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पलामू में 25 लड़कियों के सपनों को गरीबी ने तोड़ा, पैसे के अभाव में नहीं भर पाईं  परीक्षा फॉर्म

पैसे के अभाव में पलामू के मेदिनीनगर सर्वोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 25 लड़कियां मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाएंगी. स्कूल की 80 लड़कियों को मैट्रिक की परीक्षा देनी थी. मगर 55 ही परीक्षा फॉर्म भर पाईं.

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Published : Feb 7, 2019, 8:21 PM IST

Updated : Feb 9, 2019, 1:44 AM IST

देखिए रपेशल स्टोरी

पलामूः गरीबी बेहिसाब गम देती है, जब गम इंतेहा को पार कर जाती है तो आदमी सब भूल जाता है. गरीबी जब किसी के घर में डेरा डाल देती है तो जिंदगी के साथ अदावत शुरू हो जाती है. इसी गरीबी ने पलामू के 25 लड़कियों की जिंदगी को अंधेरे में डाल दिया है.

देखिए रपेशल स्टोरी
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पैसे के अभाव में पलामू के मेदिनीनगर सर्वोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 25 लड़कियां मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाएंगी. सभी लड़कियां मेदिनीनगर और उसके पास के इलाके की रहने वाली हैं. सर्वोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 80 लड़कियों को मैट्रिक की परीक्षा देनी थी. मगर 55 ही परीक्षा फॉर्म भर पाईं.

सर्वोदय स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल सुभाष कौशिक बताते हैं कि पैसे के अभाव में लड़कियां परीक्षा नहीं दे पा रही हैं. निजी तौर पर उन्होंने कुछ की मदद भी की. गांव में वो खुद गए और लड़कियों के परिजनों से बातचीत की. लेकिन अधिकतर पलायन कर गईं थीं. स्कूल की शिक्षिका शशिकला बताती हैं कि छात्राओं के पास रजिस्ट्रेशन के लिए 85 रुपये भी नहीं थे. 55 लड़कियां जिन्होंने फॉर्म भरा था, उन्हें भी निजी तौर पर मदद की गई है.

पलामूः गरीबी बेहिसाब गम देती है, जब गम इंतेहा को पार कर जाती है तो आदमी सब भूल जाता है. गरीबी जब किसी के घर में डेरा डाल देती है तो जिंदगी के साथ अदावत शुरू हो जाती है. इसी गरीबी ने पलामू के 25 लड़कियों की जिंदगी को अंधेरे में डाल दिया है.

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पैसे के अभाव में पलामू के मेदिनीनगर सर्वोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 25 लड़कियां मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाएंगी. सभी लड़कियां मेदिनीनगर और उसके पास के इलाके की रहने वाली हैं. सर्वोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 80 लड़कियों को मैट्रिक की परीक्षा देनी थी. मगर 55 ही परीक्षा फॉर्म भर पाईं.

सर्वोदय स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल सुभाष कौशिक बताते हैं कि पैसे के अभाव में लड़कियां परीक्षा नहीं दे पा रही हैं. निजी तौर पर उन्होंने कुछ की मदद भी की. गांव में वो खुद गए और लड़कियों के परिजनों से बातचीत की. लेकिन अधिकतर पलायन कर गईं थीं. स्कूल की शिक्षिका शशिकला बताती हैं कि छात्राओं के पास रजिस्ट्रेशन के लिए 85 रुपये भी नहीं थे. 55 लड़कियां जिन्होंने फॉर्म भरा था, उन्हें भी निजी तौर पर मदद की गई है.

Intro:गरीबी ने अंधेरे में डाल दी बच्चियों की जिंदगी को, पैसे के अभाव में 25 लड़कियां नही दे पाएंगे मैट्रिक की परीक्षा

नीरज कुमार, पलामू

गरीबी बे हिसाब गम देती है, जब गम इंतेहा को पार कर जाती है तो आदमी सब भूल जाता है। गरीबी जब किसी के घर मे डेरा डाल देती है तो जिंदगी के साथ अदावत शुरू हो जाती है। इसी गरीबी ने पलामू के 25 लड़कियों की जिंदगी के अंधेरे में डाल दिया है । पैसे में अभाव में पलामू के मेदिनीनगर सरवोदय गर्ल्स हाई स्कूल की 25 लड़कियां मैट्रिक का परीक्षा नही दे पाएंगी। सभी लड़कियां मेदिनीनगर और उसके पास के इलाके की रहने वाली हैं । सरवोदय गर्ल्स हाई स्कूल के 80 लड़कियो को मैट्रिक का परीक्षा देने था , मगर 55 ही परीक्षा का फॉर्म भर पाई।


Body:सरवोदय स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल शुभाष कौशिक बताते है कि पैसे के अभाव में लड़कियां परीक्षा नही दे पाई, निजी तौर पर उन्हीने कुछ को मदद भी किया। गांव में वे खुद गए है और लड़कियो के परिजनों से बातचीत किया , लेकिन अधिकतर पलायन कर गई थी। स्कूल की शिक्षिका शशिकला बताती है कि छात्राओं के पास रजिस्ट्रेशन के लिए 85 रुपये भी नही थे। 55 लड़कियां जिन्होंने फॉर्म भरा था , उन्हें भी निजी तौर पर मदद की गई है।

गरीबी के कारण कई लड़कियां परिवार सहित कर गई है पलायन

सरवोदय स्कूल में मैट्रिक का परीक्षा फार्म नही भर पाने वाली अधिकतर लड़कियां परिवार सहित पलायन कर गई है। मेदिनीनगर से करीब पांच किलोमीटर की दूर पर मौजूद भुसही गांव की नीतू और सिंधु परिवार सहित पलायन कर गए हैं। दोनों का परिवार ईंटभट्टा में काम करने गया है। नीतू की दादी ने बताया कि पैसा कमाने के लिए सभी बाहर चले गए हैं।


Conclusion: मैट्रिक एक छात्रा ने बताया कि सरवोदय स्कूल में अधिकतर गरीब घर की लड़कियां पढ़ती है, उसके पास भी फॉर्म भरने के लिए पैसे नही थे, लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल ने उनकी मदद की। वह बताती है कि जिन्होंने फार्म नही भरा है, वे गरीब है वे पढ़ना चाहती थी मगर पैसा नही रहने के कारण नही पढ़ पाई।


सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। सरवोदय स्कूल की घटना बता रही है की सरकार का यह नारा कितनी साकार हो रही है।
Last Updated : Feb 9, 2019, 1:44 AM IST
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