पलामू: चाईबासा में आईईडी ब्लास्ट में शहीद पलामू के लाल हरिद्वार साव का अंतिम सपना पूरा नहीं हो पाया. हरिद्वार का सपना था उसका एक अपना पक्का मकान हो. हरिद्वार और उनके छोटे भाई जो सीआईएसएफ में जवान हैं, ने मिलकर पक्के मकान का निर्माण कार्य भी शुरू किया था. मकान का काम लगभग 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है. इस बार छुट्टी में लौटने के बाद हरिद्वार मकान का काम पूरा करवाते.
बेटे की मौत के बाद सदमे में पिता
बेटे के जाने के बाद पिता कैलाश साव सदमे में हैं. वे लगातार यही कर रहे हैं बेटा चला गया...अब मुझे खाना-पानी कौन देगा. सहारा कौन बनेगा? बेटा का एक सपना था पक्के मकान का, वह भी अधूरा रह गया. हरिद्वार साव बताते हैं कि सुबह 9 बजे उनके छोटे बेटे का कॉल आया कि हरिद्वार शहीद हो गए. इस खबर ने मानो उन्हें पूरी तरह तोड़कर रख दिया.
हरिद्वार का फेसबुक पोस्ट हो रहा वायरल, लिखा था बाय-बाय
शहीद हरिद्वार साव का एक फेसबुक पोस्ट वायरल हो रहा है. हरिद्वार ने लिखा था-"धीरे-धीरे चलोगे तो बार-बार मिलेंगे..तेज चलोगे तो हरिद्वार में मिलेंगे. मैं हूं हरिद्वार. ओके टाटा बाय-बाय". 12 फरवरी को हरिद्वार ने ये पोस्ट किया था.
2010 में पुलिस में भर्ती हुए थे हरिद्वार
हरिद्वार साव 2010 में पुलिस में भर्ती हुए थे. उनकी देवघर में तैनाती थी. 2017 से वह जगुआर में तैनात थे. हरिद्वार के साथी जवान बताते हैं कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हरिद्वार हमेशा नेतृत्व करते थे. वे साथियों को हमेशा गाइड करते थे और अभियान के दौरान किस तरह की सावधानी बरतनी है इसकी जानकारी देते थे. हरिद्वार साव का अपनी पत्नी के साथ पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा था. महिला थाने में एक मामला भी दर्ज हुआ था.