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मनरेगा आयुक्त पहुंचे पलामू, बोले- MGNREGA योजना से गांव की प्रगति होगी तो आएगी खुशहाली - mnrega comissioner in palamu

पलामू के हुसैनाबाद प्रखंड अंतर्गत पथरा पंचायत सचिवालय में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने ग्रामीणों के साथ बैठक की. इस दौरान सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा के असली मालिक गांव के लोग हैं. ग्रामसभा में वैसी योजनाओं का चयन करें, जो सामुदायिक फायदे की हो. काम की मांग करें और मन लगाकर काम करें. मनरेगा से गांव की गरीबी दूर होगी.

मनरेगा आयुक्त पहुंचे पलामू, mnrega comissioner in palamu
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Published : Aug 29, 2020, 7:16 PM IST

पलामूः जिले के हुसैनाबाद प्रखंड अंतर्गत पथरा पंचायत सचिवालय में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने ग्रामीणों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना गांव की प्रगति का सबसे बड़ा माध्यम है, ग्राम सभा में सारी शक्ति है. ग्रामसभा को समाज के प्रति उत्तरदायी, जवाबदेह और पारदर्शी होकर योजनाओं का चुनाव करना होगा.

गांव के लिए त्यागी बनें

सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा के असली मालिक गांव के लोग हैं. ग्रामसभा में वैसी योजनाओं का चयन करें, जो सामुदायिक फायदे की हो. काम की मांग करें और मन लगाकर काम करें. मनरेगा से गांव की गरीबी दूर होगी. मनरेगा आयुक्त ने पथरा पंचायत के ग्रामीणों को प्रेरित करते हुए कहा कि मनरेगा एक रिसोर्स है. प्राथमिकता क्रम के साथ योजनाएं बनाएं, जागरूक होकर गांव को बदलें. जागरूक नहीं रहेंगे तो हक मारने के लिए दूसरे लोग तैयार रहते हैं. योजना में बिचैलियागिरी नहीं होने दें. योजना चयन और काम करने में अन्याय नहीं करें. गांव के लोग मजबूत होंगे तो गांव की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, गरीबी दूर होगी और देश आगे बढ़ेगा. अपने गांव के लिए त्यागी बनें, स्वार्थ की भावना को समाप्त करें. तभी गांव व ग्रामीणों की स्थिति में सुधार होगा.

194 रुपये मजदूरी

मनरेगा आयुक्त ने तीन चीजों पर विशेष फोकस करते हुए कहा कि गांव में समय से निवेश करें, गांव को संगठित करें और लोक शिक्षण का कार्य करें. इन तीन से गांव की प्रगति होगी और समस्याएं दूर होगी. उन्होंने स्थानीय लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि ग्रामसभा को अच्छा बनाएं. गलत नहीं करें और गलत नहीं होने दें. उन्होंने कहा कि गांव के माहौल को बदलें. ठेकेदारी के लिए दौड़ लगाने के बजाए दूसरों को निस्वार्थ भाव से सेवा करने, कुछ अलग और नया देने की चाहत रखें, मानदेय के लिए नहीं सोचें. मनरेगा आपकी योजना है और अपनी योजना में 194 रूपये मजदूरी मिल रही है. मनरेगा आयुक्त ने कई प्रेरणादायी कहानियां और उदाहरण देकर ग्रामीणों को जागरूक और प्रेरित करने का भी काम किया, ताकि लोग मनरेगा योजना का लाभ लेते हुए खुद और गांव का विकास-प्रगति कर सकें. साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से सीधी बात की. उनकी समस्याओं को सुनते हुए जागरूक होने की अपील की. ग्रामसभा को सुदृढ़ करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण जागरूक होगें तो गांव की दशा-दिशा बदल जायेगी.

और पढ़ें- नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिलाने के लिए प्रस्ताव पारित करेगी तेलंगाना सरकार

उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि मनरेगा योजना का लाभ लें. इसमें अपने गांव-घर में काम करने का मौका मिलता है, काम की कमी नहीं है. योजनाओं के चयन में सामने आयें और ग्रामसभा को जागरूक करते हुए योजना चयन में इमानदारी बरतें. उन्होंने कहा कि काम देने के लिए पूरा प्रशासनिक महकमा तत्पर है. जॉब कार्ड नहीं हैं तो बनवायें और काम की मांग करें. गांव-घर में काम मिलेगी तो घर से बाहर दूर भी नहीं जाना पडे़गा. पारिवारिक सदस्यों से दूर नहीं रहना पड़ेगा. काम देने के लिए पूरी प्रशासनिक टीम लगी है, गांव के लोगों को आगे आना होगा. इसके पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी जय बिरस लकड़ा ने अतिथियों और स्थानीय लोगों का स्वागत किया. जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विमलेश शुक्ला ने भी मनरेगा योजना पर प्रकाश डाला.

आम बागवानी का निरीक्षण किया

मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने पथरा पंचायत के चनकार कस्तूरी गांव में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत किसानों की ओर से 5 एकड़ में लगाए गए आम बागवानी का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने हैंड होल्डिंग की कमियों को दूर करने, कैंप लगाकर मनरेगा के लाभुकों का जॉब कार्ड में सुधार करने और नए जॉब कार्ड बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. वहीं आम पौधारोपण में दो पौधों के बीच की दूरियां और निश्चित गड्ढा नहीं खोदे जाने को लेकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. अधिकारियों को पौधे की देखभाल ठीक से कराने का निर्देश दिया.

पलामूः जिले के हुसैनाबाद प्रखंड अंतर्गत पथरा पंचायत सचिवालय में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने ग्रामीणों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना गांव की प्रगति का सबसे बड़ा माध्यम है, ग्राम सभा में सारी शक्ति है. ग्रामसभा को समाज के प्रति उत्तरदायी, जवाबदेह और पारदर्शी होकर योजनाओं का चुनाव करना होगा.

गांव के लिए त्यागी बनें

सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा के असली मालिक गांव के लोग हैं. ग्रामसभा में वैसी योजनाओं का चयन करें, जो सामुदायिक फायदे की हो. काम की मांग करें और मन लगाकर काम करें. मनरेगा से गांव की गरीबी दूर होगी. मनरेगा आयुक्त ने पथरा पंचायत के ग्रामीणों को प्रेरित करते हुए कहा कि मनरेगा एक रिसोर्स है. प्राथमिकता क्रम के साथ योजनाएं बनाएं, जागरूक होकर गांव को बदलें. जागरूक नहीं रहेंगे तो हक मारने के लिए दूसरे लोग तैयार रहते हैं. योजना में बिचैलियागिरी नहीं होने दें. योजना चयन और काम करने में अन्याय नहीं करें. गांव के लोग मजबूत होंगे तो गांव की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, गरीबी दूर होगी और देश आगे बढ़ेगा. अपने गांव के लिए त्यागी बनें, स्वार्थ की भावना को समाप्त करें. तभी गांव व ग्रामीणों की स्थिति में सुधार होगा.

194 रुपये मजदूरी

मनरेगा आयुक्त ने तीन चीजों पर विशेष फोकस करते हुए कहा कि गांव में समय से निवेश करें, गांव को संगठित करें और लोक शिक्षण का कार्य करें. इन तीन से गांव की प्रगति होगी और समस्याएं दूर होगी. उन्होंने स्थानीय लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि ग्रामसभा को अच्छा बनाएं. गलत नहीं करें और गलत नहीं होने दें. उन्होंने कहा कि गांव के माहौल को बदलें. ठेकेदारी के लिए दौड़ लगाने के बजाए दूसरों को निस्वार्थ भाव से सेवा करने, कुछ अलग और नया देने की चाहत रखें, मानदेय के लिए नहीं सोचें. मनरेगा आपकी योजना है और अपनी योजना में 194 रूपये मजदूरी मिल रही है. मनरेगा आयुक्त ने कई प्रेरणादायी कहानियां और उदाहरण देकर ग्रामीणों को जागरूक और प्रेरित करने का भी काम किया, ताकि लोग मनरेगा योजना का लाभ लेते हुए खुद और गांव का विकास-प्रगति कर सकें. साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से सीधी बात की. उनकी समस्याओं को सुनते हुए जागरूक होने की अपील की. ग्रामसभा को सुदृढ़ करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण जागरूक होगें तो गांव की दशा-दिशा बदल जायेगी.

और पढ़ें- नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिलाने के लिए प्रस्ताव पारित करेगी तेलंगाना सरकार

उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि मनरेगा योजना का लाभ लें. इसमें अपने गांव-घर में काम करने का मौका मिलता है, काम की कमी नहीं है. योजनाओं के चयन में सामने आयें और ग्रामसभा को जागरूक करते हुए योजना चयन में इमानदारी बरतें. उन्होंने कहा कि काम देने के लिए पूरा प्रशासनिक महकमा तत्पर है. जॉब कार्ड नहीं हैं तो बनवायें और काम की मांग करें. गांव-घर में काम मिलेगी तो घर से बाहर दूर भी नहीं जाना पडे़गा. पारिवारिक सदस्यों से दूर नहीं रहना पड़ेगा. काम देने के लिए पूरी प्रशासनिक टीम लगी है, गांव के लोगों को आगे आना होगा. इसके पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी जय बिरस लकड़ा ने अतिथियों और स्थानीय लोगों का स्वागत किया. जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विमलेश शुक्ला ने भी मनरेगा योजना पर प्रकाश डाला.

आम बागवानी का निरीक्षण किया

मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने पथरा पंचायत के चनकार कस्तूरी गांव में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत किसानों की ओर से 5 एकड़ में लगाए गए आम बागवानी का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने हैंड होल्डिंग की कमियों को दूर करने, कैंप लगाकर मनरेगा के लाभुकों का जॉब कार्ड में सुधार करने और नए जॉब कार्ड बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. वहीं आम पौधारोपण में दो पौधों के बीच की दूरियां और निश्चित गड्ढा नहीं खोदे जाने को लेकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. अधिकारियों को पौधे की देखभाल ठीक से कराने का निर्देश दिया.

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