पलामू : खेतो में फसल पक कर तैयार हो गए हैं. फसल को देख किसान खुश तो हो रहे लेकिन दूसरे पल लॉकडाउन की याद आते ही मायूस हो जाते हैं. करीब डेढ़ महीने पहले पलामू में बारिश और ओलावृष्टि ने रबी फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पंहुचाया था. उससे पहले पलामू में सुखाड़ की समस्या थी. सुखाड़ से जूझते हुए किसानों ने हिम्मत कर के फसल लगाई. लेकिन किसानों को सुखाड़ के बाद, बारिश और बारिश के बाद लॉकडाउन ने झटका दे दिया है. इस झटके ने किसानों के कमर को तोड़कर दिया है.
फसल है तैयार, नहीं मिल रहे मजदूर
लेस्लीगंज प्रखंड के मुंदरिया गांव के किसान अमोद सिंह और नगीना सिंह ने कई एकड़ में गेंहू की फसल लगाई है. दोनों ने अलग से चना और अरहर की भी फसल लगाया है. दोनों के फसल तैयार हो गए हैं लेकिन वे मजबूर हैं कि फसल को काट नहीं सकते हैं. फसल को काटने के लिए उन्हें 20 से 25 मजदूर चाहिए, लॉकडाउन के कारण वे मजदूरों को बुला नहीं सकते हैं.
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किसान परेशान, सरकार से उम्मीद
अमोद सिंह ने बताया कि पहले बारिश अब लॉकडाउन ने कमर तोड़ दिया है. नगीना सिंह ने बताया कि उनके लिए संकट की घड़ी आई है. सदर प्रखंड के किसान इम्तियाज अहमद नजमी ने बताया कि किसानों की इस हालत पर सरकार को ध्यान देना चाहिए, वे लॉकडाउन में फसल को काट नहीं पा रहे हैं.
किसानों को करोड़ो की क्षति, हजारों हेक्टेयर में फसल
पलामू में गेंहू की फसल 16,457, चना 15, 648, मसूर 6,241, मटर 2,076, दलहन 16, 258 हेक्टेयर में लगी हुई है. बारिश और ओलावृष्टि के कारण 40 प्रतिशत फसलों को नुकसान हुआ था. ओलावृष्टि के नुकसान के बाद लॉकडाउन ने किसानों के पूंजी को नुकसान पंहुचाया है.