पलामू: गढ़वा, लातेहार और पलामू के इलाके में तेंदुए का बदलता व्यवहार खतरे की घंटी है. पिछले एक पखवाड़े में तेंदुआ ने लातेहार और गढ़वा के इलाके में दो बच्चों की जान ले ली है. गढ़वा के भंडरिया में तेंदुआ ने बच्चे को मारने के बाद उसे खाया भी है जबकि, घटना के 24 घंटे के बाद एक महिला को भी निशाना बनाया था. पिछले कुछ महीने में पलामू, गढ़वा, और लातेहार के इलाके में तेंदुआ का व्यवहार बदल गया है और वे हिंसक हो गए हैं (Leopards getting violent in Palamu). तेंदुआ जंगल से निकलकर आबादी वाले इलाके में पहुंच रहे हैं. तेंदुआ का हिंसक व्यवहार इससे पहले पलामू, गढ़वा, और लातेहार के इलाके में कभी देखा नहीं गया था.
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वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुआ के व्यवहार में बदलाव सामान्य नहीं है. उन्होंने बताया कि तेंदुआ मानव जीवन पर तभी हमला करता है जब वह बेहद मजबूर हो. तेंदुआ या तो बूढ़ा हो गया हो, उसके दांत, नाखून कमजोर हो गए हो या वह जख्मी हो. प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुआ छुप कर अपना शिकार करता है. उन्होंने बताया कि जंगल के इलाके में मानवीय हस्तक्षेप बढ़ गए हैं, नक्सल अभियान के नाम पर भी जंगलों में हस्तक्षेप है. जंगल में तेंदुआ को खाने के लिए भोजन नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण वे जंगल से निकलकर आबादी वाले इलाकों में पहुंच रहे हैं.
तेंदुआ के व्यवहार पर शुरू हुई निगरानी: तेंदुआ के बदले व्यवहार को लेकर पलामू, गढ़वा, और लातेहार में निगरानी शुरू हो गई. पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक सह सीएफ कुमार आशीष ने बताया कि तेंदुआ के बदले व्यवहार को लेकर निगरानी बढ़ा दी गई है. गढ़वा के भंडरिया के इलाके में तेंदुआ ने बच्चे पर जान बूझ कर हमला किया और उसे खाया.
जारी है आदमखोर तेंदुआ की तलाश: हमला करने वाले तेंदुआ की तलाश जारी है. सीएफ कुमार आशीष ने बताया कि भंडरिया के इलाके में जाल और पिंजरा लगाया गया है और तेंदुआ को खोजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक तरह से तेंदुआ आदमखोर की तरह हो गया है. पलामू, गढ़वा, और लातेहार इलाके में 90 से 110 तेंदुआ मौजूद हैं. जिसमें से 100 के करीब तेंदुआ अकेले पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में है.