पलामू: हुसैनाबाद विधायक सह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह ने अंकिता हत्याकांड में आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है (MLA Kamlesh Kumar Singh statement on Ankita murder case). उन्होंने कहा है की इस तरह के जुर्म की सजा फांसी से कम मंजूर नहीं है. कमलेश सिंह ने कहा कि शाहरुख और मोहम्मद नईम ने जो जघन्य घटना को अंजाम दिया है, उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, फांसी की सजा होनी ही चाहिए. ताकि आगे इस तरह की घटना दोबारा न घटे. विधायक ने कहा कि इस मामले में एसआईटी का गठन हो चुका है. अंकिता के परिजनों को इंसाफ दिलाने के लिए एनसीपी सड़क से संसद तक आवाज बुलंद करेगी.
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बचाई जा सकती थी अंकिता की जान: विधायक कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि अंकिता की जान बचाई जा सकती थी. सरकार को उसे समय रहते एयर एंबुलेंस से बाहर भेजना चाहिए था. उन्होंने कहा कि झारखंड की महिलाओं और बेटियों पर आए दिन अत्याचार की खबरें मिल रही हैं. दुमका में महिला का शव मिला है, वहीं चतरा की काजल पर एसिड अटैक की घटना घटी है. उन्हें एयर लिफ्ट कर भेजा गया है. गत दिनों रांची में महिलाओं से संबंधित दो घटनाएं घटी हैं. अन्य जिलों से भी हर दिन अत्याचार की खबरें मिल रही हैं. सरकार को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. इस तरह की घटनाओं से लड़कियों का मनोबल कम होता है.
महादलितों को उजाड़ना गलत: पलामू के पांडु थाना क्षेत्र के मुरुमातु में महादलितों की बस्ती उजाड़ने के मामले को भी विधायक ने गलत ठहराया. विधायक कमलेश कुमार सिंह ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि जिन लोगों को उजाड़ा गया है, उन्हें जिला प्रशासन उसी जगह पर बसाए. उन्होंने कहा कि दलित परिवार के लोग वहां पचास वर्षों से रहते आ रहे थे. जिला प्रशासन उस स्थान पर उन दलित परिवारों को पीएम आवास या अंबेडकर आवास मुहैया कराने का काम करे. उन्होंने कहा है कि मुरुमातु के दलित परिवारों को आवास समेत अन्य सुविधाओं के लिए वह मुख्य सचिव से मुलाकात करेंगे और उन्हें न्याय दिलाने के लिए विधानसभा में आवाज भी बुलंद करेंगे.
बालक को गरम रॉड से दागने की घटना: विधायक कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि जपला के एक प्ले स्कूल के प्रिंसिपल ने छह साल के मासूम अब्दुल समद को गरम रॉड से दाग दिया है. यह घटना बर्दाश्त से बाहर है. उन्होंने इस मामले में एसडीपीओ पूज्य प्रकाश से बात कर दोषी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और उसे शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि लोग अपने बच्चों को शिक्षकों के भरोसे विद्यालय भेजते हैं. जब शिक्षक ही ऐसा घृणित कार्य करेंगे, तो लोग किसपर विश्वास करेंगे.