पलामू/नई दिल्ली: पलामू कठौतिया कोल माइंस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को टल गई. 12 मई को पलामू के कठौतिया कोल माइंस मामले में जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल समेत कई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. कठौतिया कोल माइंस में जमीन अधिग्रहण के गड़बड़ी को लेकर पलामू के राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में 2017 में एसएलपी दायर की थी, जिसकी अंतिम सुनवाई 12 जुलाई 2019 में हुई थी.
गुरुवार को सुनवाई टल जाने की याचिकाकर्ता राजीव कुमार ने पुष्टि की है. जानकारी के अनुसार मामले में लंबी बहस होनी है. मामला फैसले के पड़ाव पर खड़ा है. पलामू के पड़वा स्थित कठौतिया कोल माइंस के लिए 165 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी. इस आवंटित जमीन में वनभूमि और भूदान की भी जमीन शामिल थी. पूरे मामले में राजीव कुमार ने गंभीर आरोप लगाते हुए 2015 में राज्यपाल को पत्र लिखा था. राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच करने के लिए राजस्व और कार्मिक विभाग को निर्देश दिया था. मामले में पलामू के प्रमंडलीय आयुक्त एनके मिश्रा ने जांच की थी और कई बिंदुओं पर अधिकारियों को दोषी पाया था.
हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने पूरे मामले में क्लीन चिट दे दी. 2016 में राजीव कुमार पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट गए थे, झारखंड हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को रद्द करते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. हाई कोर्ट द्वारा याचिका रद्द होने के बाद राजीव कुमार सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपीए) दायर की थी, जिसके बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में कठौतिया कोल माइंस की सुनवाई टली, पूजा सिंघल समेत कई अधिकारियों के खिलाफ होनी थी सुनवाई - झारखंड न्यूज
पलामू कठौतिया कोल माइंस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई. इस मामले में जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है.
पलामू/नई दिल्ली: पलामू कठौतिया कोल माइंस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को टल गई. 12 मई को पलामू के कठौतिया कोल माइंस मामले में जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल समेत कई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. कठौतिया कोल माइंस में जमीन अधिग्रहण के गड़बड़ी को लेकर पलामू के राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में 2017 में एसएलपी दायर की थी, जिसकी अंतिम सुनवाई 12 जुलाई 2019 में हुई थी.
गुरुवार को सुनवाई टल जाने की याचिकाकर्ता राजीव कुमार ने पुष्टि की है. जानकारी के अनुसार मामले में लंबी बहस होनी है. मामला फैसले के पड़ाव पर खड़ा है. पलामू के पड़वा स्थित कठौतिया कोल माइंस के लिए 165 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी. इस आवंटित जमीन में वनभूमि और भूदान की भी जमीन शामिल थी. पूरे मामले में राजीव कुमार ने गंभीर आरोप लगाते हुए 2015 में राज्यपाल को पत्र लिखा था. राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच करने के लिए राजस्व और कार्मिक विभाग को निर्देश दिया था. मामले में पलामू के प्रमंडलीय आयुक्त एनके मिश्रा ने जांच की थी और कई बिंदुओं पर अधिकारियों को दोषी पाया था.
हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने पूरे मामले में क्लीन चिट दे दी. 2016 में राजीव कुमार पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट गए थे, झारखंड हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को रद्द करते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. हाई कोर्ट द्वारा याचिका रद्द होने के बाद राजीव कुमार सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपीए) दायर की थी, जिसके बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.