पलामू: गढ़वा के इलाके में तीन बच्चों की जान लेने वाला तेंदुआ मध्यप्रदेश से इलाके में आया था, ऐसा वन विभाग के अधिकारियों को अंदेशा है. तेंदुआ का लोकेशन पिछले 15 दिनों से नहीं मिल रहा है, ना ही तेंदुए द्वार हमले की जानकारी मिल पा रही है. विभाग को आशंका है कि तेंदुआ वापस अपने इलाके में लौट गया है. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश के संजय टाइगर के इलाके में मानव जीवन को तेंदुआ लगातार निशाना बना रहे थे. उस इलाके में तीन तेंदुए पकड़े गए थे. जबकि कई इलाके से भाग गए थे. विभाग को आशंका है कि वही तेंदुआ गढ़वा के इलाके से आया था. आरसीसीएफ सह पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि तेंदुआ का लोकेशन अब तक नहीं मिल पाया है. विभाग को आशंका है कि तेंदुआ छत्तीसगढ़ के इलाके में दाखिल हो गया है. विभाग इलाके में नजर बनाए हुए है.
पलामू टाइगर रिजर्व के तेंदुओं ने कभी भी मानव जीवन पर नहीं किया है हमलाः पलामू टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के इलाके में 90 से 100 के करीब तेंदुए मौजूद हैं, लेकिन इन इलाकों में मानव जीवन पर तेंदुए द्वारा हमला करने का इतिहास नहीं है. तेंदुआ द्वारा गढ़वा के इलाके में मानव जीवन पर हमला पहली घटना थी. इलाके में तेंदुआ ने कभी मानव जीवन को निशाना नहीं बनाया था.
पीटीआर का कॉरिडोर मध्य प्रदेश के सतपुड़ा जंगल से जुड़ा हैः पलामू टाइगर रिजर्व का कॉरिडोर मध्य प्रदेश के सतपुड़ा जंगल से जुड़ा हुआ है. विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेंदुआ और हाथी का कॉरिडोर पीटीआर से निकल कर सिंगरौली होते हुए सतपुड़ा तक है. इलाके में तीन बच्चों को मारने वाले तेंदुए का फोटो तक ट्रैपिंग कैमरे में दर्ज नहीं हो पाया है. 28 दिसंबर 2022 के बाद से तेंदुआ ने किसी भी मानव जीवन पर हमला नहीं किया है.
13 दिसंबर 2022 को तेंदुआ ने किया था पहला हमलाः तेंदुआ ने सबसे पहले 13 दिसंबर को भंडरिया के इलाके में एक बच्चे को मार डाला था. उसके एक पखवाड़े के अंदर तेंदुआ ने तीन बच्चों का शिकार किया था. तेंदुआ को पकड़ने के लिए पिछले 52 दिनों से वन विभाग अभियान चला रहा है. वहीं तेंदुए को पकड़ने के लिए हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब सफत अली खान और संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट भी इलाके में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पाई.