पलामू: माओवादियों ने अपने सबसे सुरक्षित ठिकानों में से एक बूढ़ा पहाड़ इलाके का नया कमांडर रोहित उर्फ अभिषेक को बनाया है. बूढा पहाड़ माओवादियों का यूनीफाइड कमांड है. यह इलाका माओवादियो के कोयल शंख जोन में है, 2013-14 में माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ को अपना ठिकाना बनाया हुआ है. 2018 में एक करोड़ के इनामी माओवादी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद के मौत के बाद सुधाकरण को बूढ़ा पहाड़ के इलाके की कमान सौंपी गई थी. सुधाकरण के आत्मसमर्पण के बाद रोहित उर्फ अभिषेक को माओवादियों ने कोयल शंख जोन और बूढ़ा पहाड़ की कमान सौंपी है.
जहानाबाद का रहने वाला है रोहित
बता दें कि दिवंगत माओवादी अरविंद का करीबी रहा है रोहित, कुछ महीने पहले ही जेल से बाहर निकला है. रोहित उर्फ अभिषेक माओवादियों का थिंक टैंक माने जाने वाले अरविंद का करीबी रहा है. रोहित बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है, 2015-16 में वह रामगढ़ के इलाके में गिरफ्तार हुआ था. कुछ महीना पहले जेल से बाहर निकलने के बाद वह फिर से माओवादी दस्ते में सक्रिय हो गया. रोहित पर गिराफ्तारी से पहले 25 लाख रुपये का इनाम था. रोहित अरविंद का सुरक्षा इंचार्ज और मेडिकल इंचार्ज भी रहा है. रोहित पर बिहार झारखंड में कई बड़े नक्सल हमले करने का भी आरोपी है. 2013-14 में लातेहार के कटिया घटना में रोहित मुख्य आरोपी है. इस घटना में सीआरपीएफ के 17 जवान शहीद हुए थे. इसी घटना में पहली बार माओवादियो ने शहीद जवान के पेट मे बम लगाया था.
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क्षेत्र का जानकार है रोहित
रोहित उर्फ अभिषेक बूढापहाड़ के इलाके का जानकार है. रविंद के साथ उसने वर्षों तक इसी इलाके में कैंप किया है. बूढ़ा पहाड़ कोयल शंख जोन में आता है, कोयल शंख जोन में लोहरदगा, पलामू, लातेहार, गढ़वा, गुमला, सिमडेगा का इलाका आता है. इसमें सुरक्षाबलों के लगातार अभियान के बाद माओवादी कमजोर हो गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार रोहित का बिहार के छकरबंधा से निकल कर बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पंहुच गया है.