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धान खरीद घोटाला, एसडीएम के नेतृत्व में टीम कर रही है जांच - भारतीय खाद्य निगम

पलामू में धान खरीद घोटाला सामने आया है. जिला के 124 किसान चिन्हित किए गए हैं, जिनके पास नहीं जमीन है और नहीं धान की खेती की है. इसके बावजूद धान की बिक्री की है.

Paddy purchase scam in Palamu
पलामू में धान खरीद घोटाला
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Published : Dec 13, 2021, 2:33 PM IST

पलामूः जिला में जिन किसानों के पास नहीं जमीन हैं और नहीं धान की खेती की है. इसके बावजूद इन किसानों ने पिछले वर्ष पैक्स केंद्रों पर धान बेची है. इससे सरकारी धान खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया है. घोटाले की जानकारी जिला प्रशासन को मिली तो तत्काल सदर एसडीएम राजेश कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम धान खरीद मामले की जांच में जुट गई है.

यह भी पढ़ेंःPaddy Scam in Jharkhand: 65 हजार फर्जी किसानों ने सरकार को लगाया चूना

धान खरीद घोटाला सामने आते ही जिला प्रशासन ने कई स्तर पर जांच शुरू की है. धान घोटाले को लेकर कई राजनीतिक दलों ने आंदोलन भी शुरू किया है. बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 168 करोड़ रुपये की धान खरीद हुई थी. धान खरीद के लिए प्रति किसान 200 क्विंटल लिमिट रखा गया था. इसके बावजूद 178 किसानों ने 200 क्विंटल से अधिक धान बेचा है. 178 किसानों में से अब तक सिर्फ 54 किसानों ने अपना पक्ष जिला प्रशासन के समक्ष रखा था और इन किसानों की ओर से बेचे गए धान को सही पाया था.

देखें पूरी खबर

लेकिन 124 किसानों के जवाब को सही नहीं पाया गया था. अब इस मामले में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की रणनीति बनाई गयी है. पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि जांच के दौरान कई आईडी गड़बड़ पाई गई है. इसकी जांच रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट के आधार पर किसानों से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है और जवाब का इंतजार किया जा रहा है.


दो स्तर पर हुई है जांच
जिला में 10 हजार 927 किसानों ने करीब 82 हजार मीट्रिक टन धान खरीदना था. इसके एवज में Food Corporation of India ने किसानों को 168 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इस घोटाले को जिला प्रशासन ने दो स्तरों पर जांच की. पहले स्तर पर निबंधित किसानों का आईडी और उनके आईडी से धान बिक्री की जांच की गई. वहीं दूसरे स्तर पर धान बेचने वाले एक एक किसानों का भौतिक सत्यापन किया गया. इस जांच में पाया गया कि 178 किसानों ने 200 क्विंटल से अधिक धान बेचा है. इस जांच में जिला के चैनपुर इलाके में सबसे अधिक किसानों ने क्षमता से अधिक धान बेचा है.


प्रशासन को उपलब्ध कराई कागजात
200 क्विंटल से अधिक धान बेचने वाले किसानों से जिला प्रशासन ने जवाब मांगा था. दो दर्जन के करीब किसानों ने जिला प्रशासन को अपने जवाब में बताया कि बटाईदार और रैयत मिलकर 200 क्विंटल से अधिक धान बेचा है. इससे संबंधित कागजात भी प्रशासन को उपलब्ध कराई है.

पलामूः जिला में जिन किसानों के पास नहीं जमीन हैं और नहीं धान की खेती की है. इसके बावजूद इन किसानों ने पिछले वर्ष पैक्स केंद्रों पर धान बेची है. इससे सरकारी धान खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया है. घोटाले की जानकारी जिला प्रशासन को मिली तो तत्काल सदर एसडीएम राजेश कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम धान खरीद मामले की जांच में जुट गई है.

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धान खरीद घोटाला सामने आते ही जिला प्रशासन ने कई स्तर पर जांच शुरू की है. धान घोटाले को लेकर कई राजनीतिक दलों ने आंदोलन भी शुरू किया है. बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 168 करोड़ रुपये की धान खरीद हुई थी. धान खरीद के लिए प्रति किसान 200 क्विंटल लिमिट रखा गया था. इसके बावजूद 178 किसानों ने 200 क्विंटल से अधिक धान बेचा है. 178 किसानों में से अब तक सिर्फ 54 किसानों ने अपना पक्ष जिला प्रशासन के समक्ष रखा था और इन किसानों की ओर से बेचे गए धान को सही पाया था.

देखें पूरी खबर

लेकिन 124 किसानों के जवाब को सही नहीं पाया गया था. अब इस मामले में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की रणनीति बनाई गयी है. पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि जांच के दौरान कई आईडी गड़बड़ पाई गई है. इसकी जांच रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट के आधार पर किसानों से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है और जवाब का इंतजार किया जा रहा है.


दो स्तर पर हुई है जांच
जिला में 10 हजार 927 किसानों ने करीब 82 हजार मीट्रिक टन धान खरीदना था. इसके एवज में Food Corporation of India ने किसानों को 168 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इस घोटाले को जिला प्रशासन ने दो स्तरों पर जांच की. पहले स्तर पर निबंधित किसानों का आईडी और उनके आईडी से धान बिक्री की जांच की गई. वहीं दूसरे स्तर पर धान बेचने वाले एक एक किसानों का भौतिक सत्यापन किया गया. इस जांच में पाया गया कि 178 किसानों ने 200 क्विंटल से अधिक धान बेचा है. इस जांच में जिला के चैनपुर इलाके में सबसे अधिक किसानों ने क्षमता से अधिक धान बेचा है.


प्रशासन को उपलब्ध कराई कागजात
200 क्विंटल से अधिक धान बेचने वाले किसानों से जिला प्रशासन ने जवाब मांगा था. दो दर्जन के करीब किसानों ने जिला प्रशासन को अपने जवाब में बताया कि बटाईदार और रैयत मिलकर 200 क्विंटल से अधिक धान बेचा है. इससे संबंधित कागजात भी प्रशासन को उपलब्ध कराई है.

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