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अधिकारियों की टीम बूढ़ा पहाड़ की कर रही निगरानी, बच्चों को दी जा रही बेहतर तालीम

झारखंड में लगातार नक्सलवाद पर प्रहार हो रहा है. वहीं नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बूढ़ा पहाड़ की फिजा बदल रही है. पहाड़ पर होने वाली गतिविधियों पर अधिकारियों की टीम की नजर बनी हुई है. Palamu officers monitoring Budha Pahad

Palamu officers monitoring Budha Pahad
अधिकारियों की टीम बूढ़ा पहाड़ की कर रही निगरानी
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 21, 2023, 3:25 PM IST

अधिकारियों की टीम बूढ़ा पहाड़ की कर रही निगरानी

पलामू: झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ा पहाड़ के इलाके का मिजाज बदल रहा है. इलाके के लोग अब मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं. पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूढ़ा पहाड़ और उसके आसपास के इलाके की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. झारखंड सरकार के सीनियर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूढ़ा पहाड़ के इलाके का दौरा कर रहे हैं. इलाके में तैनात जवान और ग्रामीणों से बातचीत की जा रही है.

ये भी पढ़ें: Crime News Palamu: गाड़ी जलाने के मामले में कई नक्सलियों पर एफआईआर, 10 लाख का इनामी नितेश यादव भी शामिल

पलामू जोन के आईजी ने क्या कहा: बूढ़ा पहाड़ इलाके के हालात को लेकर ईटीवी भारत ने पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा के साथ बातचीत की. बूढ़ा पहाड़ को लेकर कई बिंदुओं पर आईजी ने ईटीवी भारत से जानकारी साझा की. आईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सुरक्षाबल मौजूद हैं. इस इलाके में कई विकास कार्य शुरू किए गए हैं. आईजी बताते हैं कि इलाके की संवेदनशीलता का आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि पुलिस के सीनियर अधिकारी लगातार इलाके में पहुंचते हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके को क्लोजली मॉनिटर किया जा रहा है. अधिकारी दौरा करते है और जवानों का हौसला बढ़ाते हैं.

बच्चे सीआरपीएफ कैंप में कर रहे पढ़ाई: आईजी ने कहा कि ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को दूर किया जाता है. आईजी बताते हैं कि झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों इलाके के बच्चे सीआरपीएफ के कैंप में पढ़ाई कर रहे हैं. जवान बच्चों को पढ़ा रहे हैं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं. आईजी बताते हैं कि बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से इलाके की तस्वीर बदल जाएगी. इस प्रोजेक्ट के तहत इलाके में रोड, पुल, पुलिया और स्वरोजगार समेत कई बिंदुओं पर कार्य होना हैं. आईजी बताते हैं कि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई स्तर पर भी समीक्षा की जाती है.

इलाके में तैनात जवान हाई अलर्ट पर: इलाके में तैनात जवान हाई अलर्ट पर भी रहते हैं. सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए रणनीति बनाई जाती है और समय के साथ इसमें परिवर्तन भी किया जाता है. इलाके में एक दर्जन के करीब सीआरपीएफ कंपनियां तैनात है, जो लगातार इलाके में शांति व्यवस्था कायम करने में जुटी हुईं हैं.

अधिकारियों की टीम बूढ़ा पहाड़ की कर रही निगरानी

पलामू: झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ा पहाड़ के इलाके का मिजाज बदल रहा है. इलाके के लोग अब मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं. पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूढ़ा पहाड़ और उसके आसपास के इलाके की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. झारखंड सरकार के सीनियर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूढ़ा पहाड़ के इलाके का दौरा कर रहे हैं. इलाके में तैनात जवान और ग्रामीणों से बातचीत की जा रही है.

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पलामू जोन के आईजी ने क्या कहा: बूढ़ा पहाड़ इलाके के हालात को लेकर ईटीवी भारत ने पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा के साथ बातचीत की. बूढ़ा पहाड़ को लेकर कई बिंदुओं पर आईजी ने ईटीवी भारत से जानकारी साझा की. आईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सुरक्षाबल मौजूद हैं. इस इलाके में कई विकास कार्य शुरू किए गए हैं. आईजी बताते हैं कि इलाके की संवेदनशीलता का आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि पुलिस के सीनियर अधिकारी लगातार इलाके में पहुंचते हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके को क्लोजली मॉनिटर किया जा रहा है. अधिकारी दौरा करते है और जवानों का हौसला बढ़ाते हैं.

बच्चे सीआरपीएफ कैंप में कर रहे पढ़ाई: आईजी ने कहा कि ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को दूर किया जाता है. आईजी बताते हैं कि झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों इलाके के बच्चे सीआरपीएफ के कैंप में पढ़ाई कर रहे हैं. जवान बच्चों को पढ़ा रहे हैं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं. आईजी बताते हैं कि बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से इलाके की तस्वीर बदल जाएगी. इस प्रोजेक्ट के तहत इलाके में रोड, पुल, पुलिया और स्वरोजगार समेत कई बिंदुओं पर कार्य होना हैं. आईजी बताते हैं कि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई स्तर पर भी समीक्षा की जाती है.

इलाके में तैनात जवान हाई अलर्ट पर: इलाके में तैनात जवान हाई अलर्ट पर भी रहते हैं. सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए रणनीति बनाई जाती है और समय के साथ इसमें परिवर्तन भी किया जाता है. इलाके में एक दर्जन के करीब सीआरपीएफ कंपनियां तैनात है, जो लगातार इलाके में शांति व्यवस्था कायम करने में जुटी हुईं हैं.

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