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पलामू में अवैध बालू खनन पर हाई कोर्ट सख्त, अदालत ने राज्य सरकार से मांगा जवाब - पलामू के अवैध बालू खनन मामले में सुनवाई

पलामू में अवैध रूप से हो रहे बालू खनन को रोकने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

Hearing of Palamu's illegal sand mining case in high court Ranchi
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 6, 2020, 7:57 AM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में पलामू में हो रहे अवैध रूप से बालू खनन को रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी की. वहीं, सरकार की ओर से अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने-अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-हिंदपीढ़ी को कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने जाहिर की संतुष्टि

याचिकाकर्ता राम सुभाग सिंह ने अदालत को बताया कि पलामू में 5 जगह से लगातार बालू का अवैध ढंग से उठाव किया जा रहा है. पूर्व में ठेकेदार को ठेका दिया गया था. लेकिन जितना उठाने का ठेका दिया गया था उससे कहीं अधिक उठा लिया गया. मामले की जांच खनन पदाधिकारी ने की. उसके बाद खनन पदाधिकारी ने ठेकेदार पर जुर्माना भी लगाया, लेकिन ठेकेदार किसी की परवाह किए बगैर बिना जुर्माना दिए लगातार बालू का उठाव करता रहा. अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि उपेंद्र सिंह को पूर्व में बालू उठाव के लिए ठेका मिला था, जो फरवरी 2019 में ही खत्म हो गया. उसके बाद भी बिना ठेका के अवैध ढंग से लगातार बालू उठाव किया जा रहा है. उसी को रोकने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में पलामू में हो रहे अवैध रूप से बालू खनन को रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी की. वहीं, सरकार की ओर से अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने-अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

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याचिकाकर्ता राम सुभाग सिंह ने अदालत को बताया कि पलामू में 5 जगह से लगातार बालू का अवैध ढंग से उठाव किया जा रहा है. पूर्व में ठेकेदार को ठेका दिया गया था. लेकिन जितना उठाने का ठेका दिया गया था उससे कहीं अधिक उठा लिया गया. मामले की जांच खनन पदाधिकारी ने की. उसके बाद खनन पदाधिकारी ने ठेकेदार पर जुर्माना भी लगाया, लेकिन ठेकेदार किसी की परवाह किए बगैर बिना जुर्माना दिए लगातार बालू का उठाव करता रहा. अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि उपेंद्र सिंह को पूर्व में बालू उठाव के लिए ठेका मिला था, जो फरवरी 2019 में ही खत्म हो गया. उसके बाद भी बिना ठेका के अवैध ढंग से लगातार बालू उठाव किया जा रहा है. उसी को रोकने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

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