पलामू: झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र देह व्यापार का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. इस व्यापार 15 से 40 वर्ष तक महिलाएं जुड़ी हैं. देह व्यापार का बड़ा नेटवर्क गढ़वा से संचालित हो रहा है. गढ़वा से ही पलामू, लातेहार के साथ-साथ यूपी और छत्तीसगढ़ में जिस्मफरोशी का धंधा संचालित हो रहा है. इस कारोबार से छोटी बच्चियां भी जुड़ गई हैं. ये बच्चियां छत्तीसगढ़, यूपी के सीमावर्ती इलाकों के साथ-साथ गढ़वा के भंडरिया, चिनिया, रमकंडा, रंका, मेराल , रमना वंही लातेहार के बरवाडीह और महुआडांड़ के इलाके की रहनेवाली हैं. बड़ी संख्या में छोटी लड़कियों को मजदूरी करने के बहाने लाया जाता है और इस धंधे में धकेल दिया जाता है. वहीं कई को आर्केस्ट्रा में डांसर बनाने के बहाने इस दलदल में फंसा दिया जाता है. पूरा कारोबार हाईटेक तरीके से संचालित हो रहा है. व्हाट्सएप के माध्यम से यह कारोबार पलामू, गढ़वा और लातेहार में फैला हुआ है.
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पलामू प्रमंडल में एक हजार से अधिक हैं सेक्स वर्करः इस संबंध में सेक्स वर्करों के बीच काम करने वाली संस्थाओं का कहना है कि पलामू प्रमंडल में इनका आंकड़ा एक हजार से अधिक है. सभी की एचआईवी जांच करवाई जाती है. दो दर्जन के करीब सेक्स वर्कर एचआईवी पॉजिटिव भी हैं. संस्थाओं का कहना है कि पहले की तुलना में इनकी संख्या बढ़ी है. पहले ये चौक-चौराहों पर आसानी से नजर आती थीं, लेकिन अब पूरा कारोबार व्हाट्सएप से चल रहा है. संस्था के लोगों ने बताया कि हमें ऐसे कई कई व्हाट्सएप ग्रुप और नाम मिले हैं, जो इस अवैध धंधे में शामिल हैं. इस पर काम किया जा रहा है.
सेक्स वर्कर्स के हैं कई ग्रुप, गढ़वा की एक महिला नेटवर्क का बड़ा हिस्सा: पलामू, गढ़वा और लातेहार में सेक्स वर्कर्स के कई ग्रुप संचालित हैं. गढ़वा जिला का ग्रुप बच्चियों का इस्तेमाल कर रहा है. गढ़वा की एक महिला और उसका पति नेटवर्क का बड़ा हिस्सा है. सेक्स वर्कर्स के अनुसार गढ़वा की यह महिला ग्राहकों तक लड़कियों की सप्लाई करती हैं, लेकिन इससे पहले लड़कियों को उसके पति के पास जाना होता है. पति के हरी झंडी मिलने के बाद उसे कहीं और भेजा जाता है. महिला या उसका पति सेक्स वर्कर का पहले वीडियो तैयार करते हैं. वर्कर का कहना है कि इस तरह के कारोबार में होटलों की महत्वपूर्ण भूमिका है. पुलिस की कार्रवाई के बाद देह व्यापार का ट्रेंड बदला है. वर्कर शहर के बाहर खाली घरों को किराए पर लेते हैं और एक दो महीने में उसे बदल देते हैं. वर्कर वैसे घर को कराए पर लेते हैं जो सुनसान इलाकों में हैं और जहां किसी तरह के लोगों की दखलंदाजी नहीं हो.
स्कूली छात्र के अलावा, पुलिस, शिक्षक, बैंक कर्मी और अन्य सरकारी कर्मी हैं ग्राहक: महिला सेक्स वर्कर्स का इस्तेमाल स्कूली छात्रों के अलावा पुलिस, शिक्षक, बैंक कर्मी , रेलवे और अन्य सरकारी कर्मी कर रहे हैं. एक सेक्स वर्कर ने बताया कि स्कूली छात्रा अक्सर दोस्त बता कर हॉस्टल या किराए के घर पर लेकर जाते हैं. वहां वर्करों को ये अपना रिश्तेदार बताते हैं, हालांकि उनके पास पैसे कम रहते हैं. महिला सेक्स वर्करों के अधिकतर ग्राहक पुलिस, शिक्षक, बैंक कर्मी और सरकारी कर्मी हैं. बेतला नेशनल पार्क इलाके में संचालित होटल मालिकों की इस कारोबार में बड़ी भूमिका है. पलामू के एक अस्पताल में देह व्यापार से जुड़े हुए लोग सक्रिय हैं, जो ग्रामीण इलाके से आने वाली महिलाओं को निशाना बनाते हैं. गढ़वा के इलाके में अप्रैल के महीने में लगभग 15 से अधिक लोग एचआईवी पॉजिटिव निकले हैं. इनमें से अधिकतर मेराल और रमना के इलाके के हैं.