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एक ऐसा चापाकल जिसका पानी पीने से मर्ज होता है दूर, जानिए वजह - Jharkhand news update

झारखंड में गर्मी का प्रकोप है, कई जिलों में पानी की किल्लत हो रही है. लेकिन पलामू में चापाकल का पानी वैज्ञानिकों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. इस अनोखे चापाकल के पानी से बीमारी दूर होती हैं, ऐसा लोगों का मानना है. इसके पीछे की वजह क्या है, जानिए ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में.

hand pump water cures disease in Palamu
पलामू
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Published : Apr 4, 2022, 8:14 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 8:34 PM IST

पलामूः प्रकृति और कुदरत के कई करिश्मा धरती पर मौजूद है, जो इंसानी समझ से परे है. ऐसा ही अनोखा वाकया पलामू में चापाकल से जुड़ा है, जो वैज्ञानिक शोध का विषय बना हुआ है. यह चापाकल प्रकृति का भेंट है. जिसका पानी पीने के बाद लोग कई बीमारियों से ठीक हो जाते है, जबकि गर्मियों में इससे फ्रिज जैसा ठंडा पानी निकलता है.

इसे भी पढ़ें- बोकारो के मनमोहन को-ऑपरेटिव में अनोखा चापानल, जहां निकलता है अपने आप पानी

इस चापाकल का पानी पीने के लिए दूर-दूर से लोग पंहुचते हैं. इस चापाकल के बगल में एडन सोनिया डीजीटाटा का पेड़ जो दुर्लभ प्रजाति का एक अफ्रीकन पेड़ मौजूद है. इसे भारत में इंग्लिश इमली के नाम से जाना जाता है. इस पेड़ की अनुमानित उम्र करीब 900 वर्ष है. यह चापाकल 30 फीट गहराई तक है लेकिन इसका वाटर लेवल 14 फीट पर ही है. जिसकी वजह से यह चापाकल और इससे निकलने वाला पानी वैज्ञानिक शोध का विषय बना हुआ है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
1992 में लगाया गया था चापाकलः पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनागर के स्टेशन रोड के पास यह अनोखा चापाकल मौजूद है. 1992 में महेंद्र चंद्रवंशी नामक व्यक्ति ने इस चापाकल को लगवाया था. महेंद्र सत्तू की दुकान चलाते है, उसी के लिए उन्होंने इस चापाकल को लगवाया था. महेंद्र ने ईटीवी भारत को बताया कि हजारों लोग इस चापाकल से पानी ले जाते हैं, आज तक इस चापाकल से पानी नहीं सूखा है. 30 फीट यह जमीन के अंदर गया है जबकि 14 फीट पर ही पानी है. गर्मियों में फ्रिज के जैसा ठंडा पानी और ठंड में गर्म पानी निकलता है. जिस इलाके में यह चापाकल मौजूद है उस इलाके में वाटर लेवल 250 से 300 फीट नीचे है.

पानी पीने के बाद बीमारी से ठीक हो रहे लोग! मेदिनीनगर के नावाटोली के रहने वाले सतीश कुमार का परिवार इसी चापाकल का इस्तेमाल करता है. सतीश कुमार बताते हैं कि इस चापाकल के पानी का इस्तेमाल करने से छोटी-मोटी बीमारियों से ठीक हुए हैं पानी पीने के बाद लोग तरोताजा महसूस करते है. चापाकल का पानी मीठा और मिनरल से भरा हुआ है. वो बताते हैं कि कई बार इसके पानी की जांच हुई है. चापाकल के बगल में कपड़े का दुकान संचालित करने वाले मनीष कुमार अग्रवाल बताते हैं कि चापाकल के पानी पीने के बाद पेट दर्द जैसी बीमारियों से निजात मिलती है.


चापाकल है शोध का विषयः एडन सोनिया डीजीटाटा पेड़ को संरक्षित और इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करवाने वाले का कौशिक मल्लिक ने बताया कि यह शोध का विषय कि पेड़ और चापाकल का संबंध क्या है. लोगों को इस चापाकल से स्वच्छ और निर्मल पानी मिल रहा है. सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इस विषय पर विस्तृत शोध करें. पलामू में तैनात डॉक्टर आरके रंजन बताते हैं कि चापाकल का पानी स्वास्थ्य के लिए काफी काफी फायदेमंद है.

पलामूः प्रकृति और कुदरत के कई करिश्मा धरती पर मौजूद है, जो इंसानी समझ से परे है. ऐसा ही अनोखा वाकया पलामू में चापाकल से जुड़ा है, जो वैज्ञानिक शोध का विषय बना हुआ है. यह चापाकल प्रकृति का भेंट है. जिसका पानी पीने के बाद लोग कई बीमारियों से ठीक हो जाते है, जबकि गर्मियों में इससे फ्रिज जैसा ठंडा पानी निकलता है.

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इस चापाकल का पानी पीने के लिए दूर-दूर से लोग पंहुचते हैं. इस चापाकल के बगल में एडन सोनिया डीजीटाटा का पेड़ जो दुर्लभ प्रजाति का एक अफ्रीकन पेड़ मौजूद है. इसे भारत में इंग्लिश इमली के नाम से जाना जाता है. इस पेड़ की अनुमानित उम्र करीब 900 वर्ष है. यह चापाकल 30 फीट गहराई तक है लेकिन इसका वाटर लेवल 14 फीट पर ही है. जिसकी वजह से यह चापाकल और इससे निकलने वाला पानी वैज्ञानिक शोध का विषय बना हुआ है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
1992 में लगाया गया था चापाकलः पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनागर के स्टेशन रोड के पास यह अनोखा चापाकल मौजूद है. 1992 में महेंद्र चंद्रवंशी नामक व्यक्ति ने इस चापाकल को लगवाया था. महेंद्र सत्तू की दुकान चलाते है, उसी के लिए उन्होंने इस चापाकल को लगवाया था. महेंद्र ने ईटीवी भारत को बताया कि हजारों लोग इस चापाकल से पानी ले जाते हैं, आज तक इस चापाकल से पानी नहीं सूखा है. 30 फीट यह जमीन के अंदर गया है जबकि 14 फीट पर ही पानी है. गर्मियों में फ्रिज के जैसा ठंडा पानी और ठंड में गर्म पानी निकलता है. जिस इलाके में यह चापाकल मौजूद है उस इलाके में वाटर लेवल 250 से 300 फीट नीचे है.

पानी पीने के बाद बीमारी से ठीक हो रहे लोग! मेदिनीनगर के नावाटोली के रहने वाले सतीश कुमार का परिवार इसी चापाकल का इस्तेमाल करता है. सतीश कुमार बताते हैं कि इस चापाकल के पानी का इस्तेमाल करने से छोटी-मोटी बीमारियों से ठीक हुए हैं पानी पीने के बाद लोग तरोताजा महसूस करते है. चापाकल का पानी मीठा और मिनरल से भरा हुआ है. वो बताते हैं कि कई बार इसके पानी की जांच हुई है. चापाकल के बगल में कपड़े का दुकान संचालित करने वाले मनीष कुमार अग्रवाल बताते हैं कि चापाकल के पानी पीने के बाद पेट दर्द जैसी बीमारियों से निजात मिलती है.


चापाकल है शोध का विषयः एडन सोनिया डीजीटाटा पेड़ को संरक्षित और इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करवाने वाले का कौशिक मल्लिक ने बताया कि यह शोध का विषय कि पेड़ और चापाकल का संबंध क्या है. लोगों को इस चापाकल से स्वच्छ और निर्मल पानी मिल रहा है. सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इस विषय पर विस्तृत शोध करें. पलामू में तैनात डॉक्टर आरके रंजन बताते हैं कि चापाकल का पानी स्वास्थ्य के लिए काफी काफी फायदेमंद है.

Last Updated : Apr 4, 2022, 8:34 PM IST
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