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पलामू: ग्रामीणों के सुख-दुख के सहभागी बन रहे पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारी ने ऐसे की किसानों की मदद

खेतों में जमे बारिश के पानी को निकालने में मनातू थाना प्रभारी ने किसानों की मदद की. थाना प्रभारी इलाके में ग्रामीणों के बीच हो रहे विवाद को सुलझाने गए थे. इस बीच कुदाल चलाकर उन्होंने फसलों को नुकसान होने से बचाया.

कुदाल चलाते थाना प्रभारी
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Published : Aug 26, 2019, 2:21 PM IST

पलामू: मनातू थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह ग्रामीणों के विवाद को सुलझाने गए थे. इस क्रम में उन्होंने देखा कि बारिश का पानी जमा होने से फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. ग्रामीण भी पानी को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे थे. यह देखते हुए थाना प्रभारी ने कुदाल चलाकर लोगों की मदद की. गांव वालों के प्रयास और संतोष कुमार सिंह की मदद से धीरे-धीरे एक रास्ता बना, जिससे खेतों से पानी बाहर निकल गया.

देखें पूरी खबर

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पलामू में पहले कभी ऐसा भी होता था कि पुलिस के गांव में घुसने के बाद पूरा गांव खाली हो जाता था, लेकिन बदलते वक्त के साथ माहौल भी बदल गया है. अब पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलियों और अपराधियों के खिलाफ अभियान ही नहीं चला रहे बल्कि ग्रामीणों के सुख-दुख के सहभागी भी बन रहे हैं. पलामू में पुलिस अधिकारी इस बदलाव के वाहक बन रहे हैं. दरअसल, मनातू झारखंड बिहार सीमा पर नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है. मनातू के इलाके में ग्रामीणों का विश्वास जीतना पुलिस के लिए चुनौती है, लेकिन पुलिस अधिकारी लगातार कोशिश में जुटे हुए हैं.

पलामू: मनातू थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह ग्रामीणों के विवाद को सुलझाने गए थे. इस क्रम में उन्होंने देखा कि बारिश का पानी जमा होने से फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. ग्रामीण भी पानी को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे थे. यह देखते हुए थाना प्रभारी ने कुदाल चलाकर लोगों की मदद की. गांव वालों के प्रयास और संतोष कुमार सिंह की मदद से धीरे-धीरे एक रास्ता बना, जिससे खेतों से पानी बाहर निकल गया.

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पलामू में पहले कभी ऐसा भी होता था कि पुलिस के गांव में घुसने के बाद पूरा गांव खाली हो जाता था, लेकिन बदलते वक्त के साथ माहौल भी बदल गया है. अब पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलियों और अपराधियों के खिलाफ अभियान ही नहीं चला रहे बल्कि ग्रामीणों के सुख-दुख के सहभागी भी बन रहे हैं. पलामू में पुलिस अधिकारी इस बदलाव के वाहक बन रहे हैं. दरअसल, मनातू झारखंड बिहार सीमा पर नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है. मनातू के इलाके में ग्रामीणों का विश्वास जीतना पुलिस के लिए चुनौती है, लेकिन पुलिस अधिकारी लगातार कोशिश में जुटे हुए हैं.

Intro:ग्रामीणों के विवाद सुलझाने गए थाना प्रभारी ने कुदाल चला किसानों की किया मदद

नीरज कुमार । पलामू

पलामू के नक्सल हीट इलाके में फिजा बदल रही है। पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलीयो और अपराधियों के खिलाफ अभियान ही नही चला रहे बल्कि ग्रामीणों के सुख दुख का सहभागी बन रहे हैं। पलामू में कभी ऐसा भी होता था कि पुलिस के गांव में घुसने के बाद पूरा गांव खाली हो जाता था। लेकिन बदलते वक्त के साथ माहौल भी बदल गया है। पुलिस अधिकारी इस बदलाव के वाहक बन रहे हैं। हांथो के कुदाल लेकर चलाता यह व्यक्ति मनातू थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह है। जैसा नाम वैसा ही ग्रामीणों को संतोष करने में लगे हुए हैं। Body:मनातू थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह थाना क्षेत्र के गुरतुरी में एक विवाद को सुलझाने गए थे। इसी क्रम में उन्होने देखा के बारिश का पानी जमा होने से फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। ग्रामीण पानी को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे है। संतोष कुमार सिंह खुद हांथो में कुदाल ले कर खेत मे चलाने लगे। धीरे धीरे उन्होंने ने एक रास्ता बना दिया , जिससे खेतो से पानी बाहर निकलने लगी।Conclusion:मनातू झारखंड बिहार सीमा पर और नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है। मनातू के इलाके में ग्रामीणों का बिश्वास जितना पुलिस के लिए चुनौती है जिसे पुलिस अधिकारी पार पाने में लगे हुए हैं।
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