पलामू : प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के झारखंड-बिहार बंद का पलामू में आंशिक असर देखा गया. पलामू के ग्रामीण इलाके के कुछ हिस्से को छोड़ दिया जाए तो कहीं भी इसका प्रभाव नजर नहीं आया. माओवादियों के टॉप कमांडर प्रशांत बोस और शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में माओवादियों ने 26 जनवरी तक प्रतिरोध सप्ताह मनाने के बाद 27 जनवरी को झारखंड बिहार बंद की घोषणा की थी. बंद को देखते हुए पलामू रेंज में पुलिस हाई अलर्ट पर है.
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भाकपा माओवादियों के बंद का पलामू के मनातू, हरिहरगंज नैडीहा बाजार और बिहार से सटे सीमावर्ती इलाकों में आंशिक असर देखा गया. नक्सलियों के बंद को देखते हुए पलामू पुलिस ने कई इलाकों में सर्च अभियान शुरू किया था. जिसके बाद उन्होंने संवेदनशील इलाकों में अपनी निगरानी बढ़ा दी. प्रतिरोध सप्ताह के दौरान माओवादियों ने रेलवे को कई जगहों पर नुकसान पहुंचाया था. इसे देखते हुए पलामू पुलिस ने कई इलाकों में रेलवे की सुरक्षा बढ़ा दी. अति संवेदनशील इलाकों में सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई.
रेलवे ट्रैक पर खास निगरानी: माओवादियों के बंद का पलामू में भले ही आंशिक असर देखने को मिला. लेकिन राज्य के कई जिलों में इसका व्यापक असर भी दिखा. बंद का सबसे अधिक प्रभाव यात्री बसों पर पड़ा. पलामू से रांची जाने वाली बसों का परिचालन बेहद कम हुआ. रांची के कई इलाकों में लोकल बस तक नहीं चली. वहीं आज पूरा बुंडू अनुमंडल क्षेत्र बंद रहा. सरकारी कार्यालयों में भी आम लोगों की उपस्थिति नहीं के बराबर रही. बुंडू, तमाड़, दशम फ़ॉल थाना क्षेत्र की तमाम दुकाने बन्द रहीं. रांची टाटा रोड पर पर भी काफी कम गाड़ियां चल रही है. इधर गिरिडीह में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक पर विस्फोट कर दिया. नक्सलियों ने नई दिल्ली से गया-धनबाद होकर हावड़ा जाने वाले रेलखंड को अपना निशाना बनाया. जिसके कारण कारण पटरी क्षतिग्रस्त हो गई और इस रूट से जाने वाली ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया. हालांकि पलामू में रेलवे ट्रैक पर खास निगरानी रखी गई.