पलामू: जिले में NHFS (नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे) ने चौंकानेवाला खुलासा किया है. सिर्फ15 प्रतिशत गर्भवती महिला ही आयरन फॉलिक गोली का इस्तेमाल कर रही हैं. स्वास्थ्य विभाग में लगभग 44 हजार गर्भवती महिला पंजीकृत है, जिन्हें आयरन की गोली दी गई, लेकिन इनमें से सिर्फ 15 प्रतिशत महिलाओं ने ही इसका इस्तेमाल किया है.
एनएचएफएस की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है. पलामू को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाया था, जिसको इस रिपोर्ट के बाद धक्का लगा है.
पलामू स्वास्थ्य विभाग में लगभग 44 हजार गर्भवती महिलाएं पंजीकृत हैं, जिन्हें आयरन की गोली दी गई थी. लेकिन रिपोर्ट के अनुसार पलामू में 44 हजार गर्भवती महिलाओं में से 75 प्रतिशत को आयरन की गोली दी गई, जिसमें से सिर्फ 15 प्रतिशत महिलाओं ने ही गोली का इस्तेमाल किया है.
आरसीएचओ डॉ अनिल कुमार ने बताया कि महिलाएं गोली या तो खा नहीं रही हैं या फेंक दी रही हैं. उन्होंने कहा कि इस काम की जिम्मेदारी अब सहिया को दिया जाएगा, जो गर्भवती महिलाओं की निगरानी करेंगी.
पलामू की ज्यादातर महिलाएं हैं एनीमिया का शिकार
पलामू की ज्यादातर महिलाएं एनीमिया का शिकार हैं. पलामू सदर अस्पताल में 2018 में 5412 महिलाओं की डिलीवरी हुई थी, जिसमें1183 महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन हुआ था. पलामू के निजी अस्पतालों में भी सिजेरियन बच्चों के जन्म का आंकड़ा अधिक है.