पलामूः छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव को लेकर झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस संयुक्त रूप से तैयारी कर रही है. दरअसल, झारखंड-छत्तीसगढ़ की सीमा करीब 150 किलोमीटर एक-दूसरे से सटी हुई है. झारखंड के गढ़वा, लातेहार, गुमला और सिमडेगा जिला की सीमा छत्तीसगढ़ से लगी हुई है. बुधवार को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में झारखंड और छत्तीसगढ़ के टॉप सुरक्षा अधिकारियों की बैठक हुई थी. इस बैठक में झारखंड से पुलिस और सीआरपीएफ के आईजी, डीआईजी , एसपी शामिल हुए थे. जबकि बलरामपुर के भी आईजी, डीआईजी और एसपी रैंक के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया था.बैठक में छत्तीसगढ़ में तैनात पुलिस और सुरक्षाबलों ने झारखंड से कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. झारखंड पुलिस ने सुरक्षा की तैयारियों को लेकर पूरी जानकारी छत्तीसगढ़ के साथ साझा की है और कई इलाकों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की योजना तैयार की है.
झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा नक्सल हिंसा के लिए है चर्चितः बताते चलें कि झारखंड और छत्तीसगढ़ का सीमावर्ती इलाका नक्सल हिंसा के लिए चर्चित रहा है. सीमावर्ती इलाकों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टर से मतदान कर्मियों को भेजा जाता रहा है. हालांकि पिछले कुछ महीनों में सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों की स्थिति कमजोर हुई है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों राज्य सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों की स्थिति का आकलन कर रहे हैं. झारखंड और छत्तीसगढ़ एक दूसरे से नक्सल कैडर, उनके समर्थक और उनके हालात के बारे में सूची आदान-प्रदान किया है. मिली जानकारी के अनुसार झारखंड ने करीब 30 वांटेड नक्सलियों के नाम को साझा किया है. वहीं छत्तीसगढ़ ने भी करीब 14 नक्सलियों के नाम की सूची झारखंड को दी है. सीमावर्ती इलाके में अगले छह महीने के लिए अभियान चलाने की योजना तैयार की गई है. एक-एक रोड, पुल-पुलिया की सूची को साझा कर सेनेटाइज करने का निर्णय लिया गया है. झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर बूढ़ापहाड़ के इलाके में 2019 तक हेलीकॉप्टर से मतदान कर्मी जाते रहे हैं, जबकि दोनों राज्यों के 70 से अधिक बूथ को रिलोकेट किया जाता रहा है.
चुनाव से पहले बॉर्डर पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरेः झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर दोनों राज्यों को जोड़ने वाले मुख्य सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. साथ ही इंटरस्टेट चेकपोस्ट पर अतिरिक्त बलों की तैनाती की जाएगी और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जाएगी. सीमावर्ती क्षेत्र में फिलहाल दो हजार के करीब पुलिस और सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं. अगले कुछ महीने में सीमावर्ती इलाकों में जवानों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. दोनों राज्यों ने एक-दूसरे से इंटरस्टेट अपराधी, शराब तस्करों की सूची को साझा किया है.