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पलामू टाइगर रिजर्व में कई प्रकार के घास हैं मौजूद, जानिए पीटीआर में ग्रास लैंड पर क्यों फोकस कर रहा प्रबंधन

Grasses present in Palamu Tiger Reserve. पलामू टाइगर रिजर्व में कई प्रकार के घास मौजूद हैं. इन घासों से जहां एक ओर शाकाहारी जीवों को पोषण मिलता ही, वहीं दूसरी ओर घास लगे होने से मांसाहारी जीवों को भी फायदा होता है.

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Grasses Present In Palamu Tiger Reserve
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 28, 2023, 3:55 PM IST

पलामूः पीटीआर बाघ समेत अन्य वन्य जीवों के लिए देशभर में चर्चित है. पलामू टाइगर रिजर्व कई प्रकार की जैव विविधता से परिपूर्ण है. इलाके में सैकड़ों अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतु मौजूद हैं. कई जीव मांसाहारी हैं, जबकि कई जीव शाकाहारी हैं. शाकाहारी जीवों का प्रिय भोजन घास होता है. पलामू टाइगर रिजर्व में 18 अलग-अलग प्रकार के घास मौजूद है. कुछ दिनों पहले पलामू टाइगर रिजर्व में घास का सर्वे करवाया गया था. इस सर्वे में घास के एक्सपर्ट गजानंद मुड़दकर भी शामिल थे. सर्वे के बाद यह पता चल पाया कि पलामू टाइगर रिजर्व में 18 अलग-अलग प्रकार के घास मौजूद हैं. जिसमें प्रमुख रूप से चैरात, दुब, लुबलुबिया, खिंजड़ा, हेतरोपोगगेन शामिल हैं. हिरण, चितल और बायसन का चैरात और दुब घास प्रिय भोजन है.

घास पर पीटीआर में हुआ है रिसर्च, बाघ की खाद्य शृंखला को मजबूत करता है घासः पलामू टाइगर रिजर्व में घास पर रिसर्च किया गया है. घास बाघ के खाद्य शृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है. घास के बढ़ने से शाकाहारी जीव बढ़ते हैं, इनके बढ़ने से बाघ, तेंदुआ आदि को आसानी से भोजन मिल पाता है. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रदेशकांत ने बताया कि एक्सपर्ट की मौजूदगी में घास पर रिसर्च किया गया है. इलाके में ग्रास लैंड को बढ़ाया जा रहा है. उपनिदेशक बताते हैं कि पलामू टाइगर रिजर्व घने जंगलों की शृंखला है, जहां घास के बड़े मैदान नहीं हैं. छोटे-छोटे जगहों को चिन्हित कर ग्रास लैंड को विकसित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पीटीआर में घास की क्वालिटी अच्छी है, इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.

पीटीआर में एक से दो प्रतिशत के करीब है ग्रास लैंड, बनाया जा रहा कॉरिडोरः टाइगर रिजर्व में मानक के अनुसार क्षेत्रफल का आठ प्रतिशत ग्रासलैंड होना चाहिए , लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व में दो प्रतिशत के करीब ही ग्रासलैंड मौजूद है. बाघों के कॉरिडोर पर ग्रास लैंड को बढ़ाने के लिए पहल की जा रही है और चार इलाके को चिन्हित किया गया है. पीटीआर करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है. इलाके में 10 हजार से भी अधिक हिरण और चीतल हैं. पीटीआर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कॉरिडोर में बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिरण, बायसन समेत कई वन्य जीव मौजूद हैं.

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पलामूः पीटीआर बाघ समेत अन्य वन्य जीवों के लिए देशभर में चर्चित है. पलामू टाइगर रिजर्व कई प्रकार की जैव विविधता से परिपूर्ण है. इलाके में सैकड़ों अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतु मौजूद हैं. कई जीव मांसाहारी हैं, जबकि कई जीव शाकाहारी हैं. शाकाहारी जीवों का प्रिय भोजन घास होता है. पलामू टाइगर रिजर्व में 18 अलग-अलग प्रकार के घास मौजूद है. कुछ दिनों पहले पलामू टाइगर रिजर्व में घास का सर्वे करवाया गया था. इस सर्वे में घास के एक्सपर्ट गजानंद मुड़दकर भी शामिल थे. सर्वे के बाद यह पता चल पाया कि पलामू टाइगर रिजर्व में 18 अलग-अलग प्रकार के घास मौजूद हैं. जिसमें प्रमुख रूप से चैरात, दुब, लुबलुबिया, खिंजड़ा, हेतरोपोगगेन शामिल हैं. हिरण, चितल और बायसन का चैरात और दुब घास प्रिय भोजन है.

घास पर पीटीआर में हुआ है रिसर्च, बाघ की खाद्य शृंखला को मजबूत करता है घासः पलामू टाइगर रिजर्व में घास पर रिसर्च किया गया है. घास बाघ के खाद्य शृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है. घास के बढ़ने से शाकाहारी जीव बढ़ते हैं, इनके बढ़ने से बाघ, तेंदुआ आदि को आसानी से भोजन मिल पाता है. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रदेशकांत ने बताया कि एक्सपर्ट की मौजूदगी में घास पर रिसर्च किया गया है. इलाके में ग्रास लैंड को बढ़ाया जा रहा है. उपनिदेशक बताते हैं कि पलामू टाइगर रिजर्व घने जंगलों की शृंखला है, जहां घास के बड़े मैदान नहीं हैं. छोटे-छोटे जगहों को चिन्हित कर ग्रास लैंड को विकसित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पीटीआर में घास की क्वालिटी अच्छी है, इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.

पीटीआर में एक से दो प्रतिशत के करीब है ग्रास लैंड, बनाया जा रहा कॉरिडोरः टाइगर रिजर्व में मानक के अनुसार क्षेत्रफल का आठ प्रतिशत ग्रासलैंड होना चाहिए , लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व में दो प्रतिशत के करीब ही ग्रासलैंड मौजूद है. बाघों के कॉरिडोर पर ग्रास लैंड को बढ़ाने के लिए पहल की जा रही है और चार इलाके को चिन्हित किया गया है. पीटीआर करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है. इलाके में 10 हजार से भी अधिक हिरण और चीतल हैं. पीटीआर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कॉरिडोर में बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिरण, बायसन समेत कई वन्य जीव मौजूद हैं.

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