पलामू: माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकानों में एक बूढ़ापहाड़ (Maoist safe havens in Palamu) को बचाने में माओवादियों ने ताकत लगा दी है. बूढ़ापाहाड़ पर माओवादियों की कमान को 25 लाख के इनामी कमांडर मरकस बाबा उर्फ सौरव संभाल रहा है. बूढ़ापहाड़ पर माओवादियों को 2018 के बाद से कई बड़े झटके लगे हैं. एक करोड़ के इनामी अरविंद की मौत हो चुकी है. वहीं सुधाकरण, बिरसाय और विमल ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जबकि मिथिलेश मेहता गिरफ्तार हो चुका है.
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लोहरदगा, लातेहार के इलाके टॉप कमांडर रबिन्द्र गंझू के दस्ते को नुकसान के बाद माओवादी बूढ़ापहाड़ पर बैठक कर रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इस बैठक में आधा दर्जन के करीब नक्सली बाहर के राज्यों से पंहुचे हैं. ये नक्सली कौन हैं, किसी के पास कोई जानकारी नहीं है. जबकि 15 से 16 लोग नए हैं. इस बैठक में माओवादी रबिंद्र गंझू के दस्ते को हुए नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं. माओवादी कोयल शंख जोन जिसमें पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा एक बार फिर से मजबूत करना चाहते.
2013-14 में माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ के लिए यूनिफाइड कमांड बनाया था. बूढ़ापहाड़ माओवादियों के बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़, सीमांत उत्तर प्रदेश कमेटी का मुख्यालय है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार रविंद्र गंझू के दस्ते को हुए नुकसान के बाद माओवादियों में घबराहट है. माओवादी बूढ़ापहाड़ को बचाने के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन माओवादियों के पास कैडरों की बेहद ही कमी हो गई है.