में करीब छह लोग झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह घटना पलामू के नावाजयपुर थाना क्षेत्र के मंझौली गांव की है. पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एमएमसीएच भेज दिया है. घटना के बाद से पूरे गांव में मातम का माहौल है, जबकि सभी झुलसे लोगों को इलाज के लिए पाटन के उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. जहां से गंभीर रूप से झुलसे दो व्यक्तियों को इलाज के लिए एमएमसीएच में रेफर कर दिया गया.

ये बी पढ़ें- सिमडेगा में वज्रपात की चपेट में आने से दो युवक की मौत, एक वृद्ध घायल


जानकारी के अनुसार मंझौली गांव के 45 वर्षीय नागेंद्र महतो और 14 वर्षीय मधु कुमारी समेत कई लोग अपने मवेशी को चरा रहे थे, इसी दौरान बारिश शुरू हो गई. बारिश से बचने के लिए सभी लोग पेड़ के नीचे छुप गए, जिस पेड़ के नीचे सभी लोग छुपे थे उसी पर वज्रपात हो गया. इस घटना में मधु कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि नागेंद्र महतो के इलाज के लिए स्थानीय ग्रामीण अस्पताल ले जा रहे थे तब नागेंद्र महतो ने दम तोड़ दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.


बता दें कि पलामू में वज्रपात में लगातार लोगों की जान जा रही है. जनवरी से लेकर अब तक वज्रपात में 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. ग्रामीण इलाके में मवेशी चराने वाले लोग वज्रपात का अधिक शिकार हो रहे हैं.

पांच साल से बढ़ रही झारखंड में वज्रपात से मरने वालों की संख्याः झारखंड में वज्रपात से हर साल बड़ी संख्या में लोग काल के गाल में असमय समा जाते हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से मिले आकंड़े के अनुसार वर्ष 2012 में 148, वर्ष 2013 में 159, 2014 में 144, 2015 में 210, वर्ष 2016 में 265, वर्ष 2017 में 256, वर्ष 2018 में 261, वर्ष 2019 में 283, वर्ष 2020 में 322, वर्ष 2021 में 343 और वर्ष 2022 में 27 जुलाई से पहले तक 57 लोगों की जान अलग-अलग जिलों में वज्रपात की वजह से जा चुकी है.

तीन अगस्त को पिछले 24 घंटे में मरने वाले 9 लोगों की संख्या इसमें जोड़ दें तो वर्ष 2022 में अब तक झारखंड में वज्रपात से मरने वालों की संख्या 66 से अधिक हो चुकी है, जबकि अभी मानसून सीजन बचा है. अब इसमें धनबाद के युवक की मौत को आंकड़ा जोड़ दें तो इस साल अब तक वज्रपात में मरने वालों की संख्या का आंकड़ा 67 हो जाएगा. इसके अलावा भी लोग हादसे का शिकार हुए हो सकते हैं. अब 3 सितंबर को पलामू में वज्रपात में मरने वाले दो लोगों की संख्या जोड़ दी जाय तो वज्रपात में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो जाएगी.

पलामूः पलामू में मवेशी चरा रहे लोगों पर वज्रपात की घटना हो गई. इस वज्रपात में 16 वर्षीय बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि इस घटना में करीब छह लोग झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह घटना पलामू के नावाजयपुर थाना क्षेत्र के मंझौली गांव की है. पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एमएमसीएच भेज दिया है. घटना के बाद से पूरे गांव में मातम का माहौल है, जबकि सभी झुलसे लोगों को इलाज के लिए पाटन के उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. जहां से गंभीर रूप से झुलसे दो व्यक्तियों को इलाज के लिए एमएमसीएच में रेफर कर दिया गया.

ये बी पढ़ें- सिमडेगा में वज्रपात की चपेट में आने से दो युवक की मौत, एक वृद्ध घायल


जानकारी के अनुसार मंझौली गांव के 45 वर्षीय नागेंद्र महतो और 14 वर्षीय मधु कुमारी समेत कई लोग अपने मवेशी को चरा रहे थे, इसी दौरान बारिश शुरू हो गई. बारिश से बचने के लिए सभी लोग पेड़ के नीचे छुप गए, जिस पेड़ के नीचे सभी लोग छुपे थे उसी पर वज्रपात हो गया. इस घटना में मधु कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि नागेंद्र महतो के इलाज के लिए स्थानीय ग्रामीण अस्पताल ले जा रहे थे तब नागेंद्र महतो ने दम तोड़ दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.


बता दें कि पलामू में वज्रपात में लगातार लोगों की जान जा रही है. जनवरी से लेकर अब तक वज्रपात में 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. ग्रामीण इलाके में मवेशी चराने वाले लोग वज्रपात का अधिक शिकार हो रहे हैं.

पांच साल से बढ़ रही झारखंड में वज्रपात से मरने वालों की संख्याः झारखंड में वज्रपात से हर साल बड़ी संख्या में लोग काल के गाल में असमय समा जाते हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से मिले आकंड़े के अनुसार वर्ष 2012 में 148, वर्ष 2013 में 159, 2014 में 144, 2015 में 210, वर्ष 2016 में 265, वर्ष 2017 में 256, वर्ष 2018 में 261, वर्ष 2019 में 283, वर्ष 2020 में 322, वर्ष 2021 में 343 और वर्ष 2022 में 27 जुलाई से पहले तक 57 लोगों की जान अलग-अलग जिलों में वज्रपात की वजह से जा चुकी है.

तीन अगस्त को पिछले 24 घंटे में मरने वाले 9 लोगों की संख्या इसमें जोड़ दें तो वर्ष 2022 में अब तक झारखंड में वज्रपात से मरने वालों की संख्या 66 से अधिक हो चुकी है, जबकि अभी मानसून सीजन बचा है. अब इसमें धनबाद के युवक की मौत को आंकड़ा जोड़ दें तो इस साल अब तक वज्रपात में मरने वालों की संख्या का आंकड़ा 67 हो जाएगा. इसके अलावा भी लोग हादसे का शिकार हुए हो सकते हैं. अब 3 सितंबर को पलामू में वज्रपात में मरने वाले दो लोगों की संख्या जोड़ दी जाय तो वज्रपात में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो जाएगी.

Last Updated : Sep 4, 2022, 3:16 PM IST
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