पलामू: राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पालूम दौरे के दौरान चर्चित मंडल डैम परियोजना को लेकर रिपोर्ट मांगी है. अपने इस दौरे के दारौन राज्यपाल ने शुक्रवार को पलामू सर्किट हाउस में सिंचाई विभाग और पावर ग्रिड के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने मंडल डैम प्रोजेक्ट की समस्याओं के बारे में जानकारी ली. 5 जनवरी 2019 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलामू के चियांकि हवाई अड्डा से मंडल डैम में अधूरे कार्यो को पूरा करने की आधारशिला रखी थी, लेकिन अभी तक मंडल डैम को कार्य शुरू नही हुआ है.
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राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने बताया कि नक्सल के कारण मंडल डैम परियोजना प्रभावित हुई है लेकिन नक्सल समस्या कमजोर हो गई है. अब मंडल डैम के कार्यो को पूरा करने ले लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उम्मीद है कि मंडल डैम परियोजना को जल्द पूरा कर लिया जाएगा. राज्यपाल ने बताया कि सिंचाई परियोजनाओं को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक हुई है. इस बैठक में मंडल डैम को लेकर चर्चा हुई, इसमें जमीन अधिग्रहण और विस्थापितों को मुआवजा देने को लेकर भी राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों से बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को मुआवजा राशि देने को कहा गया है. जल संचयन वाले इलाके में अवैध रूप से काबिज लोगों को हटाया जाएगा. मंडल डैम परियोजना को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा.
मंडल का क्या है महत्व: मंडल डैम उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना का हिस्सा है. उतर कोयल नहर परियोजन 1972-73 में 30 करोड़ की लागत से शुरू हुई थी, वर्तमान में इस परियोजना की लागत 1622 करोड़ हो गई है. 1997 में नक्सलियो ने मंडल डैम निर्माण स्थल पर इंजीनियर की हत्या कर दी थी. उसके बाद से ही निर्माण कार्य है बंद है, पांच जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए आधारशिला रखी थी. मंडल डैम करीब 1007 हेक्टेयर में फैला हुआ है जबकि पूरा इलाका पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में मौजूद है. मंडल डैम परियोजना के पूरा होने से झारखंड में 49 हजार जबकि बिहार में 2.5 लाख हेक्टेयर में जमीन में सिंचाई की की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. इस परियोजना को पूरा करने में बिहार की भी हिस्सेदारी है.