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पलामू: नक्सली घटनाओं को लेकर प्रशासन अलर्ट, संवेदनशील सड़कों की सुरक्षा केंद्रीय बलों के हवाले - पलामू में सुरक्षा व्यवस्था सख्त

झारखंड में बढ़ते नक्सली घटनाओं और आम लोगों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है. इसी क्रम में पलामू पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए जिले के 35 संवेदनशील सड़कों को चिन्हित किया है, जहां केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है.

Police administration cautious about security system in palamu
सदर थाना पलामू
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Published : Dec 13, 2019, 6:29 PM IST

पलामू: सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है. पुलिस ने जिले के ऐसी 35 सड़कों को चिन्हित किया है, जो संवेदनशील हैं. इन सभी संवेदनशील सड़कों की निगरानी केंद्रीय सुरक्षा बलों के हवाले किया गया है.

जानकारी देते संवाददाता नीरज

पलामू के आम लोगों की सुरक्षा और लॉ एंड आर्डर को बनाए रखने को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. पुलिस ने जिले के 35 ऐसी सड़कों को चिन्हित किया है जो काफी संवेदनशील हैं. इन चिन्हित रोड पर पुलिस की निगरानी अधिक रहती है. इन चिन्हित सड़कों पर नक्सली हमले का अंदेशा बना रहता है. विधानसभा चुनाव के दौरान ही पलामू पुलिस ने नक्सली हमले की आशंका जताते हुए इन जगहों को संवेदनशील घोषित किया था. चुनाव के समय से ही इन जगहों पर केंद्रीय बलों की निगरानी में गश्ती की जा रही है. कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ के बीडीडीएस टीम को इन सड़कों की सुरक्षा का जिम्मेवारी दी गई है. पुलिस प्रशासन की ओर से चुनाव के समय ही सारी योजनाओं का प्लान किया गया था, जहां अभी भी सुरक्षा टीम मौजूद है.

पलामू में रोड लैंड माइंस विस्फोट का लंबा इतिहास रहा है. साल 2005, 2009 के विधानसभा चुनाव में कई बड़े नक्सली लैंड माइंस विस्फोट हुआ था. वहीं, साल 2016 में भी लैंड माइंस विस्फोट हुआ था. जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे. साल 2014 से 2016 के बीच जिले के नेशनल हाइवे पर कई लैंड माइंस विस्फोट हुए. जिस कारण 2019 के विधानसभा चुनाव में पुलिस प्रशासन की ओर से यह सतर्कता बरती गई थी. इसके मद्देनजर पुलिस ने चुनाव से करीब 6 महींने पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी.

इसे भी पढ़ें- राजमहल विधानसभा सीट पर लगी चुनावी बाजी, दांव पर BJP, JMM और AJSU की साख

कौन-कौन रोड हैं संवेदनशील

छत्तरपुर अनुमंडल क्षेत्र का छत्तरपुर-नौडीहा बाजार, सरईडीह-डगरा, नौडीहा बाजार-कुहकुह, नौडीहा बाजार चेतमा, छत्तरपुर-जपला, लठेया-महुदंड, हरिहरगंज-पिपरा, पिपरा से झरगड़ा, पदमा-मनातू, चक-मनातू, पांकी-ताल, बिश्रामपुर-पांडु, मोहम्मदगंज-माहुर, जपला-हैदरनगर, पांकी-पिपराटांड़, रामगढ़-चैनपुर की सड़कों को पुलिस ने संवेदनशील घोषित किया है. जिनकी सुरक्षा केंद्रीय सुरक्षाबलों के हवाले की गयी है.

पलामू: सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है. पुलिस ने जिले के ऐसी 35 सड़कों को चिन्हित किया है, जो संवेदनशील हैं. इन सभी संवेदनशील सड़कों की निगरानी केंद्रीय सुरक्षा बलों के हवाले किया गया है.

जानकारी देते संवाददाता नीरज

पलामू के आम लोगों की सुरक्षा और लॉ एंड आर्डर को बनाए रखने को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. पुलिस ने जिले के 35 ऐसी सड़कों को चिन्हित किया है जो काफी संवेदनशील हैं. इन चिन्हित रोड पर पुलिस की निगरानी अधिक रहती है. इन चिन्हित सड़कों पर नक्सली हमले का अंदेशा बना रहता है. विधानसभा चुनाव के दौरान ही पलामू पुलिस ने नक्सली हमले की आशंका जताते हुए इन जगहों को संवेदनशील घोषित किया था. चुनाव के समय से ही इन जगहों पर केंद्रीय बलों की निगरानी में गश्ती की जा रही है. कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ के बीडीडीएस टीम को इन सड़कों की सुरक्षा का जिम्मेवारी दी गई है. पुलिस प्रशासन की ओर से चुनाव के समय ही सारी योजनाओं का प्लान किया गया था, जहां अभी भी सुरक्षा टीम मौजूद है.

पलामू में रोड लैंड माइंस विस्फोट का लंबा इतिहास रहा है. साल 2005, 2009 के विधानसभा चुनाव में कई बड़े नक्सली लैंड माइंस विस्फोट हुआ था. वहीं, साल 2016 में भी लैंड माइंस विस्फोट हुआ था. जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे. साल 2014 से 2016 के बीच जिले के नेशनल हाइवे पर कई लैंड माइंस विस्फोट हुए. जिस कारण 2019 के विधानसभा चुनाव में पुलिस प्रशासन की ओर से यह सतर्कता बरती गई थी. इसके मद्देनजर पुलिस ने चुनाव से करीब 6 महींने पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी.

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कौन-कौन रोड हैं संवेदनशील

छत्तरपुर अनुमंडल क्षेत्र का छत्तरपुर-नौडीहा बाजार, सरईडीह-डगरा, नौडीहा बाजार-कुहकुह, नौडीहा बाजार चेतमा, छत्तरपुर-जपला, लठेया-महुदंड, हरिहरगंज-पिपरा, पिपरा से झरगड़ा, पदमा-मनातू, चक-मनातू, पांकी-ताल, बिश्रामपुर-पांडु, मोहम्मदगंज-माहुर, जपला-हैदरनगर, पांकी-पिपराटांड़, रामगढ़-चैनपुर की सड़कों को पुलिस ने संवेदनशील घोषित किया है. जिनकी सुरक्षा केंद्रीय सुरक्षाबलों के हवाले की गयी है.

Intro:पलामू के 35 रोड है संवेदनशील ,जिस पर पुलिस की है पैनी निगाह, नक्सल हमले की हमेशा बनी रहती है खतरा

नीरज कुमार । पलामू

पुलिस ने पलामू के 35 ऐसे रोड को चिन्हित किया है जो संवेदनशील है। रोड पर पलामू पुलिस की निगरानी की अधिक रहती है। चिन्हित रोड पर नक्सल हमले का अंदेशा बना हुआ रहता है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए पलामू पुलिस ने नक्सल हमले को लेकर संवेदनशील रोड को चिन्हित किया था। चुनाव के दौरान सभी रोड को केंद्रीय बलो की निगरानी में सेनेटाइज किया गया था। कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ के बीडीडीएस टीम को इन रोड की जांच की जिम्मेवारी दी गई थी। पलामू पुलिस ने इसके लिए योजना तैयार किया था जिस कारण चुनाव के दौरान कोई भी हमला नही हुआ।


Body:पलामू में रोड पर लैंड माइंस विस्फोट का लंबा इतिहास रहा है। 2005, 2009 के विधानसभा चुनाव में कई बड़े हमले रोड पर ही हुई थी। जबकि 2016 में मुख्य रोड पर लैंड माइंस विस्फोटक हुआ था जिस में 07 जवान शहीद हुए थे। 2014 से 2016 तक नेशनल हाइवे पर कई लैंड माइंस विस्फोट हुए थे। जिस कारण चुनाव के दौरान पलामू पुलिस ने एक खाका तैयार किया था। करीब छह महीने पहले से पुलिस ने इसकी तैयारी शुरू की थी। 35 रोड में सबसे अधिक छतरपुर अनुमंडल के इलाके में 17 रोड है। चुनाव के बाद भी पुलिस सभी रोड को सेनेटाइज कर नजर रखे हुए है।


Conclusion:कौन कौन रोड हैं संवेदनशील

छत्तरपुर अनुमंडल क्षेत्र का छत्तरपुर- नौडीहा बाजार, सरईडीह -डगरा, नौडीहा बाजार-कुहकुह, नौडीहा बाजार चेतमा, छत्तरपुर-जपला, लठेया-महुदण्ड, हरिहरगंज-पिपरा, पिपरा से झरगड़ा, पदमा -मनातू, चक-मनातू, पांकी-ताल, बिश्रमपुर-पांडु, मोहम्मदगंज-माहुर, जपला -हैदरनगर, पांकी-पिपराटांड़, रामगढ़-चैनपुर आदि को पुलिस ने संवेदनशील माना था।
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