पलामू: सड़क हादसों का शिकार जख्मी लोगों को जल्दी मदद नहीं मिल पाती है, कई जख्मी समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं जिस कारण उनकी मौत हो जाती है. सड़क हादसों में होने वाले मौत का आंकड़े को रोकना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर बड़ी संख्या में लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं और उनकी मौत हो रही है.
सड़क हादसों में मौत के आंकड़े को देखते हुए सरकार ने पहल करते हुए योजना की शुरूआत की है. सड़क हादसे में जख्मी लोगों को अस्पताल पहुंचने वाले व्यक्ति को राज्य सरकार की तरफ से 2000 रुपए जबकि केंद्र सरकार की तरफ से 5000 रुपए का इनाम दिया जाएगा. सरकार ऐसे मददगारों को गुड सेमेरिटन बोलेगी. झारखंड के पलामू में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत का आंकड़ा कहीं अधिक है.
2022 में पलामू में 248 सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े को रिकॉर्ड किए गए थे, जिसमें 209 लोगों की मौत हुई थी जबकि 123 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. 2023 के आंकड़ों पर गौर करें तो दिसंबर के पहले सप्ताह तक 209 सड़क दुर्घटनाओं में 166 लोगों की मौत के आंकड़े को रिकॉर्ड किया गया है. इन सड़क दुर्घटनाओं में 102 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं.
अदालत में बुलाए जाने पर प्रतिदिन के हिसाब से मिलेगा एक हजार रुपए: गुड सेमेरिटन को अदालत द्वारा जांच के लिए बुलाया जाता है तो प्रतिदिन एक हजार रुपए के दर से बैंक खाता में राशि को ट्रांसफर किया जाएगा. पलामू परिवहन विभाग ने ऐसे मददगारों को चिन्हित करने के लिए पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है. परिवहन विभाग में मददगारों को चिन्हित करने को कहा है ताकि उन्हें इनाम दिया जा सके.
हादसों को रोकने के ब्लैक स्पॉट समेत कई बिंदुओं पर किया जा रहा काम: पलामू के जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है. ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया जा रहा है. साथ ही साथ यह प्रयास किया जा रहा है कि नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर दुर्घटना के शिकार लोगों को जल्द से जल्द मदद मिल पाए. नेशनल हाईवे पर एक चेन तैयार किया जा रहा है ताकि दुर्घटना में जख्मी लोगों को गोल्डन ऑवर में अस्पताल पहुंचाया जा सके.
कई सड़क खतरनाक घोषित: राज्य की सरकार ने दुर्घटनाओं के ख्याल से पलामू के कई इलाकों में ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया है. डाल्टनगंज-रांची, डाल्टनगंजृ-औरंगाबाद, डाल्टनगंज-गढ़वा भाया शाहपुर में सबसे अधिक ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं. इन ब्लैक स्पॉट पर सबसे अधिक दुर्घटना की आशंका बनी हुई रहती है. डाल्टनगंज-औरंगाबाद रोड में प्रत्येक तीन से चार दिन में सड़क हादसे में एक व्यक्ति की जान चली जाती है.
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