पलामूः प्रकृति और कुदरत के कई करिश्मा धरती पर मौजूद है, जो इंसानी समझ से परे है. ऐसा ही अनोखा वाकया पलामू में चापाकल से जुड़ा है, जो वैज्ञानिक शोध का विषय बना हुआ है. यह चापाकल प्रकृति का भेंट है. जिसका पानी पीने के बाद लोग कई बीमारियों से ठीक हो जाते है, जबकि गर्मियों में इससे फ्रिज जैसा ठंडा पानी निकलता है.
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इस चापाकल का पानी पीने के लिए दूर-दूर से लोग पंहुचते हैं. इस चापाकल के बगल में एडन सोनिया डीजीटाटा का पेड़ जो दुर्लभ प्रजाति का एक अफ्रीकन पेड़ मौजूद है. इसे भारत में इंग्लिश इमली के नाम से जाना जाता है. इस पेड़ की अनुमानित उम्र करीब 900 वर्ष है. यह चापाकल 30 फीट गहराई तक है लेकिन इसका वाटर लेवल 14 फीट पर ही है. जिसकी वजह से यह चापाकल और इससे निकलने वाला पानी वैज्ञानिक शोध का विषय बना हुआ है.
पानी पीने के बाद बीमारी से ठीक हो रहे लोग! मेदिनीनगर के नावाटोली के रहने वाले सतीश कुमार का परिवार इसी चापाकल का इस्तेमाल करता है. सतीश कुमार बताते हैं कि इस चापाकल के पानी का इस्तेमाल करने से छोटी-मोटी बीमारियों से ठीक हुए हैं पानी पीने के बाद लोग तरोताजा महसूस करते है. चापाकल का पानी मीठा और मिनरल से भरा हुआ है. वो बताते हैं कि कई बार इसके पानी की जांच हुई है. चापाकल के बगल में कपड़े का दुकान संचालित करने वाले मनीष कुमार अग्रवाल बताते हैं कि चापाकल के पानी पीने के बाद पेट दर्द जैसी बीमारियों से निजात मिलती है.
चापाकल है शोध का विषयः एडन सोनिया डीजीटाटा पेड़ को संरक्षित और इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करवाने वाले का कौशिक मल्लिक ने बताया कि यह शोध का विषय कि पेड़ और चापाकल का संबंध क्या है. लोगों को इस चापाकल से स्वच्छ और निर्मल पानी मिल रहा है. सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इस विषय पर विस्तृत शोध करें. पलामू में तैनात डॉक्टर आरके रंजन बताते हैं कि चापाकल का पानी स्वास्थ्य के लिए काफी काफी फायदेमंद है.