पलामूः पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन के डायवर्सन के लिए संयुक्त सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. रेलवे विकास निगम और पीटीआर के अधिकारियों ने रिपोर्ट को तैयार किया है. संयुक्त रिपोर्ट को रेल मंत्रालय और वन मंत्रालय को भेजी गई है. दोनों मंत्रालय इस रिपोर्ट का अध्ययन और आकलन करेगा और रेल लाइन डायवर्ट करने की योजना तैयार करेगी. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट तैयार हो गई है और मंत्रालय को भेज दी गई है. सर्वे के अध्ययन के बाद मामले में रेलवे विकास निगम अंतिम निर्णय लेगा कि रेल लाइन कब और कैसे डायवर्ट किया जाएगा.
पीटीआर ने रेलवे के प्रोजेकट पर आपत्ति जताई थीः जानकारी के अनुसार पलामू टाइगर रिजर्व से रेलवे फ्रेट कॉरिडोर (थर्ड लाइन) बिछाई जानी थी. इसके लिए रेलवे विकास निगम ने वन विभाग से ऑनलाइन अनापत्ति के लिए आवेदन दिया था. आवेदन के बाद पलामू टाइगर रिजर्व ने रेलवे के थर्ड लाइन को लेकर आपत्ति जताई थी. पीटीआर प्रबंधन की दलील है कि थर्ड लाइन गुजरने से पलामू टाइगर रिजर्व दो हिस्सों में बंट जाएगा और वन्यजीवों के लिए संकट उत्पन्न हो जाएगा.
स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने थर्ड लाइन की नहीं दी थी हरी झंडीः इसके बाद पूरा मामला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड में गया था. जहां बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट के लिए हरी झंडी नहीं दी थी और इसके बाद मामला वाइल्ड लाइफ बोर्ड ऑफ इंडिया में गया था. जहां अंतिम रूप से रेलवे का थर्ड लाइन के साथ-साथ पहले से बिछाई गई दोनों लाइन को डायवर्ट करने को कहा गया था. साथ ही इसके लिए रेलवे विकास निगम और पलामू टाइगर रिजर्व को सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया था.
पीटीआर के कोर एरिया से 11 किमी गुजरती है रेल लाइनः जिसके बाद रेलवे विकास निगम और पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने डायवर्सन के लिए सर्वे रिपोर्ट तैयार की है. पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से करीब 11 किलोमीटर रेल लाइन गुजरती है. डायवर्सन के बाद यह दूरी करीब 13 से 14 किलोमीटर की हो जाएगी. छिपादोहर से रेल लाइन डायवर्ट हो कर केड़ होते हुए हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन तक जाएगी.