पलामू: कुख्यात डॉन कुणाल सिंह हत्याकांड में 230 पेज की अनुसंधान रिपोर्ट तैयार की गई है. पुलिस ने इस रिपोर्ट को कोर्ट को सौंप दिया है. जबकि हत्याकांड से जुड़े चार संदिग्ध और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. पुलिस मामले में जल्द ही कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वारंट लेने वाली है. पुलिस को कुणाल की हत्या से जुड़े सीसीटीवी फूटेज मिले हैं. यह फूटेज पुलिसिया अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पुलिस मामले में पूर्ण चार्जशीट जल्द दायर कर सकती है. पुलिस ने करीब 10 मोबाइल नंबरों का सीडीआर भी निकाला है और उसका अध्यन किया है.
फंटूश का उकसाना बना है हत्या का बड़ा कारण
पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि कुणाल का करीबी रहा राकेश वर्मा उर्फ फंटूश डब्लू सिंह गिरोह का भी करीबी था. फंटूश ने ही डब्लू सिंह गिरोह को कुणाल के खिलाफ भड़काया था. तीन जून को मेदिनीनगर के सुदना बिजली ग्रिड के पास कुणाल सिंह के कार को सफारी से टक्कर मारी गई थी. टक्कर के बाद कुणाल सिंह सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कुणाल सिंह हत्याकांड के आरोपी विजय शर्मा, राकेश वर्मा उर्फ फंटूश, अन्नू विश्वकर्मा, स्वेतकेतु और अमरेश गिरफ्त में हैं, जबकि मुख्य आरोपी डब्लू सिंह अभी भी फरार है.
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कुणाल की हत्या में इस्तेमाल हुआ था तीन पिस्टल
गैंगस्टर कुणाल सिंह हत्याकांड में पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट ले लिया है. मामले में पुलिस अनुसंधान अंतिम चरण में है. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्याकांड के मुख्य आरोपी डब्लू सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश बना रही है. पुलिस को कुछ और संदिग्धों के नाम मिले हैं जिन्होंने हत्याकांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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अपराधियों ने कैसे दिया था घटना को अंजाम
कुणाल सिंह हत्याकांड को आपसी वर्चस्व की लड़ाई में अंजाम दिया गया था. डब्लू सिंह और कुणाल सिंह के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई थी. पुलिस पहले ही बता चुकी है कि कुणाल के करीबी फंटूश ने हर गतिविधि की जानकारी डब्लू सिंह गिरोह को उपलब्ध करवाया था और हत्या वाले दिन रेकी कर रहा था. कुणाल सिंह के कार को सुदना बिजली ग्रिड के पास टक्कर मारी गई, फिर उसे गोली मारकर हत्या कर दी गई.