पलामू: सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है. पुलिस ने जिले के ऐसी 35 सड़कों को चिन्हित किया है, जो संवेदनशील हैं. इन सभी संवेदनशील सड़कों की निगरानी केंद्रीय सुरक्षा बलों के हवाले किया गया है.
पलामू के आम लोगों की सुरक्षा और लॉ एंड आर्डर को बनाए रखने को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. पुलिस ने जिले के 35 ऐसी सड़कों को चिन्हित किया है जो काफी संवेदनशील हैं. इन चिन्हित रोड पर पुलिस की निगरानी अधिक रहती है. इन चिन्हित सड़कों पर नक्सली हमले का अंदेशा बना रहता है. विधानसभा चुनाव के दौरान ही पलामू पुलिस ने नक्सली हमले की आशंका जताते हुए इन जगहों को संवेदनशील घोषित किया था. चुनाव के समय से ही इन जगहों पर केंद्रीय बलों की निगरानी में गश्ती की जा रही है. कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ के बीडीडीएस टीम को इन सड़कों की सुरक्षा का जिम्मेवारी दी गई है. पुलिस प्रशासन की ओर से चुनाव के समय ही सारी योजनाओं का प्लान किया गया था, जहां अभी भी सुरक्षा टीम मौजूद है.
पलामू में रोड लैंड माइंस विस्फोट का लंबा इतिहास रहा है. साल 2005, 2009 के विधानसभा चुनाव में कई बड़े नक्सली लैंड माइंस विस्फोट हुआ था. वहीं, साल 2016 में भी लैंड माइंस विस्फोट हुआ था. जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे. साल 2014 से 2016 के बीच जिले के नेशनल हाइवे पर कई लैंड माइंस विस्फोट हुए. जिस कारण 2019 के विधानसभा चुनाव में पुलिस प्रशासन की ओर से यह सतर्कता बरती गई थी. इसके मद्देनजर पुलिस ने चुनाव से करीब 6 महींने पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी.
इसे भी पढ़ें- राजमहल विधानसभा सीट पर लगी चुनावी बाजी, दांव पर BJP, JMM और AJSU की साख
कौन-कौन रोड हैं संवेदनशील
छत्तरपुर अनुमंडल क्षेत्र का छत्तरपुर-नौडीहा बाजार, सरईडीह-डगरा, नौडीहा बाजार-कुहकुह, नौडीहा बाजार चेतमा, छत्तरपुर-जपला, लठेया-महुदंड, हरिहरगंज-पिपरा, पिपरा से झरगड़ा, पदमा-मनातू, चक-मनातू, पांकी-ताल, बिश्रामपुर-पांडु, मोहम्मदगंज-माहुर, जपला-हैदरनगर, पांकी-पिपराटांड़, रामगढ़-चैनपुर की सड़कों को पुलिस ने संवेदनशील घोषित किया है. जिनकी सुरक्षा केंद्रीय सुरक्षाबलों के हवाले की गयी है.