पलामू: पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) लोगों को धन्यवाद दे रहा है. पलामू टाइगर रिजर्व के 50 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष में पर्यटक, कर्मी और अन्य लोगों को पत्र और एसएमएस के माध्यम से धन्यवाद दिया जा रहा है. पीटीआर अब तक सैकड़ों पर्यटकों को धन्यवाद दे चुका है. दरअसल अप्रैल के पहले सप्ताह में पलामू टाइगर रिजर्व का 50 वर्ष हो गया है. ऐसा करके पीटीआर प्रबंधन पर्यटकों का ध्यान अपनी और खींचना चाह रहा है.
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नई सुविधाओं के बारे में दी जा रही जानकारी: पर्यटकों के दर्ज पता और मोबाइल नंबर को एक जगह जमा किया गया है. जिन पर्यटकों का पता प्रबंधन के पास मौजूद है उसे पत्र भेजा जा रहा है. जिन पर्यटकों का मोबाइल नंबर पर पीटीआर प्रबंधन के पास मौजूद है उन्हें एसएमएस भेजा जा रहा है. पीटीआर प्रबंधन ने पिछले एक दशक के पर्यटकों का डाटा तैयार किया है. प्रबंधन लोगों को धन्यवाद देने के अलावा लोगों को इलाके में मुहैया कराई गई नई सुविधा-संसाधन के बारे में भी जानकारी दे रहा है.
पीटीआर उपनिदेशक ने बताया इसका उदेश्य: पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेश जेना ने बताया कि पर्यटकों और अन्य लोगों को धन्यवाद दिया जा रहा है. इसके पीछे बड़ा उद्देश्य एक ही इलाके में पर्यटन को एक नई दिशा और इसे बढ़ावा दिया जाए. एसएमएस और पत्र से पर्यटकों का ध्यान पीटीआर की ओर खींचेगा और दोबारा आने के लिए लोग लालायित होंगे. उपनिदेशक बताते हैं कि पर्यटकों को बताया जा रहा है कि इलाके में क्या बदलाव हुए हैं. समस्याओं का समाधान हो गया है. इलाका पहले से सुरक्षित हो गया है. पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई. उन्होंने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने से पलामू टाइगर रिजर्व के आसपास के इलाके के ग्रामीणों को भी फायदा होगा. अगर इस ओर ध्यान दिया गया तो उनकी आमदनी कई तरह से बढ़ सकती है. विभाग पर्यटन को बढ़ावा दे कर आसपास के ग्रामीणों को भी इससे जोड़ रहा है और वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रहा है.
ये है पलामू टाइगर रिजर्व का आकर्षण: पीटीआर इलाके में बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली समेत कई राज्यों से पर्यटक पहुंचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क में अकेले प्रतिवर्ष 40 हजार के करीब पर्यटक पहुंचते हैं. कोविड-19 काल से पहले 2019 में बेतला नेशनल पार्क में फ्रांस, जर्मनी के पर्यटक भी पहुंचे थे. 2019 दौरान बेतला नेशनल पार्क में 38 हजार पर्यटकों ने अपनी मौजूदगी दिखाई थी. जबकि 2022 में इनका आंकड़ा 42 हजार से अधिक था. पलामू टाइगर रिजर्व का इलाका बाघ, तेन्दुआ, हाथी, चीतल, बायसन के लिए चर्चित है. जाबकि इलाके में बूढ़ा घाघ, मीरचईया, सुगा बांध समेत कई वाटर फॉल है. यह इलाका जंगलों से घिरा हुआ है.