पलामूः 12 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक पालतू हाथी काल भैरव को मारने वाले दोनों जंगली हाथियों की पहचान नहीं हो पाई है. हालांकि वन विभाग की टीम मामले की तह तक जाने और हाथियों की तलाश में जुटी है.
बता दें कि 19 जनवरी को पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क के इलाके के पलामू किला के पास जंगली हाथियों ने पालतू हाथी काल भैरव पर हमला किया था. इस हमले में काल भैरव मारा गया था.
हमलावर हाथी चिन्हित नहीं हुए
पीटीआर के उपनिदेशक कुमार आशीष ने बताया कि पीटीआर को स्कैन किया जा रहा है, अभी तक हमलावर हाथी चिन्हित नहीं हुए हैं. पीटीआर में हाथियों के कई झुंड मिले हैं, लेकिन दोनों की पहचान नहीं हो पाई है. हमला करने वाले दोनों हाथी नर थे और दोनों के दांत हैं. हमला करने के बाद दोनों किस इलाके में भागे हैं, इसकी तलाश पलामू टाइगर रिजर्व कर रही है. दोनों के पीछे स्पेशल ट्रैकर को लगाया गया है.
इसे भी पढ़ें- 30 जनवरी : जब मौत के कुहासे ने शाम में ही पूरे देश को स्याह कर दिया
एक घंटे तक चला था संघर्ष, 200 मीटर घसीट ले गए थे शव
पलामू टाइगर रिजर्व में मार्च 2018 में कर्नाटक से तीन हाथी लाए गए थे, जिसमें एक नर काल भैरव, एक मादा और एक बच्चे को लाया गया था. तीनों को शुरुआत में कमलदह झील के पास रखा गया था, बाद में तीनों को पलामू किला के पास लाया गया था. 19 जनवरी को दो हाथियों ने काल भैरव पर हमला किया था. तीनों के बीच करीब एक घंटे तक संघर्ष चला. दोनों हाथी काल भैरव के शव को 200 मीटर खींच ले गए थे. दोनों ने काल भैरव के शव को भी क्षत विक्षत कर दिया. इस दौरान मौके पर मौजूद वन कर्मियों ने आग जला कर और पटाखा छोड़ कर काल भैरव को बचाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए.