पलामूः झारखंड सरकार की स्वास्थ्य विभाग को कोविड-19 के खिलाफ फ्रंट लाइन पर तैनात डॉक्टरों और अधिकारियों की जानकारी नहीं है. कुछ ऐसा ही पलामू सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ कैनेडी के साथ हुआ. डॉ. जॉन एफ कैनेडी कोरोना संक्रमित हैं और गंभीर स्थिति में पटना के अस्पताल में भर्ती है. विभाग ने उन्हें गायब मान कर निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया. जब विभाग को पता चला कि सिविल सर्जन के कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज करवाने की जानकारी मिली तो, उन्हें सिर्फ शो-कॉज कर जवाब मांगा है.
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सिविल सर्जन निजी कार्य से 15 दिन पहले पटना गए थे. इसी दौरान सिविल सर्जन ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर जानकारी दी थी कि वो बीमार हो गए हैं और कुछ दिन सभी से दूर रहेंगे. विभाग को सिविल सर्जन के छुट्टी पर जाने की जानकारी नहीं थी. इससे विभाग ने गायब मान कर उनको निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया.
अनिल श्रीवास्तव बने पलामू के नए सिविल सर्जन
डॉ. जॉन एफ कैनेडी के कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. अनिल श्रीवास्तव को पलामू का नया सिविल सर्जन बनाया है. इस संबंध में विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना में कहा गया है कि सिविल सर्जन कोविड-19 पॉजिटिव है, जिससे डॉ. अनिल श्रीवास्तव अगले आदेश तक सिविल सर्जन बने रहेंगे.
विधायक ने की थी सिविल सर्जन की शिकायत
सिविल सर्जन के गायब होने की शिकायत हुसैनाबाद के विधायक कमलेश कुमार सिंह ने सीएम से की थी. बताया जा रहा है कि सिविल सर्जन डिप्टी डायरेक्टर को रिपोर्ट करते हैं, इस पद के प्रभार में वो ही हैं. इस लिए उन्होंने छुट्टी का आवेदन नहीं दिया था और निजी कार्य से पटना चले गए और वहीं कोरोना संक्रमित हो गए.