पलामू: झारखंड सरकार की इनामी नक्सलियों की सूची में 140 से अधिक नाम शामिल हैं, जिसमें 45 से अधिक नक्सली पलामू प्रमंडल में सक्रिय हैं. इसे लेकर पुलिस (Palamu Police) ने एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत वैसे नक्सली जिन पर इनाम नहीं (Non-rewarded Naxalites) है, उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जाएगा. सभी को झारखंड सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण नीति नई दिशा और नई पहल से जोड़ा जाना है.
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लाभ नहीं ले पाने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए पहल करेगी पुलिस: पलामू प्रमंडल में माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी के 45 से अधिक इनामी नक्सली हैं लेकिन, 50 के करीब वैसे नक्सली हैं, जिन पर कोई इनाम नहीं है. केई ऐसे भी नक्सली हैं, जिन्होंने आत्मसमर्पण किया है लेकिन इनाम नहीं होने की वजह से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि वैसे नक्सली जिन्होंने आत्मसमर्पण किया है लेकिन, उन्हें कोई लाभ नहीं मिला है. पुलिस इसकी समीक्षा करेगी और पुनर्वास के लिए पहल करेगी. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति प्रभावशाली है. नक्सलियों को इसका फायदा उठाना चाहिए. सरकार उन्हें मुख्यधारा में शामिल होने का एक मौका दे रही है.
दो सालों में एक दर्जन से अधिक नक्सलियों ने किया है आत्मसमर्पण: पलामू प्रमंडल में पिछले दो सालों के अंदर एक दर्जन के करीब नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण करने वालों में माओवादी, जेजेएमपी और टीएसपीसी के टॉप कमाडर शामिल हैं. पुलिस छोटे सदस्यों को पुनर्वास के लाभ से जोड़ने के लिए पहल कर रही है और एक प्रस्ताव भी तैयार कर रही है लेकिन, छोटे सदस्यो की संख्या कम है.
छोटे कैडर भी करना चाहते हैं सरेंडर: माओवादियों के टॉप कमांडर विमल यादव ने कुछ महीने पहले झारखंड पुलिस के अधिकारियों के सामने हथियार डाला था. इस दौरान उसने पुलिस अधिकारियों को बताया था कि कई और नक्सली भी आत्मसमर्पण करना चाहते हैं लेकिन उन पर इनाम नहीं है. इसी तरह पलामू में आत्मसमर्पण करने वाले टीएसपीसी कमांडर अभय यादव ने पुलिस को बताया था कि नक्सल संगठन के छोटे कैडर भी आत्मसमर्पण करना चाहते हैं.