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पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों के संरक्षण की कवायद, रिजर्व को ग्रास लैंड में विकसित करने की योजना

पलामू टाइगर रिजर्व के मात्र सात प्रतिशत इलाके में ही ग्रास लैंड है. टाइगर कंजर्वेशन प्लान की समीक्षा की जाएगी. इसके लिए कमिटी प्रस्ताव तैयार कर वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया और NTCA को भेजेगी. वहां से मुहर लगने के बाद ग्रास लैंड का काम जल्द शुरु किया जाएगा. ताकि जल्द से जल्द टाइगर के लिए बैस तैयार किया जाए.

Preservation of tigers in Palamu Tiger Reserve
बाघों के संरक्षण की कवायद
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Published : Aug 20, 2020, 5:57 AM IST

पलामूः पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों का ना होना चिंता का विषय है. साल 2018 के बाद इस इलाके में बाघ नहीं देखे गए. साल 2020 के फरवरी में एक बाघिन का शव मिला, लेकिन किसी जीवित बाघ होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. इसको लेकर अब पलामू टाइगर रिजर्व के कुछ हिस्सों को ग्रास लैंड में विकसित करने की योजना है. पलामू टाइगर रिजर्व लगभग 1,115 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, इस हिसाब से करीब 115 वर्ग किलोमीटर में ग्रास लैंड होनी है, लेकिन सिर्फ 10 वर्ग किलोमीटर में ही ग्रास लैंड है. पलामू टाइगर रिजर्व ग्रास लैंड को विकसित करने की योजना तैयार कर रहा है, ताकि टाइगर के लिए बेस तैयार हो सके. पलामू टाइगर रिजर्व के मात्र सात प्रतिशत इलाके में ही ग्रास लैंड है. जिससे वन्य जीवों पर असर पड़ रहा है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथोरिटी के अनुसार टाइगर रिजर्व जितने में फैला हुआ है उसके दस प्रतिशत इलाके में ग्रास लैंड होना चाहिए. पलामू का ये ग्रास लैंड भी टुकड़ों में बंटा हुआ है.

देखें स्पेशल स्टोरी

टाइगर कंजर्वेशन प्लान की मध्यावधि समीक्षा की योजना
पलामू टाइगर रिजर्व में ग्रास लैंड को विकसित करने के लिए टाइगर कंजर्वेशन प्लान की मध्यावधि समीक्षा की योजना तैयार की गई है. नेशनल टाइगर टाइगर कंजर्वेशन अथोरिटी (NTCA) ने 2013-14 से 2022-23 तक के लिए टाइगर कंजर्वेशन प्लान तैयार किया है. इसी प्लान के तहत बाघों की संरक्षण को लेकर कार्य होते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या को देखते हुए प्लान की मध्यावधि समीक्षा के लिए कमिटी बनाई गई है. रिटायर आईएफएस सीआर सहाय इसके अध्यक्ष है जबकि कमिटी में केरल के ओपी कलेर, आरसीसीएफ पलामू, डीसी लातेहार और पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक शामिल हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक वाईके दास बताते हैं कि टाइगर कंजर्वेशन प्लान की समीक्षा कर ग्रास लैंड को विकसित किया जाना है. इसके लिए कमिटी प्रस्ताव तैयार कर वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया और NTCA को भेजेगी.

Preservation of tigers in Palamu Tiger Reserve
बाघों की घटती संख्या

मध्यावधि समीक्षा के लिए कमिटी के कार्यकाल का होगा विस्तार
NTCA के टाइगर कंजर्वेशन प्लान की मध्यावधि समीक्षा के लिए कमिटी के कार्यकाल के विस्तार किया जाना है. इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना है. कमिटी का कार्यकाल अप्रैल महीने में खत्म हो गया है. ग्रास लैंड को लेकर कमिटी अंतिम मुहर अप्रैल महीने में लगाने वाली थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण कमिटी इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगा सकी. अब पलामू टाइगर रिजर्व कमिटी के कार्यकाल के विस्तार को लेकर आलाधिकारी और सरकार को प्रस्ताव भेज रही है.

इसे भी पढ़ें- पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों को ढूंढने की नई कवायद, विभाग ने तैयार किया विशेष एप

रिजर्व में टाइगर्स की घटती संख्या

साल बाघों की संख्या

1974 54

2005 38

2007 17

2009 08

2020 एक भी नहीं

झारखंड के बारे में क्या कहती है रिपोर्ट

ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेट रिपोर्ट-2018

वर्ष बाघों की संख्या

2006 कोई जानकारी नहीं

2010 10

2014 03

2018 05

2020 कोई जानकारी नहीं

पलामूः पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों का ना होना चिंता का विषय है. साल 2018 के बाद इस इलाके में बाघ नहीं देखे गए. साल 2020 के फरवरी में एक बाघिन का शव मिला, लेकिन किसी जीवित बाघ होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. इसको लेकर अब पलामू टाइगर रिजर्व के कुछ हिस्सों को ग्रास लैंड में विकसित करने की योजना है. पलामू टाइगर रिजर्व लगभग 1,115 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, इस हिसाब से करीब 115 वर्ग किलोमीटर में ग्रास लैंड होनी है, लेकिन सिर्फ 10 वर्ग किलोमीटर में ही ग्रास लैंड है. पलामू टाइगर रिजर्व ग्रास लैंड को विकसित करने की योजना तैयार कर रहा है, ताकि टाइगर के लिए बेस तैयार हो सके. पलामू टाइगर रिजर्व के मात्र सात प्रतिशत इलाके में ही ग्रास लैंड है. जिससे वन्य जीवों पर असर पड़ रहा है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथोरिटी के अनुसार टाइगर रिजर्व जितने में फैला हुआ है उसके दस प्रतिशत इलाके में ग्रास लैंड होना चाहिए. पलामू का ये ग्रास लैंड भी टुकड़ों में बंटा हुआ है.

देखें स्पेशल स्टोरी

टाइगर कंजर्वेशन प्लान की मध्यावधि समीक्षा की योजना
पलामू टाइगर रिजर्व में ग्रास लैंड को विकसित करने के लिए टाइगर कंजर्वेशन प्लान की मध्यावधि समीक्षा की योजना तैयार की गई है. नेशनल टाइगर टाइगर कंजर्वेशन अथोरिटी (NTCA) ने 2013-14 से 2022-23 तक के लिए टाइगर कंजर्वेशन प्लान तैयार किया है. इसी प्लान के तहत बाघों की संरक्षण को लेकर कार्य होते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या को देखते हुए प्लान की मध्यावधि समीक्षा के लिए कमिटी बनाई गई है. रिटायर आईएफएस सीआर सहाय इसके अध्यक्ष है जबकि कमिटी में केरल के ओपी कलेर, आरसीसीएफ पलामू, डीसी लातेहार और पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक शामिल हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक वाईके दास बताते हैं कि टाइगर कंजर्वेशन प्लान की समीक्षा कर ग्रास लैंड को विकसित किया जाना है. इसके लिए कमिटी प्रस्ताव तैयार कर वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया और NTCA को भेजेगी.

Preservation of tigers in Palamu Tiger Reserve
बाघों की घटती संख्या

मध्यावधि समीक्षा के लिए कमिटी के कार्यकाल का होगा विस्तार
NTCA के टाइगर कंजर्वेशन प्लान की मध्यावधि समीक्षा के लिए कमिटी के कार्यकाल के विस्तार किया जाना है. इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना है. कमिटी का कार्यकाल अप्रैल महीने में खत्म हो गया है. ग्रास लैंड को लेकर कमिटी अंतिम मुहर अप्रैल महीने में लगाने वाली थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण कमिटी इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगा सकी. अब पलामू टाइगर रिजर्व कमिटी के कार्यकाल के विस्तार को लेकर आलाधिकारी और सरकार को प्रस्ताव भेज रही है.

इसे भी पढ़ें- पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों को ढूंढने की नई कवायद, विभाग ने तैयार किया विशेष एप

रिजर्व में टाइगर्स की घटती संख्या

साल बाघों की संख्या

1974 54

2005 38

2007 17

2009 08

2020 एक भी नहीं

झारखंड के बारे में क्या कहती है रिपोर्ट

ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेट रिपोर्ट-2018

वर्ष बाघों की संख्या

2006 कोई जानकारी नहीं

2010 10

2014 03

2018 05

2020 कोई जानकारी नहीं

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